आईपीएल: गौतम गंभीर vs एमएस धोनी कौन है बेहतर कप्तान ?

इसमें कोई हैरान करने वाली बात नहीं है कि टी-20 के स्टैण्डर्ड को आईपीएल ने अपने मिडास टच से काफी ऊँचा उठा दिया है। इसमें खिलाड़ी रातों-रात हीरो बन जाते हैं। इसमें हर साल युवा खिलाड़ी तैयार होते हैं। साथ ही इसमें कई कप्तान भी तैयार हो रहे हैं। उदहारण के तौर पर विराट कोहली को यहां 24 साल की उम्र में कप्तानी मिल गयी थी। साथ ही 41 वर्षीय शेन वार्न ने अपने नेतृत्व में राजस्थान रॉयल्स को ट्राफी दिलाई थी। आईपीएल में अबतक नौ संस्करण हो चुके हैं, जिसमें बहुत से कप्तान देखने को मिल चुके हैं। जिन्होंने अपनी टीम बनाया है। इनमें से दो टीमों के कप्तानों ने निरंतर एक टीम की कप्तानी संभाली है। आईपीएल में गौतम गंभीर और महेंद्र सिंह धोनी काफी सफल कप्तानों में गिन जाते हैं। इन दोनों खिलाड़ियों ने भारत को 2007 और 2011 का विश्वविजेता बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। इन दोनों के रिश्तों के बारे में भी कई बाते बनाई जा चुकी हैं। खासतौर पर गंभीर का भारतीय टीम से बाहर होने का दोष धोनी को दिया जाता रहा है। इसके आलावा विजय हजारे ट्राफी में झारखंड और दिल्ली के बीच हुए मुकाबले के बाद ये माना गया कि इन दोनों ने हाथ ही नहीं मिलाया था। जो बाद में झूठी अफवाह साबित हुआ। इन दोनों कप्तानों का अपनी टीमों कोलकाता नाइटराइडर्स (गंभीर) और चेन्नई सुपर किंग्स (धोनी) को दो बार चैंपियन बनाने का श्रेय जाता है। इसके आलावा तकरीबन हर सीजन में इनकी टीमों का प्रदर्शन अच्छा रहा है। आईपीएल में दोनों में से कौन बेहतर कप्तान है, पढ़िए ये विश्लेषण: गौतम गंभीर gautam-gambhir1-1464080676-800 34 वर्षीय इस बाएं हाथ के बल्लेबाज़ ने आईपीएल में वीरेन्द्र सहवाग की कप्तानी वाली दिल्ली डेयरडेविल्स की तरफ से खेलना शुरू किया था। बाद में 2011 की नीलामी में उन्हें केकेआर ने खरीद लिया था। गंभीर ने अबतक 105 मैचों में केकेआर की कप्तानी की है। साथ ही उथप्पा के साथ मिलकर टीम को आक्रामक शुरुआत दिलाई है। इस आक्रामक बल्लेबाज़ ने कई मैचों में कप्तानी पारी खेली है और आईपीएल में कई हाफसेंचुरी लगाई है। हाल ही उन्होंने हैदराबाद के खिलाफ 16 अप्रैल को 60 गेंदों में 90 रन बनाये थे। रिकॉर्ड 2.4 मिलियन डॉलर में बिकने वाले गंभीर ने टूर्नामेंट के चौथे संस्करण में टीम को पहली बार प्लेऑफ़ जगह दिलाई थी। 2012 में केकेआर ने ट्राफी पर कब्जा किया। जहां टीम को 10 मैचों में जीत और 5 में हार का सामना करना पड़ा था। फाइनल में टीम ने चेन्नई को हराया था। साल 2013 में टीम का प्रदर्शन खराब रहा लेकिन साल 2014 में टीम ने एक बार फिर खिताबी जीत हासिल की। गंभीर को केकेआर की टीम को बनाने का श्रेय जाता है। लेकिन टीम के मेंटर वसीम अकरम ने जो बात कही है वह सबसे बेहतरीन है उन्होंने गम्भीर को ''आईपीएल का सर्वश्रेष्ठ कप्तान'' बताया है। गंभीर की कप्तानी में केकेआर ने चैंपियंस लीग टी-20 का मिलाकर 105 मैचों में से 60 में जीत हासिल की है। जिसमें उनका विनिंग परसेंटेज 58.17 है। लेकिन आईपीएल में दो टीमों (2009 सीजन में दिल्ली) की कप्तानी करने वाले गंभीर ने 106 मैचों में 61 मैच जीते हैं और उनका विनिंग परसेंटेज 58.01 है। इस दौरान उन्होंने 31 अर्धशतक बनाये हैं हालांकि उन्होंने शतक नहीं बनाया