2011 के आईपीएल सीजन में पुणे वॉरियर्स इंडिया की टीम क्रिस गेल को साइन करने वाली थी। लेकिन टीम के हेड कोच ज्योफ मार्श ने गेल को टीम में शामिल करने का विरोध किया था। मार्श के मुताबिक क्रिस गेल काफी अनुशासनहीन थे और अगर वो आते तो टीम का माहौल खराब कर देते। ये खुलासा पुणे वॉरियर्स इंडिया के पूर्व डायरेक्टर अभिजीत सरकार ने खुद किया है।
स्पोर्ट्सकीड़ा के फेसबुक पेज पर इंद्रानिल बसु के साथ खास बातचीत में अभिजीत सरकार ने ये खुलासा किया। उन्होंने बताया कि जब 2011 के आईपीएल सीजन से एंजेलो मैथ्यूज चोट के कारण बाहर हो गए थे तो क्रिस गेल को टीम में लाने की बात चली थी। गेल को केकेआर ने रिलीज कर दिया था।
अभिजीत सरकार ने कहा,
जब हमने अपनी टीम के दोनों कोच और मैनेजर के साथ कॉन्फ्रेंस कॉल के जरिए बात की तो गेल को टीम में लाने की बात उठी। हमने कहा कि क्यों नहीं मैथ्यूज की जगह क्रिस गेल को टीम में लिया जाए। ज्योफ मार्श ने तुरंत इसका विरोध किया और कहा कि गेल अनुशासनहीन खिलाड़ी हैं। वो टीम के माहौल को खराब कर देंगे और टीम को कंट्रोल करना काफी मुश्किल हो जाएगा। मैं गेल को लेने के पक्ष में नहीं हूं। हमने उनको मनाने की कोशिश की लेकिन वो नहीं माने।
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क्रिस गेल को 2011 में आरसीबी ने साइन किया था
जब क्रिस गेल को टीम में लाने की बात नहीं बन पाई तो आखिर में ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर जेम्स फॉकनर को पुणे की टीम ने साइन किया था। वहीं दूसरी तरफ रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने क्रिस गेल को साइन कर लिया था। आरसीबी ने डर्क नैन्स की जगह गेल को साइन किया था।
क्रिस गेल ने 2011 के आईपीएल सीजन में जबरदस्त प्रदर्शन किया था और उस सीजन आरसीबी की टीम फाइनल तक पहुंची थी। वो उस सीजन सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। दिलचस्प बात ये है कि 2013 के आईपीएल सीजन में उन्होंने पुणे वॉरियर्स इंडिया के खिलाफ टी20 क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी पारी (175) खेली थी।
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