भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम इंडिया के चयन को एमएसके प्रसाद की नेतृत्व वाली चयन समिति पर सवाल खड़े किये हैं। भज्जी ने कहा कि मुझे समझ नहीं आया कि किन पैमानों के आधार पर टीम का चयन किया गया है। उन्होंने करुण नायर को टीम से बाहर करने के निर्णय पर हैरानी जताई।
38 वर्षीय ऑफ़ स्पिनर ने कहा कि यह एक रहस्य है जिसे सुलझाना जरुरी है। तीन महीने बैंच पर बैठना एक एक खिलाड़ी के लिए इतना बुरा हो गया कि वह टीम का हिस्सा भी नहीं बन सकता। आगे उन्होंने कहा कि मेरा विश्वास करें, चयन समिति के पैमाने समझ पाना भी पीड़ादायक है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 700 विकेट झटक चुके इस गेंदबाज ने यह भी कहा कि मुझे अलग खिलाड़ी के लिए नियम भी अलग नजर आते हैं। कुछ ऐसे नाम हैं जिन्हें सफल होने के लिए लम्बे मौके मिले लेकिन अन्य खिलाड़ियों को फ्लॉप होने का मौका भी नहीं दिया गया। अगर हनुमा विहारी फेल हो जाते हैं तो आप फिर करुण नायर के साथ जाओगे लेकिन क्या तब वे ऑस्ट्रेलिया दौरे पर विश्वास के साथ जा पाएंगे?
हरभजन सिंह ने यह भी कहा कि अगर 5 टेस्ट में बाहर बैठाकर नायर को बाहर कर दिया गया इसका मतलब वे टीम मैनेजमेंट का भरोसा नहीं जीत पाए। मेरा सवाल यह है कि चयनकर्ताओं ने कप्तान के सामने करुण नायर का नाम रखा या नहीं?
गौरतलब है कि अफगानिस्तान के खिलाफ एकमात्र टेस्ट मैच के बाद भारतीय टीम के इंग्लैंड दौरे पर भी करुण नायर टीम के साथ थे। लगातार 6 टेस्ट मैचों में उन्हें मौका दिए बिना टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। चयन समिति के इस निर्णय पर जमकर बहस हो रही है। कई पूर्व खिलाड़ी इस फैसले को गलत बता चुके हैं और हरभजन ने भी इस पर अपनी नाराजगी जताई।