है। जबकि वह टीम के आक्रमक बल्लेबाजों में आते हैं। गंभीर ने इस दौरान कई युवा खिलाड़ी जैसे इक्बाल अब्दुल्लाह, सूर्यकुमार यादव और मनविंदर बिसला को भी तैयार किया है, जिन्होंने कई मौके पर टीम को विजेता बनाया है। गंभीर ने कई मौकों पर टीम इंडिया के सीमित ओवरों के कप्तान धोनी को फील्ड सेटिंग से परेशान किया है। उन्होंने धोनी के लिए टेस्ट मैचों की तरह फील्ड लगाकर उन्हें बड़े शॉट खेलने पर रोकने में कामयाबी हासिल की है। जिसमें दो स्लिप, सिली पॉइंट, फॉरवर्ड शोर्टलेग जैसी फील्ड लगाकर उन्होंने सभी को हैरत में डाल दिया है। हालांकि कई बार गौतम मैदान पर अपना आपा भी खोते दिखाई दिए हैं। लेकिन उनकी केकेआर के प्रति डेडीकेसन कमाल का रहा है। इसी वजह से वह आज आईपीएल में सबसे सफल कप्तानों में गिने जाते हैं। महेंद्र सिंह धोनी chennai-super-kings-1464080729-800 वह दुनिया के बेहतरीन फिनिशर में आते हैं। धोनी ने चेन्नई की कप्तानी शुरू की है और इसी वजह से वह टी-20 के सबसे सफल कप्तानों में गिने जाते हैं। हालांकि वह पुणे की कप्तानी करने के दौरान संघर्ष करते हुए नजर आये हैं। वह पहले भारतीय कप्तान बने थे जो आईपीएल में खिताबी जीत हासिल किया था। धोनी के नेतृत्व में चेन्नई हर बार प्लेऑफ में पहुंची है। उन्होंने आईपीएल में ही नहीं बल्कि साल 2010 में चैंपियंस लीग का भी ख़िताब अपने नाम किया है। धोनी चेन्नई की टीम को चुनने के भी कुंजी थे। गंभीर की तुलना में धोनी बेहद ही शांतचित कप्तान हैं। वह अपने एकादश में बहुत कम ही परिवर्तन करते हैं। वह हर मैच में बहुत कम ही बदलाव करते हैं। धोनी ने ऐसी टीम तैयार की जिसमें नए चेहरे बहुत कम ही नजर आये थे। रविन्द्र जडेजा, आर आश्विन, मुरली विजय और मोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी काफी भाग्यशाली रहे जिन्हें धोनी ने मौका दिया था। इसके आलावा जोगिन्दर शर्मा और मनप्रीत गोनी को भी मौका दिया था। लेकिन अब वह क्रिकेट से दूर हैं। वह खराब फॉर्म वाले खिलाड़ी को मौका देते हैं, भले ही बेंच पर अच्छी फॉर्म वाला खिलाड़ी बैठा हो। उदहारण के तौर पर उन्होंने बाबा अपराजित को चेन्नई में तीन साल पहले लिया था। लेकिन एक भी मौका उन्हें नहीं दिया। इसके बाद वह वह जब पुणे के कप्तान बने तो उन्होंने बाबा को फिर मौका नहीं दिया। उनकी क्षमता है कि वह दबाव में बेहतरीन बल्लेबाज़ी करते हैं। धोनी ने हमेशा अन्य फ्रैंचाइज़ी की तुलना में अपनी टीम को काफी संतुलित रखा है। वह एक ही खिलाड़ी के भरोसे रन और विकेट लेना नहीं छोड़ते हैं। वह खुद परिस्थिति के हिसाब से खेल पर कंट्रोल करने की कोशिश करते रहे हैं। साथ ही 34 बरस के इस खिलाड़ी के पक्ष में काफी लक भी रहा है। उन्होंने अपनी कप्तानी में चेन्नई को 129 मैचों में 60.93 फीसदी सफलता दिलाई है। धोनी की टीम का प्रदर्शन इस बार खराब रहा है। लेकिन उन्होंने पंजाब के खिलाफ शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए एक ओवर में 23 रन जीत के लिए जरूरी बनाये थे। बतौर कप्तान उन्होंने 83 मैच में जीत हासिल की है। उनका विनिग रेट 58.45 फीसदी है। लीडरशिप स्किल और आंकड़े कैप्टन कूल के ही पक्ष में जाते हैं। उनसे केकेआर के कप्तान गंभीर पीछे हैं। लेखक श्रुति रवि, अनुवादक मनोज तिवारी

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