ICC World Cup 2019: ख़िताब जीतने के 4 प्रबल दावेदार

क्रिकेट के सबसे बड़े टूर्नामेंट की तैयारी उन सभी शीर्ष 10 देशों के लिए शुरू चुकी है जिन्होंने विश्वकप 201 9 के लिए क्वालिफाई किया है। यह मेगा इवेंट 30 मई 2019 को शुरू होगा, मेजबान इंग्लैंड टूर्नामेंट के पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगी। विश्व कप के इस संस्करण का प्रारूप दस टीमों के बीच राउंड-रॉबिन प्रारूप में बदल दिया गया है, जिसमें प्रत्येक टीम कुल नौ मैचों में खेल रही है। शीर्ष 4 टीमें सेमीफाइनल और फाइनल के नाकआउट चरण में जाएँगी। यह 1992 के विश्व कप प्रारूप के समान है जहां आठ टीमों ने राउंड रॉबिन प्रारूप में एक दूसरे के खिलाफ प्रतिस्पर्धा की थी। लॉर्ड्स में 14 जुलाई को फाइनल खेला जायेगा। सभी टीमों ने अपनी तैयारी पूरी तरह से शुरू कर दी है क्योंकि टूर्नामेंट में अब साल भर से भी कम का समय बचा है। अब तक 2015 विश्वकप के बाद, कुछ टीमों ने शानदार प्रदर्शन किया है जबकि कुछ टीमों ने आगे बढ़ने के लिए संघर्ष किया है। यहाँ हम वर्तमान फॉर्म और स्थिरता के हिसाब से, ख़िताब जीतने के लिए चार सबसे मजबूत दावेदार पर नज़र डाल रहे हैं।

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# 4 ऑस्ट्रेलिया

मौजूदा चैंपियन विश्व क्रिकेट में सबसे मजबूत टीमों में से एक हैं। जब बड़े टूर्नामेंट की बात आती है, तो ऑस्ट्रेलियाई सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले हैं और दबाव को अच्छी तरह से संभालते हैं। विश्वकप के आखिरी 5 संस्करणों में, उन्होंने 4 खिताब जीते हैं और 2011 में भारत में खेले गए विश्वकप में वह क्वार्टर फ़ाइनल तक पहुंचे थे। सैंडपेपर गेट घटना ने डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ की सेवाओं के बिना ऑस्ट्रेलिया टीम को बहुत मुश्किल में डाला है, लेकिन वे अभी भी एक बहुत मजबूत टीम हैं। गेंदबाजी लाइन-अप में मिचेल स्टार्क, पैट कमिन्स, जोश हैज़लवुड और एंड्रयू टाई के साथ बैक अप गेंदबाज भी बहुत बेहतर हैं। स्पिन विभाग में, उनके पास एश्टन अगर और एडम ज़म्पा है। बल्लेबाजी में शीर्ष पर डी'आर्सी शॉर्ट और आरोन फिंच जैसे आक्रामक खिलाड़ी हैं, जबकि मध्य क्रम में उनके पास ग्लेन मैक्सवेल, ट्रेविस हेड और मार्कस स्टोइनीस हैं। इसके अलावा, वॉर्नर और स्मिथ विश्व कप से पहले वापस आ जाएंगे जो उनकी संभावनाओं को बढ़ा देंगे। ऑस्ट्रेलियाई टीम एक बहुत ही संतुलित टीम दिखती है, और नॉकआउट चरणों में अपना खेल बेहतर करने की उनकी क्षमता के साथ वे अपने खिताब की रक्षा कर सकते हैं।

# 3 न्यूज़ीलैंड

2015 से पहले के विश्व कप के संस्करणों में कीवी टीम को हमेशा “डार्क हॉर्स” कहा जाता था और हमेशा अपने प्रदर्शन से इसे सही भी साबित करते रहे हैं। 2015 के टूर्नामेंट में, ब्रेंडन मैकुलम और उनकी टीम ने क्रिकेट के एक आक्रामक ब्रांड और जीत के लिए लड़ने वाली टीम बन इतिहास बदल दिया। नतीजतन, वे विश्व कप के इतिहास में पहली बार फाइनल में पहुंचे और उपविजेता के रूप में टूर्नामेंट समाप्त किया। मैकुलम के संन्यास के बाद, केन विलियम्सन ने कप्तानी संभाली है और टीम का खूबसूरती से नेतृत्व किया है। इस आईपीएल सीजन में, उन्होंने शानदार कप्तानी के साथ बल्ले से भी शानदार प्रदर्शन किया। न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी शीर्ष पर कॉलिन मुनरो और मार्टिन गुपटिल के साथ मजबूत दिखती है, जबकि मध्य क्रम में उनके पास विलियमसन, रॉस टेलर और टॉम लेथम जैसे खिलाड़ी हैं। न्यूजीलैंड के पास कॉलिन डी ग्रैंडहोम और हेनरी निकोलस के रूप में बड़े शॉट खेलने वाले खिलाड़ी भी है। मिशेल सैंटनर अपनी सभी क्षमताओं के साथ टीम को आवश्यक संतुलन प्रदान करते है। गेंदबाजी विभाग में, ट्रेंट बोल्ट और टिम साउथी के साथ मिशेल मैकक्लेनघन या एडम मिलने तीसरे सीमर के रूप में आक्रमण का नेतृत्व करेंगे। सैंटनर और ईश सोढ़ी की स्पिन जोड़ी भी घातक दिखती है और मध्य ओवर में विकेट निकलने की क्षमता है। कुल मिलाकर, कीवी टीम कागज पर बहुत मजबूत दिखती है और अंग्रेजी स्थितियों पर विचार करने पर वह ख़िताब को जीतने के प्रबल दावेदार होंगे।

