आधुनिक युग की महानतम टेस्ट एकादश

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सन 1877 में टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत से इस सबसे बड़े प्रारूप को दर्शकों का खूब प्यार मिला। टेस्ट क्रिकेट ही असली क्रिकेट है और इससे कई दिग्गज क्रिकेटर दुनिया को मिले। लेकिन टी-20 क्रिकेट के आने के बाद से इस प्रारूप की लोकप्रियता में कमी आई है। हालाँकि आज भी क्रिकेट को दिल से पसंद करने वाले फैन्स टेस्ट क्रिकेट को ही पसंद करते हैं। स्लैम बैंग वर्जन टी-20 की लोकप्रियता भी टेस्ट क्रिकेट के आनन्द कम नहीं कर पायी है। क्रिकेट का आधुनिक युग 1990 से शुरू हुआ जिसमें सचिन और वार्न जैसे दिग्गज क्रिकेटर खेले। इस युग में बहुत से रिकॉर्ड टूटे और बने। आज हम आपके लिए जो लिस्ट लाये हैं उसमें आधुनिक युग के 11 क्रिकेटरों का नाम है। इस टीम में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों का ज्यादा महत्व मिला है क्योंकि 90 के दशक में वह सभी पर भारी पड़े थे।

#1 वीरेंदर सहवाग

वीरेंदर सहवाग भारत के सबसे प्रभावशाली बल्लेबाज़ रहे हैं। वह अपनी आक्रमक और निडर बल्लेबाज़ी के लिए जाने जाते थे। उन्होंने दो बार तिहरा शतक लगाया जो दिग्गज सचिन के नाम भी नहीं दर्ज है। साल 2004 में पाकिस्तानी गेंदबाजों की उन्होंने मुल्तान में जमकर धुनाई की थी। सहवाग की खासियत ये थी कि जब शतक के करीब होते थे, तब छक्का लगाते थे। इतने बेख़ौफ़ थे वह कि जब 300 के करीब पहुंचे तब भी दिग्गज स्पिनर सक्लेन मुश्ताक की गेंद पर उन्होंने छक्का जड़ा था। इसके अलावा वह हर शतक के लिए 82 गेंद ही खेले थे। वीरू ने टेस्ट क्रिकेट को अपनी स्ट्रोक खेलने की क्षमता से नया आयाम दिया था। सहवाग का अर्धशतक को शतक में बदलने का रेट(55 अर्धशतक में से 23 शतक लगाया) भी जबरदस्त था। सहवाग आधुनिक युग के सबसे खतरनाक सलामी बल्लेबाज़ थे।

#2 मैथ्यू हेडन

मैथ्यू हेडन ने सन 1994 में डेब्यू किया था। लेकिन उन्हें लोगों ने साल 2001 में भारत में हुई सीरीज में लोगों ने जाना। उन्होंने उस सीरीज में 549 रन बनाये थे। कद काठी में हेडन काफी लम्बे चौड़े थे। उनकी बल्लेबाज़ी भी काफी विध्वंसक थी। उनके ताकतवर स्वीप शॉट विपक्षी टीम पर भारी पड़ते थे। हेडन का औसत 50.67 था। गेंदबाज़ उनसे खौफ खाते थे। हेडन अगर एक बार सेट हो जाते थे, तो उन्हें फिर आउट करना काफी मुश्किल होता था। सहवाग की तरह उनका भी अर्धशतक को शतक में बदलने का रेट काफी अच्छा था। उन्होंने 30 शतक और 29 अर्धशतक बनाये थे। स्पिन और तेज गेंदबाज़ी दोनों को खेलने में माहिर रहे हेडन इस लिस्ट में सहवाग के साथ सलामी बल्लेबाज़ी के तौर शामिल किए गये हैं।

#3 रिकी पोंटिंग (कप्तान)

सचिन के बाद पोंटिंग ने आधुनिक क्रिकेट में दोनों प्रारूपों में 13 हजार से ज्यादा रन बनाये हैं। इसके अलावा सचिन के बाद उनके नाम सबसे ज्यादा शतक भी दर्ज हैं। तस्मानिया के बल्लेबाज़ पोंटिंग के पुल शॉट देखने लायक होते थे। वह आधुनिक युग के बेहतरीन आक्रामक मध्यक्रम के बल्लेबाज़ हैं। इसके अलावा उपमहादीप में वह स्पिन का सामना भी अच्छे से करते थे। इस लिस्ट की टीम की कप्तानी भी पोंटिंग के नाम होगी। वह आधुनिक युग के सफल कप्तानों में से एक हैं। उन्होंने 77 मैचों में से 48 में जीत दर्ज की थी। हालाँकि वह पहले ऑस्ट्रेलियाई कप्तान हैं, जो 3 एशेज सीरीज हारे भी थे।

