आईसीसी वर्ल्ड कप को ख़त्म हुए अब 4 साल से ज़्यादा का वक़्त बीत गया है। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने आख़िरी वर्ल्ड कप जीता था। जनवरी 2017 के बाद ऑस्ट्रेलिया अब तक 2 देशों की वनडे सीरीज़ जीतने में नाकाम रही है। कई और ऐसी टीम हैं जिनका पिछले वर्ल्ड कप के बाद से प्रदर्शन में काफ़ी सुधार देखने को मिला है। कई टीम अगले साल इंग्लैंड और वेल्स में होने वाले वर्ल्ड कप की दावेदार है। यहां हम उन 4 टीम के बारे में चर्चा कर रहे हैं जिनका पिछले वर्ल्ड कप बाद से हार और जीत का अनुपात सबसे ज़्यादा है। ये टीम इस प्रकार हैं।
#4 न्यूज़ीलैंड (1.40)
मैच खेले: 62 जीते: 35 हारे: 25 टाई: 0 कोई नतीजा नहीं: 2 हार-जीत का अनुपात: 1.40 न्यूज़ीलैंड की टीम साल 2015 के वर्ल्ड कप में उप-विजेता रही थी। उस टूर्नामेंट के बाद कीवी टीम ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है, वो भी ऐसे हालात में जब ब्रैंडन मैक्कुलम ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। मैक्कुल ने साल 2016 में ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। केन विलियमसन ने अब कीवी टीम की ज़िम्मेदारी संभाल ली है और इसे आगे ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वो मैक्कुलम की तरह ही आक्रामक क्रिकेट खेलने के शौकीन हैं। हांलाकि ये टीम साल 2017 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी के पहले ही दौर में बाहर हो गई थी। साल 2015 के बाद से इस टीम ने 62 मैच खेले हैं जिसमें 35 में जीत हासिल हुई है। इस हिसाब से उनके जीत का अनुपाल 1.40 का रहा है।
#3 दक्षिण अफ़्रीका (1.48)
मैच खेले: 55 जीते: 31 हारे: 21 टाई: 0 कोई नतीजा नहीं: 1 हार-जीत का अनुपात: 1.48 भले ही टीम इंडिया ने इस साल वनडे सीरीज़ में प्रोटियाज़ टीम को 5-1 से हरा दिया था, लेकिन हम कह सकते हैं कि साल 2015 के वर्ल्ड कप के बाद इस टीम का प्रदर्शन लगातार अच्छा रहा है। हांलाकि दक्षिण अफ़्रीकी टीम पिछला वर्ल्ड कप जीत नहीं पाई थी और सेमीफ़ाइनल में बाहर हो गई थी। इसके बावजूद इस टीम के खेल में कोई कमी नहीं आई है। साल 2017 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी में दक्षिण अफ़्रीकी ग्रुप स्टेज में ही बाहर हो गई थी। जिसकी वजह से एबी डिविलियर्स ने अपनी कप्तानी फ़ॉफ़ डुप्लेसी को सौंप दी थी। साल 2015 में दक्षिण अफ़्रीका ने भारत के ख़िलाफ़ 3-2 से वनडे सीरीज़ जीती थी। इसके अलावा साल 2016 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ प्रोटियास टीम को 5-0 से जीत हासिल हुई थी। आज इस टीम के महान खिलाड़ी एबी डिविलियर्स और मॉर्ने मॉर्कल ने संन्यास ले लिया है और डेल स्टेन लगातार चोट का शिकार रहे हैं। साउथ अफ़्रीकी टीम में एडेन मार्क्रम, जूनियर डाला, लुंगी नगीदी और हेनरिच क्लासें जैसे युवा खिलाड़ी उभरकर सामने आए हैं ऐसे में 2019 के लिए एक मज़बूत टीम तैयार हो गई है। पिछले वर्ल्ड कप के बाद साउथ अफ़्रीकी ने 53 मैच खेले हैं जिसमें 31 मैच में जीत हासिल हुई है। इस हिसाब से इस टीम की हार-जीत का अनुपाल 1.48 है।
#2 भारत (2.05)
