भारतीय टीम के लिए टी-20 वर्ल्ड कप 2007 और वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल मुकाबलों में शानदार पारियां खेलने वाले गौतम गंभीर ने अपने निजी जीवन में भी एक बेहतरीन पारी की शुरुआत की है। गौतम गंभीर की यह पारी मानवता के लिए शानदार है। गंभीर ने हाल ही में अपने फाउंडेशन ‘गौतम गंभीर फाउंडेशन (GGF)’ के द्वारा दिल्ली में गरीबों को प्रतिदिन मुफ्त खाना खिलाने के लिए सामुदायिक रसोई का उद्घाटन किया है। सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने इस सामुदायिक रसोई की शुरुआत दिल्ली के वेस्ट पटेल नगर से की है। इस कदम के द्वारा गंभीर प्रतिदिन गरीबों को मुफ्त में भोजन खिला सकेंगे साथ ही उनका लक्ष्य उन लोगो तक खाना पहुँचाने का है, जो रोज खाना खाने में असमर्थ रहते हैं। इसके अलावा गंभीर का लक्ष्य है कि उनके आसपास वाले क्षेत्र में कोई भूखा ना सो पाए।
दो बार के आईपीएल विजेता कोलकाता नाइटराइडर्स के कप्तान गंभीर ने इस अभियान की शुरुआत की घोषणा अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से की है, उन्होंने इस अभियान का नाम “ एक आशा ” रखा है। उनका मानना है कि इस तरह गरीबों में भोजन की मुफ्त सेवा करना उनके लिए वर्ल्ड कप और आईपीएल जीतने के बराबर है। उन्होंने साथ ही कहा कि इस बार वह लोगों के दिलों को जीतना चाहते हैं। गंभीर ने ट्वीट में लिखा, 'वर्ल्ड कप जीते, आईपीएल के ख़िताब जीते, विरोधियों को हराया, लेकिन अब लोगों के दिल जीतने और भूख को हारना है, गौतम गंभीर फाउंडेशन के द्वारा सामुदायिक रसोई नंबर एक।"
गौतम गंभीर ने अपने फाउंडेशन की शुरुआत साल 2014 में की थी। सलामी बल्लेबाज गंभीर ने यह फाउंडेशन की शुरुआत सेना में शहीद हुए सैनिकों के परिवार के जीवन में सुधार लाने के लिए और जो बच्चे गरीबी के कारण पढ़ नहीं सकते ख़ास तौर पर लड़कियां, उन्हें आधारभूत सुविधा जैसे खाना, कपड़े और पढ़ाई देने के लिए की है। जीजीएफ़ द्वारा पहले सामुदायिक रसोई के लिए लोगों का प्यार देखने को मिला है। काफी तादाद में लोगों ने वहां खाना खाया। यह सब देख कर गौतम गंभीर भी आश्चर्यचकित हुए और लोगों को खाना खिलाने में उनको ज्यादा ख़ुशी मिली। दिन के अंत में उन्होंने लगातार अपने इस कदम को लेकर ट्वीट किये जिसमें लिखा था। कोई भी अब भूखा नहीं सोएगा, सभी को प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक मुफ्त में खाना खिलाया जाएगा। "365 दिन, 52 हफ्ते, 12 महीने, हजारों लोग और एक आशा" के साथ उन्होंने ट्विटर के जरिए अपनी ख़ुशी जाहिर की।