अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद् (आईसीसी) ने खुलासा किया है कि 1 जून 2017 से लेकर 31 मई 2018 तक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के 4 कप्तानों ने आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट से संपर्क किया था। आईसीसी ने अपनी सालाना रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया कि संदिग्ध गतिविधियों के चलते इन कप्तानों ने भ्रष्टाचार निरोधक ईकाई से संपर्क साधा जो कि काफी अच्छी बात है। आईसीसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जून 2017 से लेकर मई 2018 तक कुल मिलाकर 18 मामलों की जांच की गई। आईसीसी ने कहा कि ये जानकार खुशी हो रही है कि ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों का विश्वास एंटी करप्शन यूनिट में बढ़ रहा है और किसी भी संदिग्ध गतिविधि को लेकर वे एसीयू से संपर्क कर रहे हैं। 4 अंतर्राष्ट्रीय कप्तानों को एप्रोच किया गया था और उन सबने इसकी जानकारी आईसीसी की भ्रष्टाचार निरोधक ईकाई को दी। 18 मामलो में से 5 की जांच खत्म हो चुकी है जबकि 4 मामलों में आरोप तय कर दिए गए हैं। इनमें से एक मामला अल जजीरा न्यूज चैनल के स्टिंग ऑपरेशन का भी है, जिसमें उन्होंने फिक्सिंग का सनसनीखेज खुलासा किया था। अल जजीरा ने अपने स्टिंग में खुलासा किया था कि कुछ क्रिकेटर पैसे लेकर खराब प्रदर्शन करते हैं। आईसीसी ने उसकी भी जांच की। गौरतलब है क्रिकेट में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जब खिलाड़ियों से फिक्सिंग के लिए संपर्क साधा गया हो। कई खिलाड़ी इसका शिकार बन चुके हैं। इसी को लेकर आईसीसी में एंटी करप्शन यूनिट बनी हुई है ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। 1 सितंबर 2017 को एंटी करप्शन यूनिट के नियमों में कुछ बदलाव हुआ था, जिस पर सभी देशों के क्रिकेट बोर्ड ने भी अपनी सहमति प्रदान की थी। इसके मुताबिक एसीयू के पास किसी भी खिलाड़ी के फोन रिकॉर्ड को खंगालने का अधिकार है। आईसीसी ने कहा कि सदस्य देशों ने इस तरह की गतिविधियों को लेकर सूचनाओं का आदान-प्रदान किया है। इससे भ्रष्टाचार रोकने में काफी मदद मिली है।