हर वह क्रिकेट प्रशंसक जिसने अपने बचपन में कभी गेंदबाजी तो कभी बल्लेबाजी की है उसने अपने देश के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने का सपना देखा है। फटाफट क्रिकेट की बढ़ती डिमांड के बावजूद इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि टी-20 प्रदर्शनों में अधिकतर भुला दिए जाते हैं लेकिन टेस्ट प्रदर्शन के लिए हर क्रिकेट खिलाड़ी के साथ-साथ क्रिकेट प्रशंसकों के दिल में एक विशेष स्थान होता है। आधुनिक युग में अधिकांश खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट खेलने से पहले अपने एकदिवसीय और टी-20 करियर की शुरुआत करते हैं। इसके बजाय, उन्हें अपने सीमित ओवरों के प्रदर्शन के आधार पर 'टेस्ट कैप दिया जाता है'। टी-20 की बढ़ती लोकप्रियता के बावजूद क्रिकेट विशेषज्ञों द्वारा टेस्ट क्रिकेट को अब भी खेल का सबसे बड़ा प्रारूप माना जाता है। क्रिकेटरों के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना एक 'प्रतिष्ठा' है जिसका बहुत कम लोगो को आनंद मिला है। इन दिनों दुनिया भर के क्रिकेटर टी-20 लीग के लिए खुद को प्रतिबद्ध रखते हैं, लेकिन उनमें से कई ऐसे हैं जिन्हें वर्षों से खेल के सबसे लंबे प्रारूप को खेलने का मौका प्राप्त नहीं हुआ हो सका है। ये खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट में सफल रहे होंगे पर उन्हें दोबारा मौका नहीं दिया गया और खेल के सीमित प्रारूपों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने को कहा गया। इस लेख में, हम उन 4 खिलाड़ियों को देखेंगे जिन्होंने अपने देश के लिए केवल 1 टेस्ट मैच खेला है। नोट: यहां केवल उन खिलाड़ियों की चर्चा की गयी है जिन्होंने इकलौता टेस्ट मैच 1 जनवरी, 2014 से पहले खेल है।
#4 एल्बी मॉर्केल (केपटाउन, 2009)
अपने समय के सर्वश्रेष्ठ टी-20 ऑलराउंडर्स में से एक एल्बी मॉर्केल ने मार्च 2009 में केपटाउन में दक्षिण अफ्रीका की तरफ से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ केवल एक मैच खेला। इस मैच के लिए उनके गेंदबाजी आंकड़े अच्छे नहीं रहे क्योंकि उन्होंने इस मैच में 132 रन देकर सिर्फ एक विकेट हासिल किया। हालांकि बल्ले के साथ उन्होंने अपनी इकलौती टेस्ट पारी में 58 रन बनाए। अपने भाई मॉर्ने के विपरीत एल्बी लंबे समय तक टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल पाये। वनडे में उन्होंने 58 मैचों में 782 रन और 50 विकेट लिये है। वहीं टी-20 में खेले गये 51 मैचों में एल्बी के नाम 572 रन और 26 विकेट हैं। आईपीएल में लंबे समय से मॉर्केल एक बहुत लोकप्रिय खिलाड़ी रहे है, एल्बी ने कई सालों तक चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेला है हालांकि अब वह टीम का हिस्सा नहीं है। ऐसे में एल्बी शायद ही कभी दक्षिण अफ्रीका के लिए खेल पायेंगे।
#3 आंद्रे रसेल (गाले, 2010)
यह खिलाड़ी दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय टी-20 क्रिकेटरों में से एक है। हालांकि विंडीज़ के इस लोकप्रिय खिलाड़ी का टेस्ट करियर कुछ खास नहीं रहा है। आंद्रे रसेल ने वेस्टइंडीज के लिए नवंबर 2010 में गाले में श्रीलंका के खिलाफ अपना इकलौता टेस्ट खेला था, यह वही टेस्ट था जिसमें क्रिस गेल ने 333 रन बनाये थे। वह उस मैच में गेंद के साथ काफी मंहगे साबित हुए थे, रसेल ने 23 ओवर के अपने स्पेल में 104 रन पर 1 विकेट लिया था। बल्लेबाजी में भी वह प्रभावित करने में असफल रहे क्योंकि वह उस मैच में केवल 2 रन ही बना सके थे। आंद्रे रसेल ने 51 वनडे और 44 टी-20 में विंडीज का प्रतिनिधित्व किया है। हालांकि उन्हें केंद्रीय अनुबंध नहीं दिया गया है और रसेल अब नियमित रूप से विंडीज़ के लिए नहीं खेलते है।
#2 जेम्स फॉक्नर (ओवल, 2013)
यह करिश्माई ऑलराउंडर कुछ समय के लिए सीमित प्रारूपों में ऑस्ट्रेलिया टीम का एक सितारा था। हालांकि, उसे अगस्त 2013 में ओवल में इंग्लैंड के खिलाफ अपने करियर में सिर्फ एक बार सफेद जर्सी पहनने का मौका मिला। मैच में उनकी शुरुआत काफी अच्छी रही, फॉकनर ने मैच में 6 विकेट लिए और 104 रन की स्ट्राइक रेट के साथ दोनों पारियों में कुल मिलाकर महत्वपूर्ण 45 रन का योगदान दिया। उनके इकलौते टेस्ट और प्रभावशाली एकदिवसीय प्रदर्शन के बावजूद ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ताओं ने कभी उन्हें तवज्जो नहीं दिया वो कमजोर प्रदर्शन करने वाले शेन वॉटसन और संघर्ष करने वाले मिचेल मार्श के साथ ही बने रहे। जेम्स फॉक्नर ने 69 वनडे में और 24 टी-20 में क्रमशः 96 और 36 विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया टीम का प्रतिनिधित्व किया। मिचेल स्टार्क, जोश हेज़लवुड, पैट कमिन्स और मिचेल मार्श के होने से ऐसा लगता नहीं है कि फॉक्नर जल्द ही कभी सफेद जर्सी में नजर आयेगे।
#1 विनय कुमार (पर्थ, 2012)
कर्नाटक के तेज गेंदबाज ने पर्थ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जनवरी 2012 में टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए अपनी इकलौती उपस्थिति दर्ज करायी थी। उन्होंने 13 ओवरों में 5.62 की महंगी इकॉनमी रेट पर 73 रन देकर मात्र 1 विकेट हासिल किया और वह विकेट माइकल हसी का था। इसके बाद विनय की टेस्ट क्रिकेट में दोबारा एंट्री नहीं हो सकी। बहुत अधिक रनों देने के लिए उनकी अक्सर आलोचना की जाती है, जिससे अन्य गेंदबाजों पर दबाव और अधिक बढ़ जाता है। विनय ने 31 एक दिवसीय और 9 टी-20 में क्रमश: 38 और 10 विकेट लिए हैं। भारत के लिए उन्हें आखिरी बार नवंबर 2013 में खेलने का मौका मिला था। भारत के टेस्ट क्रिकेट में अब तेज गेंदबाजों की बड़ी खेप आयी है, जिसमें मोहम्मद शमी, उमेश यादव और भुवनेश्वर कुमार जैसे नाम शामिल हैं। ऐसे में विनय के लिए फिर से भारत का प्रतिनिधित्व करने की संभावना नहीं है। लेखक- अर्थव आप्टे अनुवादक- सौम्या तिवारी