गुजरात की एक ऐसी अनोखी घटना सामने आई है, जिसके बारे में जानकर लोग अपनी हंसी नहीं दबा पा रहे हैं। दरअसल, गुजरात के कुछ स्‍थानीय लोगों ने नकली इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) बनाकर रूस के जुआरियों को लूटने का प्रयास किया।यह मुकाबले एक स्‍थानीय खेत में खेले जा रहे थे और गुजरात के ये लोग विदेशियों को मूर्ख बनाने में सफल रहे। बता दें कि बेरोजगार किसानों को क्रिकेट खिलाड़ी बनाकर पेश किया गया और प्रत्‍येक व्‍यक्ति को एक मैच खेलने के 400 रुपए देने की पेशकश की गई। खिलाड़‍ियों को आईपीएल की जर्सी खरीदकर दी गई ताकि यह असली टी20 लीग लगे।मैच का एक्‍शन रिकॉर्ड करने के लिए पांच एचडी कैमरा मैदान पर लगाए गए। अंपायरों ने नकली वॉकी-टॉकी लगाए ताकि लगे कि मैच आधिकारिक है। वहीं इसमें सबसे मजेदार बात यह रही कि हर्षा भोगले की नकल करने वाले मेरठ आधारित कमेंटेटर को भी स्‍कीम का हिस्‍सा बनाया गया।यह खबर एक अखबार में छपी, जिसकी फोटो शेयर करते हुए लोकप्रिय कमेंटेटर हर्षा भोगले ने प्रतिक्रिया दी है। हर्षा भोगले ने अपने ट्विटर अकाउंट पर फोटो शेयर करते हुए कैप्‍शन लिखा, 'हंसी नहीं रोक पा रहा हूं। इस कमेंटेटर को जरूर सुनना है।'Harsha Bhogle@bhogleharshaCan't stop laughing. Must hear this "commentator"8919903Can't stop laughing. Must hear this "commentator" https://t.co/H4EcTBkJVaटाइम्‍स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक मोलीपुर गांव के कुछ बेरोजगार युवाओं ने खिलाड़ी बनने का नाटक किया। इन खिलाड़‍ियों को गुजरात टाइटंस, मुंबई इंडियंस और चेन्‍नई सुपरकिंग्‍स की जर्सी पहनाई गई। आईपीएल टूर्नामेंट की असलियत दिखाने के लिए इंटरनेट से नकली बैकग्राउंड म्‍यूजिक दर्शकों की आवाज का उपयोग किया गया।नकली प्रतियोगिता का नाम इंडियन प्रीमियर क्रिकेट लीग रखा गया और मैचों का प्रसारण यूट्यूब चैनल पर किया गया। गुजरात के स्‍थानीय लोगों ने आईपीएल 2022 समाप्‍त होने के तीन सप्‍ताह बाद यह गतिविधि शुरू की और टेलीग्राम ग्रुप बनाकर रूस के लोगों से सट्टेबाजी आमंत्रित कराई।नकली आईपीएल क्‍वार्टर फाइनल तक पहुंच चुका था, जिसके बाद मेहसाना पुलिस ने आयोजकों को धरा। शोएब दावड़ा को पुलिस ने प्रमुख आयोजक बताया, जिसने रूस में आठ महीने काम किया और फिर भारत लौट आया।पुलिस अधिकारी भावेश राठौड़ के हवाले से कहा गया, 'शोएब ने गुलाम मसीह का खेल लिया और उसमें हैलोजेन लाइट्स लगाईं। उसने 21 किसान कर्मचारियों को खिलाड़ी बनकर खेलने के लिए तैयार किया और उन्‍हें प्रति मैच 400 रुपए देने का वादा किया। फिर उसने कैमरामैन नियुक्‍त किया और आईपीएल टीमों की जर्सी ली। शोएब टेलीग्राम चैनल पर लाइव सट्टेबाजी लेता था। वो अंपायर को वॉकी टॉकी के जरिये बताता था कि चौका या छक्‍का किसका सिगनल देना है। अंपायर फिर बल्‍लेबाज और गेंदबाज को यह सूचना देता था। अंपायर की बात मानकर गेंदबाज धीमी गति की गेंद डालता ताकि बल्‍लेबाज चौका या छक्‍का लगा सके।'