भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का कहना है कि भारत दौरे पर आई वर्तमान ऑस्ट्रेलियाई टीम अब तक की सबसे कमजोर कंगारू टीम है। कुछ श्रेष्ठ ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के खिलाफ खेलने वाले भज्जी के अनुसार स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर के अलावा अन्य कोई खिलाड़ी भारतीय स्पिनरों का सामना नहीं कर पाएगा। टर्बनेटर के नाम से मशहूर हरभजन के अनुसार “वॉर्नर वो खिलाड़ी नहीं है, जो एक सत्र मेन 35 रन बनाता है। अगर वे मैदान पर हैं, तो 75 से 80 रन बनाने की सोचते हैं। अगर अश्विन और जडेजा खेल को धीमा कर दें, तो वॉर्नर को रोका जा सकता है। अगर वे आक्रमण करते हैं, तो विराट को फील्डरों को बाहर लगाना चाहिए। लक्ष्य उन्हें सभी छह गेंदें खिलाने का होना चाहिए तथा दूसरे छोर पर नहीं जाने देना चाहिए।“ हरभजन ने आगे कहा ‘दाएं-बाएं हाथ के बल्लेबाजों का तालमेल गेंदबाजों की लय बिगाड़ सकता है। अगर वॉर्नर आक्रमण कर रहे हैं, तो सिली पॉइंट और शॉर्ट लेग लगाना महत्वपूर्ण नहीं है। जब वे प्रभुत्व में हो, तब इंतजार करने में कोई हानि नहीं है।“ भारतीय टीम की ऑस्ट्रेलिया के साथ 2001 में हुई प्रसिद्ध टेस्ट सीरीज के तीन मैचों में हरभजन ने 32 विकेट झटके थे, जिसके कोलकाता टेस्ट में उन्होंने हैट-ट्रिक भी ली थी। वे भारत की ओर से सबसे अधिक टेस्ट विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज हैं। उस समय की कंगारू टीम में मैथ्यू हैडेन, माइकल स्लैटर, एडम गिलक्रिस्ट, रिकी पोंटिंग और स्टीव वॉ जैसे दिग्गज खिलाड़ी हुआ करते थे। भारत ‘A’ के खिलाफ खेले तीन दिवसीय अभ्यास मैच की पहली पारी में कंगारू बल्लेबाजों ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया है। उन्होंने पहली पारी में 469 रनों का स्कोर खड़ा किया। दोनों टीमों के बीच 23 फरवरी से पुणे में पहले टेस्ट के साथ शुरू होने वाली चार मैचों की सीरीज में भारतीय टीम का पलड़ा भारी माना जा रहा है। मेहमान टीम के पास रविचंद्रन अश्विन और रविन्द्र जडेजा के रूप में दो विश्वस्तरीय स्पिनर मौजूद है, ऐसे में सबकी निगाहें उन पर लगी है। यहां भारतीय टीम का पलड़ा भारी मानने के पीछे आईसीसी टेस्ट रैंकिंग भी है, जिसमें भारत नंबर एक पर है।