# 2 भारत

आईसीसी वनडे रैंकिंग में वर्तमान में नंबर 2 पर काबिज़ भारत, विश्व कप जीतने के प्रबल दावेदारों में से एक है। टीम बेहतरीन फॉर्म में रही है और लगातार अच्छा कर रही है। चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में, भारत ने शानदार प्रदर्शन किया और फाइनल में अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वियों पाकिस्तान के खिलाफ हारने के बाद उपविजेता के रूप में टूर्नामेंट समाप्त किया। भारतीय टीम का बल्लेबाज़ी क्रम एक बेहद स्थिर और विपक्षियों के लिए भयावह क्रम है जिसमें शीर्ष क्रम में शिखर धवन, रोहित शर्मा और विराट कोहली है। उन्होंने इस प्रारूप में बड़ी स्थिरता दिखाई है और अधिकांश मौकों पर रन बनाए हैं। एमएस धोनी और दिनेश कार्तिक मध्य क्रम में आवश्यक स्थिरता देते हैं। धोनी की उपस्थिति टीम के लिए एक बड़ा कारक है क्योंकि वह कोहली और टीम का दबाव की स्थिति में मार्गदर्शन कर सकते है। पिछले दो सालों में भारत की गेंदबाजी में बड़ा सुधार रहा है, जिसमें जसप्रित बुमरा और भुवनेश्वर कुमार गेंदबाजी हमले का नेतृत्व कर रहे हैं। कलाई स्पिनरों, कुलदीप यादव और युजेंद्र चहल ने भी अपने विकेट लेने की क्षमताओं के साथ बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। हार्डिक पांड्या इस टूर्नामेंट के लिए बहुत जरूरी एक्स-फैक्टर हैं और टीम की सफलता में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। विश्व कप 2011 के बाद से, भारत ने बड़े टूर्नामेंटों में स्थिरता दिखाई है और लगभग हर बार सेमीफाइनल और फाइनल में जगह बनाते आये हैं। इस टूर्नामेंट में सफल होने के लिए टीम के पास सभी खूबियाँ हैं और इस बार वह इस ख़िताब को जीतना चाहेंगे।

# 1 इंग्लैंड

पिछले विश्व कप के बेहद ख़राब प्रदर्शन के बाद, इंग्लैंड ने क्रिकेट के आक्रामक ब्रांड को खेलकर एक बड़ा बदलाव किया है। वर्तमान में इंग्लैंड की वनडे टीम टेस्ट टीम से बहुत अलग है। इंग्लैंड की टीम ने सभी पक्षों पर काम किया है और वो एक बहुत ही मजबूत टीम है और पिछले तीन वर्षों से शानदार ढंग से खेलते आ रहे है। निस्संदेह, वे ऐसी टीम हैं जिन्हें हराना आसान नही है और इसके चलते वो इस बार खिताब को जीतने के सबसे बड़े दावेदार हैं। सलामी बल्लेबाज़ के तौर पर जॉनी बेयरस्टो और जेसन रॉय टीम को तेज़ शुरुआत देने की क्षमता रखते हैं, तो वही इस टीम के पास एक विनाशकारी मध्यक्रम है, जहाँ एलेक्स हेल्स, जो रूट और इयोन मोर्गन ज़िम्मेदारी के साथ खड़े रहते हैं। जोस बटलर, बेन स्टोक्स और मोइन अली फिनिशर की भूमिका निभाएंगे। गेंदबाजी विभाग में, क्रिस वोक्स, लियाम प्लंकेट, डेविड विली और मार्क वुड 4 संभावित तेज गेंदबाज़ हैं जबकि आदिल राशिद और मोइन अली इस टीम में स्पिनर होंगे। घरेलू परिस्थितियों में इंग्लैंड की ताकत को ध्यान में रखते हुए और यह ध्यान रखते हुए कि पिछले दो विश्व कप विजेता मेजबान टीमें रही हैं, इंग्लैंड वर्तमान में विश्व कप जीतने के संभावितों में सबसे आगे दिख रहे हैं। लेखक: प्रथमेश पाटिल अनुवादक: राहुल पांडे

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