मैच खेले: 59 जीते: 39 हारे: 19 टाई: 0 कोई नतीजा नहीं: 1 हार-जीत का अनुपात: 2.05 साल 2015 के आईसीसी वर्ल्ड कप 2015 के तुरंत बाद टीम इंडिया का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। पिछले वर्ल्ड कप में भारत को सेमीफ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ हार का सामना करना पड़ा था। धोनी की कप्तानी में भारत ने पहली बार बांग्लादेश के ख़िलाफ़ सीरीज़ गंवाई थी। साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ घरेलू सीरीज़ में टीम इंडिया को 2-3 से हार का सामना करना पड़ा था। 2015-16 के सीज़न नें भारतीय टीम 5 मैचों की वनडे सीरीज़ 1-4 से हार गई थी। उस वक़्त टीम इंडिया अच्छे तेज़ गेंदबाज़ की कमी से जूझ रही थी। भुवनेश्वर कुमार चोटिल थे, मोहित शर्मा और उमेश यादव लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे। जब से जसप्रीत बुमराह की टीम इंडिया में एंट्री हुई है जब तब से इस टीम की किस्मत बदल गई। साल 2016-17 में ये चर्चाएं तेज़ हो गईं थीं कि कोहली को सीमित ओवर के खेल के लिए कप्तानी सौंप दी जाए। साल 2017 की शुरुआत में धोनी ने वनडे टीम के कप्तानी कोहली को सौंप कर सबको चौंका दिया था। टीम इंडिया ने पिछले साल इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 2-1 से वनडे सीरीज़ जीती थी। इसके बाद आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी में भारतीय टीम ने फ़ाइनल का सफ़र तय किया था, लेकिन फ़ाइनल में इस टीम को पाकिस्तान के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद रवीचंद्र अश्विन और रवींद्र जडेजा की जगह टीम में कुलदीप यादव और युज़वेंद्र चहल को शामिल किया गया था। इसके बाद टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज़ को 2-1, श्रीलंका को 5-0 और 2-1, ऑस्ट्रेलिया को 4-1 और दक्षिण अफ़्रीका को 5-1 से हराया है। कुलदीप यादव ने अब तक 20.77 की औसत से 28 विकेट और चहल ने 21.88 की औसत से 34 विकेट हासिल किए हैं। पिछले वर्ल्ड कप के बाद टीम इंडिया ने 59 मैच खेले हैं और इसमें 39 मैच में जीत हासिल हुई है। इस हिसाब से बार-जीत का प्रतिशत 2.05 है।
#1 इंग्लैंड (2.42)
मैच खेले: 69 जीते: 46 हारे: 19 टाई: 1 कोई नतीजा नहीं: 3 हार-जीत का अनुपात: 2.42 पिछले 20 सालों से ऐसा लग रहा है कि इंग्लिश क्रिकेट टीम परंपरागत खेल को छोड़ कर नए अंदाज़ में क्रिकेट खेल रही है। हांलाकि साल 2015 के वर्ल्ड कप में इंग्लैंड की टीम जल्द बाहर हो गई थी, लेकिन उसके बाद जो हुआ उसका किसी को अंदाज़ा नहीं था। इंग्लैंड टीम ने आक्रामक रुख़ अपना लिया और एक के बाद एक जीत हासिल करते गए। इंग्लैंड टीम को एलेक्स हेल्स, जोस बटलर, बेन स्टोक्स, मोईन अली, जेसन रॉय और कप्तान इयॉन मॉर्गन काफ़ी ऊंचाइयों पर ले गए हैं। इस टीम का बल्लेबाज़ी क्रम कमाल का है। साल 2015 के वर्ल्ड कप के बाद इंग्लैंड टीम ने 11 बार वनडे में 350 से ज़्यादा का स्कोर बनाया है। इसके अलावा 3 दफ़ा 400 के स्कोर को पार किया है। हाल में इंग्लैंड ने 481 रन का स्कोर खड़ा किया था, जो एक विश्व रिकॉर्ड है। साल 2016 की शुरुआत में इंग्लैंड को प्रोटियास टीम के ख़िलाफ़ 2-3 से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद भारत के ख़िलाफ़ सीरीज़ 1-2 से गंवानी पड़ी। हार से सबक लेते हुए इंग्लिश टीम ने न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ 3-2, पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 5-0, दक्षिण अफ़्रीका के खिलाफ़ 2-1 और ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 5-0 और 4-1 से सीरीज़ में जीत हासिल की। हांलाकि इंग्लैंड को अभी भी बड़े टूर्नामेंट में जीत की तलाश है। 2017 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी में इंग्लैंड को सेमिफ़ाइनल में हार मिली थी। अगला वर्ल्ड कप इंग्लैंड में ही हो रहा है ऐसे में इंग्लैंड की जीत की उम्मीदें काफ़ी ज़्यादा हैं। पिछले वर्ल्ड कप के बाद से इंग्लैंड ने क़रीब 69 वनडे मैच खेले हैं जिसमें में जीत और में हार मिली है लेखक- यश मित्तल अनुवादक- शारिक़ुल होदा