हरभजन सिंह ने पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन की खोली पोल, कुछ अधिकारियों को अवैध कार्यों में बताया लिप्‍त

हरभजन सिंह ने खुला पत्र लिखकर पीसीए में हो रही अवैध गतिविधियों का खुलासा किया
हरभजन सिंह ने खुला पत्र लिखकर पीसीए में हो रही अवैध गतिविधियों का खुलासा किया

भारतीय टीम (India Cricket team) के पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने शुक्रवार को राज्‍य इकाई को एक खुला पत्र लिखा, जिसमें पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन (PCA) में कथित रूप से अवैध गतिविधियों को संबोधित किया गया। हरभजन सिंह ने खुलासा किया कि उन्हें वोटिंग अधिकारों के साथ नए सदस्यों को शामिल करने के संबंध में पीसीए के संबंधित सदस्यों से कई शिकायतें मिली हैं।

पीसीए के प्रमुख सलाहकार हरभजन सिंह ने सभी हितधारकों को एक कड़े शब्दों में पत्र लिखा है, जिसमें मौजूदा अध्यक्ष पर अवैध गतिविधियों का आरोप लगाया गया है। इन अवैध गतिविधियों का उपयोग नए सदस्‍यों को संघ में जोड़कर वोट प्रभावित करने के लिए किया जा रहा है। भज्‍जी ने राज्‍य इकाई की अतुलनीयता को सुरक्षित करने के लिए सभी से एकजुट होकर इन गतिविधियों को रोकने का आग्रह किया है।

मुझे 10 दिन में मिली कई शिकायतें - हरभजन सिंह

हरभजन सिंह ने अपने पत्र में लिखा, 'पिछले एक सप्‍ताह या 10 दिनों में मुझे पंजाब में क्रिकेट प्रशंसकों और कई हितधारकों की ढेरों शिकायतें मिली हैं कि नए अध्‍यक्ष के अंतर्गत कई अवैध गतिविधियां चल रही हैं, जो कि क्रिकेट प्रशासन की भावना और पारदर्शिता के खिलाफ है। मैंने कल पाया कि इस संबंध में शिकायतें लोकपाल के साथ दर्ज की गई हैं।'

हरभजन सिंह ने साथ ही बताया कि पीसीए ने वोटिंग अधिकार के साथ करीब 150 लोगों को शामिल करने की कोशिश की और इस संबंध में सलाह नहीं ली। उन्‍होंने साथ ही कहा कि पीसीए ने नए सदस्‍यों को शामिल करने के संबंध में कोई बैठक आयोजित नहीं की, जिससे उन्‍हें अवैध गतिविधियों को छुपाने में मदद मिली।

पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने कहा, 'प्रमुख मामला यह है कि पीसीए करीब 150 सदस्‍यों को वोटिंग अधिकार के साथ शामिल करने की कोशिश कर रहा है ताकि अपने पक्ष में चीजें कर सकें और यह एपेक्‍स काउंसिल या सामान्‍य इकाई से बिना सहमति लिए किया जा रहा है।'

उन्‍होंने साथ ही कहा, 'यह गतिविधियां बीसीसीआई संविधान के खिलाफ हैं। पीसीए के दिशा-निर्देश और खेल निकायों के प्रशासन में पारदर्शिता और नैतिक मानदंडों का उल्‍लंघन है। इन अवैध गतिविधियों को छुपाने के लिए उन्‍होंने पीसीए की औपचारिक बैठक आयोजित नहीं की और सभी फैसले खुद लिए, जो उनके मतलबी उद्देश्‍य को दिखाता है।'

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