हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) भारत के बेहतरीन स्पिनरों में से एक रहे है। 24 साल के अपने शानदार क्रिकेट करियर में इस ऑफ स्पिनर ने कई मैच जितवाए हैं। उनका ऑन-फील्ड करियर उतार-चढ़ाव से गुजरा और इस बीच वो कई विवादों में भी रहे। उनमें से एक महान पूर्व कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) के साथ उनका आपसी तालमेल भी शामिल है, जिसको लेकर हरभजन सिंह ने कई बार तीखे बयान भी दिए हैं।
पिछले महीने संन्यास लेने के बाद, हरभजन सिंह ने कहा था कि उन्हें अपने करियर के अंतिम पड़ाव के दौरान भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से उन्हें समर्थन नहीं मिला और कुछ लोग चाहते थे की वो टीम में ना रहे। इसके इन बातों को जोर मिला कि उनके और धोनी के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। अब इस अनुभवी स्पिनर ने इन सभी अटकलों पर अपनी चुप्पी तोड़ी है।
हरभजन सिंह ने न्यूज 18 के हवाले से कहा,
नहीं मुझे एमएस के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है। वास्तव में, वह इतने सालों से एक अच्छे दोस्त रहे हैं। मुझे उस समय की सरकार (सरकार) बीसीसीआई से शिकायत है। मैं बीसीसीआई को सरकार कहता हूं। उस समय के चयनकर्ताओं ने अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय नहीं किया। उन्होंने टीम को एकजुट नहीं होने दिया।
यह आश्चर्यजनक है कि 2011 वर्ल्ड कप विजेता बाद में साथ क्यों नहीं खेले - हरभजन सिंह
पंजाब के इस क्रिकेटर ने यह भी बताया कि भारत की 2011 वर्ल्ड कप जीत के खिलाड़ी वानखेड़े स्टेडियम में उस ऐतिहासिक रात के बाद फिर कभी एक साथ क्यों नहीं खेले।
देखिए, हर कोई इस पर अलग बात करता है। मैं केवल यह बताना चाहता था कि 2012 के बाद बहुत सी चीजें बेहतर हो सकती थीं। वीरेंदर सहवाग, मैं, युवराज सिंह, गौतम गंभीर भारतीय टीम के लिए खेलकर संन्यास ले सकते थे क्योंकि वे सभी आईपीएल में भी खेल रहे थे। यह दुख की बात है कि 2011 की चैंपियंस टीम फिर कभी एक साथ नहीं खेली! क्यों? उनमें से केवल कुछ ही 2015 वर्ल्ड कप में खेले, क्यों?
2011 के बाद एमएस धोनी ने लिमिटेड ओवर्स की क्रिकेट में नए खिलाड़ियों का रूख किया और इसी वजह से कई सीनियर खिलाड़ियों को खराब प्रदर्शन के बाद समर्थन नहीं दिया गया।