पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) को लेकर कई दिग्गज खिलाड़ियों ने हमेशा ही कहा है कि किस तरह उन्होंने उनका समर्थन किया। कुछ ऐसा ही दिग्गज ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) का भी मानना है। साल 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई टेस्ट सीरीज में गांगुली ने भज्जी पर विश्वास दिखाया था और उस सीरीज में कप्तान के भरोसे को सही ठहराते हुए हरभजन ने जबरदस्त गेंदबाजी की थी और भारत की सीरीज जीत में अहम योगदान दिया था।
हालाँकि हरभजन सिंह ने खुलासा किया कि अगर गांगुली ने उनका समर्थन नहीं किया होता तो उन्हें कप्तानी से हटा दिया जाता। उस समय गांगुली की कप्तानी में नतीजे भारत के पक्ष में नहीं जा रहे थे लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीत ने उनके लिए चीजें बदलने का काम किया।
स्पोर्ट्सकीड़ा के द्वारा यूट्यूब पर साझा किये गए वीडियो में, हरभजन ने गांगुली को लेकर कहा,
अगर गांगुली ने मेरा समर्थन नहीं किया होता, तो वह वह सीरीज (2001 बनाम ऑस्ट्रेलिया) नहीं जीत पाते और उन्हें कप्तानी से हटा दिया जाता। वह मेरे लिए भगवान की तरह आये और मेरा हाथ थाम लिया और मैं अपना काम करता रहा। इससे मुझे और उन्हें दोनों को फायदा हुआ और उन्हें एक्सटेंशन मिला। उन्होंने मुझे मौका देने में मदद की, लेकिन फिर यह खिलाड़ी पर निर्भर करता है कि वह मौकों का फायदा उठा पाता है या नहीं।
ग्रेग चैपल नहीं होते तो हम 2007 वर्ल्ड कप में बेहतर प्रदर्शन करते - हरभजन सिंह
हरभजन सिंह ने पूर्व भारतीय हेड कोच ग्रेग चैपल के विवादित कार्यकाल को लेकर भी प्रतिक्रिया दी। उनकी कोचिंग में भारत 2007 वनडे वर्ल्ड कप में ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गया था। हालाँकि हरभजन का मानना है कि अगर चैपल न होते तो टीम बेहतर प्रदर्शन करती। उन्होंने इसके लिए ड्रेसिंग रूम के खराब माहौल को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा,
अगर ग्रेग चैपल भारतीय कोच नहीं होते, तो हम वेस्टइंडीज में 2007 वर्ल्ड कप में बेहतर प्रदर्शन करते। जब वह वहां थे तो यह एक खुश टीम नहीं थी इसलिए उनके बगैर हम निश्चित रूप से अच्छी प्रगति करते।