भारतीय खिलाड़ी गौतम गंभीर ने जिस प्रकार मैदान के अंदर फैन्स का दिल जीता है, वही मैदान के बाहर भी वह करते हैं लेकिन अंदाज अलग होता है। गरीब तबके से आने वाले और मूलभूत सुविधाओं से वंचित लोगों की मदद के लिए वे काम करते हैं। इस बार भी उन्होंने कुछ ऐसा ही करते हुए असम के शहीद सीआरपीएफ जवान दिवाकर दास के बेटे की शिक्षा और अन्य चीजों की जिम्मेदारी ली है। पिछले साल एक हमले में शहीद हुए जवान का बेटा असम में ही अपने पैतृक निवास में रहता था लेकिन गौतम गंभीर के फाउंडेशन ने अभिरून दास नामक इस पांच वर्षीय बच्चे की मदद करने की जिम्मेदारी ली है। इस भारतीय खिलाड़ी का एनजीओ गौतम गंभीर फाउंडेशन के नाम से है। यह पहली बार नहीं है कि बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने किसी शहीद के बेटे के बेटे की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। इससे पहले भी अनंतनाग आतंकी हमले में शहीद हुए जवाब अब्दुल राशिद की बेटी को भी उन्होंने गोद लिया है और पूरी जिम्मेदारी से उसके सपने पूरे करने का बीड़ा उठाया है। दिल्ली में इस क्रिकेटर ने गरीब लोगों के लिए खाने की व्यवस्था करते हुए हुए एक किचन खोला है जो हर दिन 2 घंटे गरीब लोगों को फ्री में खाना देता है। दिल्ली डेयरडेविल्स के पूर्व कप्तान अपनी बेबाक बातों के लिए भी जाने जाते हैं। किसी भी बात को कहने में वे जरा भी नहीं हिचकिचाते। हाल ही में कश्मीर मसले पर शाहिद अफरीदी के बयान पर उन्होंने शानदार जवाब दिया था। इसके अलावा समय-समय पर भारतीय सेना का हौसला बढ़ाने के लिए वे उनका समर्थन करते रहते हैं। गरीबों की मदद करने में गौतम गंभीर का यह अंदाज वास्तव में लाजवाब कहा जाना चाहिए। उनके इस दिलदार कार्य के लिए फैन्स भी उन्हें बाकी खिलाड़ियों से अलग मानते हैं।