टैटू और आलोचकों के प्रति बेपरवाही कुछ ऐसी चीजें हैं, जो विराट कोहली और हार्दिक पांड्या को एक ही पंक्ति में खड़ा करती हैं, लेकिन इसके अलावा दोनों में एक समानता और है। कई साल पहले विराट के बड़े भाई विकास ने उनके बचपन के कोच राजकुमार शर्मा के घर जाकर उन्हें एक नई होंडा सिटी कार की चाभी सौंपी थी। इसके बाद विकास ने अपने छोटे भाई की कोच से बात कराई और विराट ने कोच को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दीं। विराट से इस तरह का स्नेह पाकर कोच राजकुमार गदगद हो उठे थे। इसी प्रकार का व्यवहार हार्दिक पांड्या द्वारा भी देखने को मिला था। साल 2016 में हार्दिक ऑस्ट्रेलिया के अपने पहले दौरे से लौटने के बाद अपनी अकादमी गए।अकादमी में वह अपने कोच जितेंद्र सिंह से मिले और उन्हें सीधा कार के एक शोरूम ले गए और उन्हें एक नयी कार तोहफे के रूप में दी। जितेंद्र ने उस दिन को याद करते हुए कहा 'हार्दिक ऑस्ट्रेलिया के दौरे से लौटने के बाद मुझसे मिलने आया था। उसे तब पहली बार भारतीय टीम में शामिल किया गया था। वह मुझे कार के एक शोरूम ले गया, जहां उसने और क्रुणाल ने मुझे एक कार भेंट की। कोच जितेंद्र ने पुरानी यादें ताजा करते हुए कहा कि एक बार अंडर-19 के एक मैच में हमारी टीम में केवल एक ही तेज गेंदबाज था क्योंकि बाकी सभी बड़ौदा के लिए रणजी और अंडर-23 टूर्नामेंट में खेल रहे थे। हार्दिक लेग स्पिनर था, मैंने उससे नयी गेंद से चमक खत्म करने के लिए लक्ष्य बनाकर गेंद डालने को कहा। वह दूसरे छोर से गेंदबाजी कर रहे तेज गेंदबाज से भी ज्यादा असरदार साबित हुआ। उस मैच में हार्दिक ने एक पारी में पांच विकेट लिए। सनत कुमार सर ने भी उस दौरान हर्दिक को देखा और उसे तेज गेंदबाजी ही करने की सलाह दी। इस मैच ने हार्दिक के कैरियर को नई दिशा प्रदान की , उसी सत्र में हार्दिक को बड़ौदा के लिए टी-20 में खेलने का मौका मिला जहां उसने शानदार प्रदर्शन किया।