बेंगलुरु में भारत के साथ होने वाले टेस्ट मैच से पहले अफगानिस्तान की टीम एक ऐसे शख्स से मिली जो अपनी तमाम मुश्किलों के बावजूद क्रिकेट खेलने का शौक़ पूरा कर रहा है । दरअसल, साल 2015 में जाने-माने स्पिनर अनिल कुंबले ने स्पिन स्टार कैंप लगाया था। वहां शामिल हुए हज़ारों प्रतिभागियों में से कुंबले ने सिर्फ 117 स्पिन गेंदबाजों का चयन किया था। कुंबले के इसी कैंप की खोज दिव्यांग गेंदबाज शंकर सज्जन ने अपनी गेंदबाजी से खूब सुर्खियां बंटोरी थीं। कुंबले ने उनकी काफी तारीफ की थी।
शंकर सज्जन के दोनों हाथ खराब हैं लेकिन उन्होंने अफगानिस्तान की टीम को नेट प्रैक्टिस कराया। इस दौरान उन्होंने अपनी गुगली से अफगानिस्तान के बल्लेबाजों को परेशान कर दिया। हाथ खराब होने के बावजूद शंकर ने अफगान टीम को जिस तरह से गेंदें डालीं वह सभी खिलाड़ियों के लिए हैरान करने वाला था। शंकर ने बताया कि वह रोज अफगानिस्तान टीम की प्रैक्टिस देखने चिन्नस्वामी स्टेडियम जाया करते थे। एक दिन स्टेडियम से जुड़े एक अधिकारी ने उन्हें देखा और मेहमान टीम को गेंदबाजी करने को कहा। शंकर के मुताबिक अफगानिस्तानी खिलाड़ियों ने उनकी गेंदबाजी की तारीफ की और कहा कि उनका भविष्य जरूर उज्जवल होगा।
18 साल के शंकर कर्नाटक के बीजापुर के रहनेवाले हैं। छोटी उम्र में ही शंकर ने अपनी मां को खो दिया था। उसके बाद से उनके एक चाचा उनकी मदद कर रहे हैं। शंकर ने बताया कि अनिल कुंबले और राशिद खान उनके पसंदीदा गेंदबाज हैं। फिलहाल वह बीजापुर के ही एक सेंकेंड डिवीजन क्लब से क्रिकेट खेल रहे हैं और पार्ट टाइम जॉब करके घर चला रहे हैं। पुरानी बातों को याद करते हुए शंकर बताते हैं कि शुरुआत में वह अपने यहां के साहू क्रिकेट कल्ब (अंबेडकर स्टेडियम, बीजापुर) से खेले थे। लेकिन उस क्लब में उनका चयन आसान नहीं था क्योंकि तब कोच ने शर्त रखी थी कि अगर वह अच्छी गेंदबाजी करके दिखाएंगे तब ही उन्हें लिया जाएगा। आखिरकार वह उस टेस्ट में कामयाब हो गए थे।