हर तरह के क्रिकेट से संन्यास लेने वाले पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने एक और बड़ा खुलासा किया है। भज्जी का मानना है कि उनको टीम से बाहर करने के पीछे कुछ बीसीसीआई अधिकारियों का हाथ था और शायद कप्तान महेंद्र सिंह धोने ने उनका समर्थन किया होगा लेकिन कप्तान बीसीसीआई से ऊपर नहीं होता, वह ज्यादा कुछ नहीं कर सकता।
हरभजन ने जी न्यूज से बातचीत में कहा कि हां, एमएस धोनी तब कप्तान थे लेकिन मुझे लगता है कि यह बात धोनी के सिर के ऊपर थी। कुछ हद तक इसमें बीसीसीआई के कुछ अधिकारी भी शामिल थे और वे मुझे नहीं चाहते थे और कप्तान ने इसका समर्थन किया होगा लेकिन एक कप्तान कभी भी बीसीसीआई से ऊपर नहीं हो सकता। बीसीसीआई के अधिकारी हमेशा कप्तान, कोच या टीम से बड़े रहे हैं।
हरभजन ने यह भी कहा कि धोनी को अन्य खिलाड़ियों की तुलना में बेहतरीन सपोर्ट प्राप्त था। ऐसा नहीं है कि अन्य खिलाड़ी अचानक बल्ले को घूमाना भूल गए हों या उनको गेंदबाजी करनी नहीं आती हो। अगर उनको भी उतना सपोर्ट मिलता तो वे भी खेल जाते।
भज्जी ने ने संन्यास से पहले विदाई मैच को लेकर कहा कि हर खिलाड़ी चाहता है कि वह भारतीय जर्सी पहनकर संन्यास ले लेकिन हर किसी का भाग्य ऐसा नहीं होता। कभी-कभी जो आप चाहते हैं, वह नहीं हो पाता है। वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड़, वीरेंदर सहवाग जैसे बड़े नामों को मौका नहीं मिला और उन्होंने संन्यास ले लिया।
गौरतलब है कि हाल ही में संन्यास लेने वाले भज्जी ने कहा कि मैंने 31 साल की उम्र में 400 विकेट हासिल किये थे। मैं 4-5 साल और खेल सकता था लेकिन टीम से बाहर कर दिया गया। मुझे इसका कारण भी नहीं बताया गया। भज्जी ने कहा कि मैंने कुछ लोगों से पूछा था लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।