मुंबई (Mumbai) के पूर्व क्रिकेटर वासु परांजपे (Vasu Paranjape) का 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने मुंबई और बड़ौदा दोनों की तरफ से 29 प्रथम श्रेणी मुकाबले खेले थे। वह 1956 से लेकर 1970 के दौरान खेले थे। उन्हें लीडरशिप क्वालिटी और मजाकिया स्वभाव के लिए जाना जाता था। खिलाड़ी भी उनको एक प्रभावशाली व्यक्तित्व मानते थे। उनके बेटे जतिन परांजपे भारत के लिए खेल चुके हैं।
परांजपे ने अपने प्रथम श्रेणी करियर में 23.78 की औसत से 785 रन बनाए और नौ विकेट झटके। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने सुनील गावस्कर, दिलीप वेंगसरकर और रोहित शर्मा सहित शहर से उभरने वाले कई अन्य प्रमुख क्रिकेटरों को सलाह और कोचिंग दी। उनको कोचिंग कौशल के लिए भी जाना जाता था।
वासु परांजपे का व्यक्तित्व कुछ ऐसा था कि राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, युवराज सिंह जैसे खिलाड़ी भी उनसे प्रभावित थे। ये सभी मुंबई से बाहर के होने के बाद भी परांजपे को मानते थे। इसके अलावा मुंबई की लोकल क्रिकेट में भी उनका एक अलग नाम हुआ करता था। अपने दिनों में उन्होंने दादर की टीम स्टार स्टडेड दादर यूनियन का प्रतिनिधित्व किया। यह टीम उस समय की मजबूत टीमों में से एक मानी जाती थी।
कई वर्षों तक वह राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में एक कोच के रूप में सेवा देने के अलावा कई राष्ट्रीय युवा टीमों के कोच और प्रबंधन का कार्य भी करते थे। खास बात यह है कि वासु परांजपे के बेटे जतिन परांजपे ने भारतीय टीम के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला है। जतिन ने टीम इंडिया के लिए 4 वनडे मैचों में शिरकत की है। हालांकि इस दौरान वह ज्यादा सफल नहीं रहे और महज 54 रन ही बना पाए। बाद में टीम में उन्हें वापस जगह नहीं मिली।
मुंबई क्रिकेट में वासु परांजपे एक बड़ा नाम थे और उनके निधन से मुंबई क्रिकेट को जरुर एक बड़ा झटका लगा है। वह आगे की सोचकर चलने वाले इंसान थे।