हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) ने हेमस्ट्रिंग के बाद भी सिडनी टेस्ट के पांचवें दिन बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम के लिए बेहतरीन बल्लेबाजी की और टेस्ट ड्रॉ करा दिया। हनुमा विहारी ने अपनी बल्लेबाजी और सोच के बारे में बताया है। मैदान पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने क्या रणनीति बनाई थी। उसके बारे में भी हनुमा विहारी ने बताया है।
बीसीसीआई डॉट टीवी के एक इंटरव्यू में हनुमा विहारी ने कहा कि अंतिम सेशन में बल्लेबाजी मेरे लिए एक अनुभव थी। एक टेस्ट मैच के पांचवें दिन बल्लेबाजी करना सपने की तरह होता है जहाँ सीरीज 1-1 से बराबरी पर चल रही हो। इस संतुष्टि के बारे में धीरे-धीरे पता चलेगा कि यह किस तरह से एक बड़ा प्रयास था।
हनुमा विहारी का बयान
हनुमा विहारी ने साथी खिलाड़ी रविचंद्रन अश्विन के बारे में कहा कि उन्होंने मुझे बड़े भाई की तरह बातचीत से समझाया और मैं इससे खुश हूँ। उन्हें लगा था कि मैं थोड़ा ढीला हूँ इसलिए उन्होंने मुझे कहा कि फोकस करना है। यह काफी स्पेशल रहा।
हनुमा विहारी ने ड्रॉ के रूप में मैच की समाप्ति होना एक शानदार परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि अगर मैं चोटिल नहीं होता और पुजारा कुछ समय के लिए क्रीज पर होते तो हम एक शानदार जीत भी दर्ज कर सकते थे। उन्होंने कहा कि इस मुकाबले से दस अंक लेना हमारे लिए एक बड़ा परिणाम है।
गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरी पारी में बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम ने बेहतरीन बल्लेबाजी की। चेतेश्वर पुजारा और ऋषभ पन्त के बाद हनुमा विहारी और आर अश्विन क्रीज पर टिककर खड़े हो गए और ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों के लिए मुश्किल बन गए। चाय के बाद ये दोनों पूरा सेशन खेल गए और ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज विकेट लेने के लिए तरसते रहे। अंतिम ओवर से पहले ऑस्ट्रेलिया के कप्तान ने मैच को ड्रॉ मान लिया।