आईसीसी द्वारा बनाये गए नए नियमों पर एक नज़र

Rahul

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने क्रिकेट के पुराने नियमों को बदल कर नए नियम लागू कर दिए हैं। इन नियमों को बदलने पर इस साल मई में विचार किया गया था, जिससे अब आईसीसी के द्वारा 28 सितंबर से लागू कर दिया जायेगा। आईसीसी के जनरल मैनेजर जोफ एलरडाइस ने एक स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा कि आईसीसी द्वारा क्रिकेट खेलने की नियम व शर्तों पर विचार किया गया, जिससे अब क्रिकेट के नियमों में एमसीसी द्वारा शामिल कर दिया जायेगा। हमने सभी अंपायरों के साथ एक वर्कशॉप की, जिसमें उन्हें खेलने के सारे नियम और शर्तों को समझा दिया गया और यह सब नियम 28 सितंबर से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शामिल कर दिए जायेंगे। आईसीसी द्वारा बनाये गए नए नियमों पर एक नजर : #1 टेस्ट क्रिकेट में हर टीम के पास अब 6 अतिरिक्त ख़िलाड़ी होंगे, इससे पहले खिलाड़ियों की संख्या 4 हुआ करती थी। #2 क्रिकेट बैट को लेकर उसकी चौड़ाई और लम्बाई को लेकर कोई बदलाव नहीं किया गया है लेकिन बल्ले की मोटाई के लिए नियम बदले गए है। बल्ले का किनारा 40 मिमी से ज्यादा नहीं होना चाहिए और बल्ले की मोटाई 67 मिमी से ज्यादा नहीं हो। नए नियमों के लागू होने पर अंपायर बल्ले की जाँच करेंगे। #3 आईसीसी ने विकेट पर रखी बेल्स को अब एक धागे के साथ बांधने का नियम लागू किया है। यह फैसला फील्डर और विकेटकीपर को किसी भी प्रकार की चोट बेल्स उड़ने से न लगे इसलिए लिया गया है। #4 टेस्ट क्रिकेट में सेशन खत्म होने से 3 मिनट पहले ही अगर विकेट गिरता है तो तभी सेशन खत्म होने की घोषणा कर दी जाएगी। इससे पहले यह समय 2 मिनट था। #5 टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अगर कोई मैच 10 ओवर से कम का खेला जाता है, तो कोई भी गेंदबाज 2 ओवर से कम गेंदबाजी नहीं करेगा। मतलब अगर कोई मैच 5 ओवर का है, तो 2 गेंदबाजों को 2 ओवर करने की अनुमति दी जाएगी। #6 सीमारेखा पर खड़े फील्डर को गेंद को सीमारेखा से पहले पकड़ना या छूना होगा, यदि ऐसा नहीं होता है तो वह बाउंड्री दे दी जाएगी और साथ ही बाउंड्री देने का एक नियम यह भी होगा, अगर कोई फील्डर सीमारेखा के उसपार किसी भी वस्तु या फील्डर से टच होते हुए गेंद को मैदान के अंदर फेंकता है तो वह बाउंड्री दी जाएगी। मतलब गेंद को सीमारेखा से पहले रोकना या कैच लपकना होगा। #7 अगर गेंदबाज की गेंद बल्लेबाजी क्रीज से पहले दो बार बाउंस करती है, तो उसे नो बॉल दिया जायेगा। इससे पहले यह नियम लागू था कि गेंद दो बाउंस ले सकती है। यदि कोई फील्डर गेंद को बल्लेबाज तक पहुंचने से पहले ही पकड़ लेता है, तो अंपायर के द्वारा या तो वह गेंद नो बॉल होगी या फिर डेड बॉल। #8 नो बॉल पर आये बाई और लेग बाई के रन अब नो बॉल से हटकर गिने जायेंगे। गेंदबाज के खिलाफ उस नो बॉल को गिना जायेगा और लेग बाई व बाई को अतिरिक्त रन में गिना जायेगा। इससे पहले बाई और लेग बाई को नो बॉल में ही गिन लिया जाता था। #9 अगर किसी बल्लेबाज का बल्ला या शरीर का कोई अंग रन लेते हुए क्रीज के अंदर भागते हुए या कूदते हुए हवा में होता है और तभी रन आउट की अपील की जाती है, तो वह नए नियमों के अनुसार नॉटआउट माना जायेगा। #10 अंपायर के द्वारा बल्लेबाज को आउट देने के बाद वापस बुलाया जा सकता है। अगर वह नॉटआउट पाया गया हो तो अंपायर इस फैसले को वापस ले सकते हैं, यदि उस गेंद के बाद कोई भी गेंदबाज द्वारा गेंद न फेंकी गई हो। इससे पहले अगर कोई बल्लेबाज मैदान छोड़ कर चला जाता था, तो उसे वापस नहीं बुलाया जाता था। #11 अगर किसी भी फील्डर या विकेटकीपर के द्वारा हेलमेट पहने जाने पर गेंद हेलमेट से लग कर कैच, रनआउट या स्टंप हो जाता है, तो उसे आउट दिया जायेगा। #12 हैंडलिंग द बॉल के नियम को अब हटा दिया गया है। उसे अब ऑब्सट्रक्टिंग द फील्ड में शामिल किया जायेगा, जिसके द्वारा बल्लेबाज को आउट दिया जायेगा। #13 अनफेयर प्ले के अंतर्गत आईसीसी ने नए नियमों को लागू किया है, जिसमें यदि फील्डिंग करने वाली टीम लगातार किसी बल्लेबाज को परेशान कर रही है या फिर उसे उकसाने की कोशिश कर रही है, तो अंपायर द्वारा उन्हें दोषी माना जायेगा। यदि कोई गेंदबाज जानबूझ कर नो बॉल करता है, तो उसे उस पारी के दौरान तुरंत हटा दिया जायेगा। साथ ही बल्लेबाज नॉन स्ट्राइक पर नियमित पिच से ही भाग कर रन ले सकते हैं। #14 अंपायर द्वारा किसी भी ख़िलाड़ी को ज्यादा ख़राब बर्ताव के लिए मैच से निष्कासित कर दिया जायेगा और यह लेवल 4 के उल्लंघन में गिना जायेगा। लेवल 1 से 3 तक के मामले को आईसीसी देखेगी। #15 यदि अंपायर के फैसले को किसी टीम के द्वारा टीवी अंपायर को रेफर किया जाता है और मैदान पर लिया गया फैसला सही रहता है क्योंकि डीआरएस में अंपायर कॉल के कारण यह नतीजा निकला है, तो वह टीम अपना रिव्यु नहीं गंवाएगी। #16 अंपायर कॉल होने पर रिव्यु बर्बाद नहीं होगा लेकिन 80 ओवर के बाद नए रिव्यु भी नहीं मिलेंगे और एक पारी में सिर्फ दो ही असफल रिव्यु किये जा सकते हैं। इसके अलावा हर टी20 अंतरराष्ट्रीय में डीआरएस लागू होगा और हर टीम के पास एक रिव्यु होगा।

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