भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन ग्लेन मैक्सवेल का बल्ला टूट गया था, जिसके बाद इसने काफी सुर्खियां बंटोरी थी। अब मैक्सवेल का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें उन्होंने अपने बल्ले की रोचक कहानी बताई है और साथ ही बताया कि आगे इस बल्ले का वो क्या करेंगे। याद हो कि मैक्सवेल ने रांची टेस्ट के दूसरे दिन उमेश यादव की पहली गेंद का सामना किया था और उस पर उनका बल्ला टूट गया था। मैक्सवेल उस वक्त अपने पहले टेस्ट शतक की तरफ बढ़ रहे थे। ऑस्ट्रेलियाई वेबसाइट क्रिकेट.कॉम.एयू ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें मैक्सवेल खुद इस बल्ले के पीछे की कहानी तथा आगे इसका क्या करने वाले, इनके बारे में बताते नजर आ रहे हैं। 1 मिनट 45 सेकंड के इस वीडियो में मैक्सवेल ने बताया कि उन्होंने दुबई में नेट्स के दौरान इस कुकाबुरा कंपनी के बल्ले से अभ्यास किया। इसके बाद उन्होंने इसका उपयोग भारत के दौरे पर किया था। उन्होंने कहा, 'रांची में तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन जब मैं बल्लेबाजी करने के लिए तैयार हो रहा था, उसी दौरान मुझे बल्ले के उपरी हिस्से में दरार नजर आई। कई साथियों ने कहा कि यह बल्ला अब ज्यादा नहीं चल पाएगा, लेकिन मैं अपने पहले टेस्ट शतक की तरफ बढ़ रहा था इसलिए मैं उसी बल्ले के साथ क्रीज पर उतरा। उमेश यादव की पहली गेंद को मैंने खेला, लेकिन गेंद बल्ले के उपरी हिस्से में लगी और बल्ले के दो टुकड़े हो गए। मैंने दूसरा बल्ला लिया और अपना ध्यान वापस मैच पर लगाया, क्योंकि उस वक्त मैं शतक से सिर्फ तीन स्ट्रोक्स दूर था।' उन्होंने आगे कहा, 'अभी इस बल्ले का काम खत्म नहीं हुआ है। मैं इसे अपने लोकल क्लब के चेंजिंग रूम में रखूंगा ताकि क्रिकेट फैंस इसका अच्छे से दीदार कर सकें। मैक्सवेल ने रांची टेस्ट की पहली पारी में अपने टेस्ट करियर का पहला शतक जमाया था। उन्होंने 185 गेंदों में 9 चौको व दो छक्कों की मदद से 104 रन बनाए थे। इससे पहले दाएं हाथ का टेस्ट में सर्वश्रेष्ठ स्कोर महज 37 रन था। हालांकि, पहली पारी के शतकवीर मैक्सवेल दूसरी पारी में शानदार फॉर्म को जारी नहीं रख सके और 2 रन बनाकर अश्विन का शिकार बनकर पवेलियन लौट गए। ऑस्ट्रेलिया की टीम यह टेस्ट ड्रॉ कराने में सफल रही थी। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज का चौथा व अंतिम टेस्ट धर्मशाला में खेला जा रहा है। फ़िलहाल दोनों टीमें सीरीज में 1-1 की बराबरी पर हैं।