#4 सचिन तेंदुलकर

लिस्ट कोई भी बने उसमें क्रिकेट के भगवान का सचिन का नाम जरुर होता है। सचिन ने 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला टेस्ट खेला था। तेंदुलकर हर तरह के किताबी शॉट खेलने में माहिर थे। सचिन ने जो बेंचमार्क स्थापित किया है वह आधुनिक युग के बल्लेबाजों के लिए चुनौती की तरह है। तेंदुलकर बतौर बल्लेबाज़ क्रिकेट के सभी प्रारूप में सफल रहे। इसलिए उनका करियर भी काफी लम्बा रहा है। तेंदुलकर जब ऑस्ट्रेलिया के सामने खेलते थे, तो बिना किसी शक के ऑस्ट्रेलिया दुनिया की सबसे खतरनाक टीम थी। तेंदुलकर के नाम सबसे ज्यादा शतक, सबसे ज्यादा मैच और सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड दर्ज है। यद्यपि ब्रायन लारा जिन्हें प्रिंस ऑफ़ त्रिनिदाद कहा जाता है। वह भी चौथे क्रम के लिए बेहतरीन पसंद हैं। लेकिन तेंदुलकर की वजह से वह इस टीम में जगह नहीं बना पाए।

#5 जैक्स कालिस

जैक्स कालिस आधुनिक युग के गैर सोबर्स थे। भले कालिस लारा और सचिन के सामने कम आंके गये हों लेकिन उनका प्रभाव टेस्ट क्रिकेट में किसी से कम नहीं था। आधुनिक युग के महान बल्लेबाजों में से एक कालिस एक हैं। कालिस की चट्टान की तरह टिकाऊ बल्लेबाज़ी किसी भी टीम के लिए बड़े खतरे से कम नहीं था। इसके अलावा कालिस की गेंदबाज़ी किसी भी टीम के लिए एक अतिरिक्त फीचर की तरह था। दक्षिण अफ़्रीकी टीम में कालिस की भूमिका काफी अहम थी। आंकड़ों के आधार पर कालिस को “ आधुनिक युग का महान आलराउंडर” कहा जाना चाहिए। 13289 रन के साथ कालिस तीसरे नम्बर पर विराजमान हैं। साथ ही उनके नाम 292 टेस्ट विकेट और 200 कैच दर्ज है।

#6 शान पोलाक

शान पोलाक आधुनिक युग के बेहतरीन आलराउंडर में से एक हैं। उन्होंने दोनों प्रारूपों में कमाल का खेल दिखाया था। पोलाक अपनी पेस से बल्लेबाजों के छक्के छुड़ा दिया करते थे। उनकी इकॉनमी वनडे में 3.67 और टेस्ट में 2.39 थी। उनका साथ एलन डोनाल्ड देते थे। 108 टेस्ट मैचों में 421 विकेट लेने वाले पोलाक के नाम दक्षिण अफ्रीका की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड दर्ज है। हालाँकि डेल स्टेन इस रिकॉर्ड को तोड़ने में कामयाब हो सकते हैं। पोलाक निचले क्रम के अच्छे बल्लेबाज़ भी थे। जिनके नाम 3000 रन भी दर्ज हैं। कुल मिलाकर वह एक अच्छे आलराउंडर थे। हालाँकि इस लिस्ट में उन्हें फ़्लिंटॉफ़ से कड़ी टक्कर मिली है।

#7 एडम गिलक्रिस्ट(विकेटकीपर)

ऑस्ट्रेलिया के सबसे महान विकेटकीपर इयान हीली थे। लेकिन आधुनिक युग में वनडे में विस्फोटक सलामी बल्लेबाज़ी करने के साथ-साथ टेस्ट में निचले क्रम में आकर गिलक्रिस्ट तेजी से रन बनाते थे। उन्होंने आधुनिक विकेटकीपर बल्लेबाज़ को नई परिभाषा दी थी। रिकी पोंटिंग, हेडन और स्टीव वा के बाद गिली को 7वें नम्बर पर बल्लेबाज़ी का मौका मिलता था। फिर भी वह टीम को अच्छे स्कोर की तरफ पहुंचा देते थे। उनका टेस्ट में औसत 47 का था। वह हर 100 गेंद में 82 रन बनाते थे। गिली ने विकेटकीपरों के लिए एक बेंचमार्क स्थापित किया है। इसके अलावा वह कमाल के विकेटकीपर भी थे। इस स्थान के लिए उन्हें संगकारा और मार्क बाउचर से काफी कठिन चुनौती मिली थी। लेकिन फिर भी उनका चयन सचिन से आसान था।

