क्या है महेंद्र सिंह धोनी का भारतीय क्रिकेट टीम में भविष्य ?

कैप्टन कूल के नाम से विख्यात टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की प्रतिभा को लेकर शायद ही कभी किसी के मन में कोई संदेह रहा हो। हमेशा ही सभी का यही मानना रहा है कि पारम्परिक शैली के खिलाड़ी नहीं होने के बाबजूद भी धोनी अपार प्रतिभा के धनी हैं। लेकिन पिछले कुछ मैचों में उनका प्रदर्शन आशा के अनुरूप नहीं होने के कारण उनके टीम में बने रहने को लेकर कुछ क्रिकेट पंडितों ने उन पर उंगलियां उठाना शुरू कर दिया है। इन लोगों का माना है कि धोनी में अब पहले वाली बात नहीं रही। अब वो नंबर 6-7 पर खेलकर टीम को जीत दिलाने वाले फिनिशर नहीं रहे। पिछले कुछ मैचों के प्रदर्शन को आधार बनाकर इन लोगों का कहना है कि धोनी पर अब उम्र हावी होने लगी है। कई विशेषज्ञ 2019 में होने वाले अगले विश्व कप में उनके खेलने की संभावनाओं पर भी प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं। हालांकि टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री ने एम एस धोनी को टीम का महत्वपूर्ण अंग बताते हुए उनका पूरी तरह बचाव किया है और अपनी ओर से ये कोशिश की है कि अब इस चर्चा पर पूर्ण विराम लग जाए, लेकिन कई लोगों की शंकाए अभी भी पूरी तरह शांत नहीं हुई हैं। टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तानों में शुमार धोनी हमेशा से ही टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं। उन्होंने अपने पूर्ववर्ती सफल कप्तानों मोहम्मद अज़हरुद्दीन, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले से मिली विरासत को और आगे बढ़ाया और इसे नई ऊंचाइयां प्रदान कीं। अपनी कप्तानी में उन्होंने टीम को टी-20 विश्व कप जिताकर न सिर्फ पहली बार चैम्पियन बनने का गौरव दिलाया, बल्कि वनडे क्रिकेट में भी पुनः विश्व कप विजेता बनने के 28 सालों के अधूरे सपने को भी पूरा करके दिखाया। बल्लेबाजी करते हुए हेलीकाप्टर शार्ट खेलना हो या विकेट कीपिंग करते हुए गेंद को बिना देखे विकेट पर मारने की अद्भुत कला या फिर चाहे कप्तानी करते हुए अपने दिमाग को शांत रखते हुए अपने अजीबोगरीब निर्णयों से विरोधियों को चौंकाने का गुण, धोनी हर क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली के लिए ही विख्यात रहे हैं। इसके अलावा कभी-कभार अचानक दस्ताने छोड़ खुद गेंद थामकर भी वो सभी को चौंकाते रहे हैं। हालांकि हर कला में माहिर होने पर भी 'रांची के राजकुमार' धोनी के लिए टीम इंडिया में एंट्री आसान नहीं रही। इसके लिए उन्हें कड़ा संघर्ष करना पड़ा, क्योंकि छोटे शहरों से आने वाले खिलाडी भी बड़े खिलाडी बनकर उभर सकते हैं। ये मिथक उस समय तक पूरी तरह टूटा नहीं था। आज भले ही छोटे शहर का होना टीम में शामिल होने में आड़े न आता हो, लेकिन उस समय ये आसान नहीं था। आज छोटे शहर से खिलाड़ी आकर टीम का हिस्सा बन पा रहे हैं, तो इसकी वजह भी उस समय के छोटे शहरों से आने वाले धोनी जैसे कुछ खिलाडियों का शानदार प्रदर्शन द्वारा सभी पर अपनी छाप छोड़ना है। जहां तक धोनी के टीम में भविष्य को लेकर उठाए जा रहे सवाल की बात है, तो मेरा मानना है कि ये निर्णय धोनी पर ही छोड़ देना चाहिए। क्योंकि अतीत में हम ये देख चुके हैं कि जैसे ही एम एस धोनी को लगा था कि अब वो टेस्ट क्रिकेट के लिए फिट नहीं हैं, उन्होंने तुरन्त ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। अतः वो कब तक छोटे प्रारूप में टीम के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं ये उन्हें भली-भांति पता है। वैसे भी सिर्फ वनडे और टी-20 ही खेलने के कारण उन पर थकान का कोई खास प्रभाव पड़ेगा ऐसा लगता तो नहीं। टीम में संतुलन बनाये रखने के लिए टीम को युवा खिलाडियों के साथ-साथ धोनी जैसे अनुभवी खिलाडियों की भी आवश्यकता है, जो अपने अनुभव के दम पर टीम को फंसे हुए मैच में भी जीत दिला सकें। जैसा पहले भी धोनी व अन्य अनुभवी खिलाड़ी करते रहे हैं। युवराज सिंह, सुरेश रैना और गौतम गंभीर जैसे अनुभवी खिलाडियों के अगले विश्व कप में खेलने को लेकर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है। जबकि धोनी लगातार टीम का हिस्सा बने हुए हैं, इसलिए मुझे भी लगता है कि टीम को उनके जैसे अनुभवी खिलाडी की आवश्यकता है। कप्तान कोहली को मैदान पर उनकी सलाह की आवश्यकता आने वाले विश्व कप में भी महसूस हो सकती है। हमने अभी तक देखा भी है कि मुश्किल समय में हर बार वह माही से सलाह लेते रहे हैं। हां, माही को लेकर ये चर्चा जरूर की जा सकती है कि उनसे किस क्रम पर बल्लेबाजी कराई जाए। मेरा मानना है कि अगर आने वाले मैचों में भी नंबर 6-7 पर खेलते हुए उनका प्रदर्शन आशा के अनुरूप नहीं हुआ तो कप्तान कोहली को उनके बल्लेबाजी क्रम में बदलाव करते हुए उन्हें नंबर 3 पर खेलाना चाहिए, इससे उन्हें क्रीज पर जमने का पर्याप्त समय मिल जाएगा। इसके अलावा परिस्थितियों की मांग होने पर कभी-कभार उन्हें नंबर 4-5 पर भी आजमाया जा सकता है। धोनी के संन्यास को लेकर मुझे लगता है कि एम एस धोनी अगले विश्व कप के बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को ख़ुद ही अलविदा कह देंगे।

Edited by Staff Editor
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