स्कॉटलैंड के पूर्व कप्तान और दिग्गज खिलाड़ी काइल कोट्जर (Kyle Coetzer) ने तत्काल प्रभाव से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। 38 वर्षीय को अपने देश के सबसे सफलतम खिलाड़ियों में शुमार किया जाता है। हालाँकि, अब कोट्जर कोचिंग की भूमिका में नजर आएंगे। उन्होंने राचेल हेहो फ्लिंट ट्रॉफी और शार्लेट एडवर्ड्स कप के लिए नॉर्दर्न डायमंड्स के साथ सहायक कोच की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली है।
लगभग दो दशक पहले स्कॉटलैंड के लिए डेब्यू करने वाले कोट्जर वनडे में अपने देश के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होंने अपने करियर के 89 वनडे मुकाबलों में 38.92 की औसत के साथ 3192 रन बनाये। इस दौरान उनके बल्ले से पांच शतक और 21 अर्धशतक आये। एक शतक उन्होंने 2015 वर्ल्ड कप में बनाया था और वह ऐसे करने वाले अपने देश के पहले खिलाड़ी बने थे। कोट्जर के नाम 70 टी20 मुकाबलों में 1495 रन दर्ज हैं।
कप्तान के तौर पर काइल कोट्जर की सबसे बड़ी उपलब्धियों के रूप में 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ मिली वनडे जीत और 2021 टी20 वर्ल्ड कप के सुपर 12 स्टेज तक टीम को पहुंचाना है। कोएट्जर ने मई 2022 में स्कॉटलैंड के अमेरिका के वनडे दौरे के अंत में कप्तानी से इस्तीफा दे दिया था और टी20 से भी संन्यास ले लिया था।
काइल कोट्जर ने अपने संन्यास को लेकर दी प्रतिक्रिया
स्कॉटिश दिग्गज ने कहा कि उन्हें कोचिंग का अच्छा मौका मिला जिसे ठुकराया नहीं जा सकता था। इसके अलावा उन्हें अपने करियर के यादगार लम्हों का भी जिक्र किया। कोट्जर ने कहा,
मुझे नहीं लगता कि इस तरह के फैसले के लिए कोई सही समय है, लेकिन मैं कुछ समय से अपने विकल्पों पर विचार कर रहा हूं, और एक मौका आया जो ठुकराया नहीं जा सकता था। प्रदर्शन के खेल में सीधे जाने का मौका हमेशा नहीं होता है, और मैं भाग्यशाली हूं कि इस समय मेरे लिए यह अवसर खुल गया और मैं इसे ले सकता हूं। मैं अपने स्कॉटलैंड करियर में इतना भाग्यशाली रहा हूं कि हाइलाइट चुनना मुश्किल है। 2016 में भारत में हांगकांग के खिलाफ आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप में हमारी पहली जीत हासिल करना विशेष था। लेकिन फिर पूरा 2018 ऐसा ही था। ग्रेंज में इंग्लैंड के खिलाफ जीत सिर्फ अद्भुत थी। उस पूरे साल - श्रीलंका, जिम्बाब्वे, इंग्लैंड - दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने के बारे में खिलाड़ियों के बीच गति और विश्वास के बदलाव की तरह महसूस किया। 2021 में आईसीसी टी20 सुपर 12 में पहुंचना, पहले कभी इसे हासिल नहीं करना, और उस टीम का कप्तान होना, हमेशा मेरे साथ रहेगा।