#8 वसीम अकरम

बिना किसी शक के वसीम अकरम दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बाएं हाथ के गेंदबाज़ थे। उन्हें स्विंग का सुल्तान कहा जाता है। अकरम से दुनिया के बल्लेबाज़ खौफ खाते थे। उनकी स्विंग करती यॉर्कर गेंदों का बल्लेबाजों के पास कोई जवाब नहीं होता था। उनके नाम 104 टेस्ट मैचों में 414 विकेट दर्ज हैं। अकरम एक सम्पूर्ण तेज गेंदबाज़ थे। इसके अलावा अकरम निचले क्रम में 22 के औसत से रन भी बनाते थे। उनका सर्वोच्च स्कोर 257 रन था। गेंद से अकरम किसी भी टीम पर भारी पड़ते थे।

#9 शेन वॉर्न

दिग्गज स्पिनर शेन वॉर्न आधुनिक युग के सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में से एक हैं। उनकी लेग स्पिन खेलना दुनिया के बल्लेबाजों के लिए काफी कठिन माना जाता था। वॉर्न की गेंदों में खासियत थी लेकिन इसके अलावा वह बल्लेबाज़ के दिमाग को भी जल्द पढ़ लेते थे। हालाँकि भारत के खिलाफ 1992 में वॉर्न ने 150 रन देकर 1 विकेट लिए थे। लेकिन 1993 में जिस गेंद पर उन्होंने माइक गेटिंग को आउट किया था। वह बॉल ऑफ़ द सेंचुरी घोषित हुई थी। लेग स्टंप से काफी बाहर टप्पा खाने के बाद वह गेंद गेटिंग के ऑफ स्टम्प में जा लगी थी। 145 मैचों में वार्न के नाम 708 विकेट दर्ज हैं। उनसे ज्यादा विकेट मुरलीधरन के नाम दर्ज हैं।

#10 ग्लेन मैग्रा

आधुनिक युग के सबसे खतरनाक और कामयाब गेंदबाज़ ऑस्ट्रेलिया के मैग्रा थे। मैग्रा की काबिलियत थी कि वह एक ही जगह अपनी सारी गेंद को फेंक सकते थे। मैग्रा की ऊंचाई उनके इस काम को आसान बनाती थी। मैग्रा ने अपने जमाने के दिग्गज बल्लेबाजों जैसे सचिन और ब्रायन लारा को काफी परेशान किया था। 124 मैच में मैग्रा ने 563 विकेट लिए थे। आधुनिक युग के मैग्रा बहुत शानदार गेंदबाज़ थे। हालाँकि इस लिस्ट में उन्हें ब्रेट ली और जेसन गिलेस्पी से चुनौती भी मिली।

#11 मुथैया मुरलीधरन

133 टेस्ट मैचों में 800 विकेट और वनडे में 534 विकेट लेने वाले गेंदबाज़ मुथैया मुरलीधरन क्रिकेट इतिहास के अबतक के सबसे रहस्यमयी स्पिन गेंदबाज़ हैं। उनके रिकॉर्ड उन्हें महान गेंदबाजों की सूची में सबसे ऊपर रखते हैं। मुरलीधरन श्रीलंका के योद्धा गेंदबाज़ थे। उन्होंने टेस्ट कई बड़े स्पेल में गेंदबाज़ी की है। श्रीलंका को आजतक उनका विकल्प नहीं मिला है। मुरली को डेथ ओवर में खेलना काफी कठिन था। श्रीलंका को जब भी विकेट की दरकार होती थी। मुरलीधरन टीम को विकेट दिलाते थे। हालाँकि उनके गेंदबाज़ी एक्शन को लेकर कई बार विवाद भी हुआ था। स्पिन विकेट पर तो मुरली बहुत ही खतरनाक हो जाया करते थे। मुरलीधरन के दूसरा को खेलना बल्लेबाजों के लिए काफी मुश्किल होता था। लेखक-प्रवीण, अनुवादक-जितेन्द्र तिवारी