चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में रन आउट होने के बाद आये गुस्से पर हार्दिक पांड्या ने रखी अपनी बात

भारतीय ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने माना है कि वह चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ रनआउट होने के बाद काफी गुस्से में थे। उन्होंने यह भी माना कि उसका गुस्सा शांत होने में ज्यादा समय नहीं लगा। आपको ज्ञात होगा कि पांड्या काफी अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे लेकिन रविन्द्र जडेजा के साथ तालमेल सही नहीं बैठने की वजह से वो रन आउट हो गये। वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाले पांचवें एकदिवसीय मैच से पहले पीटीआई से बात करते हुए पांड्या ने कहा "अगर इमानदारी से बात करूं तो मैं बस 3 मिनट के लिए आपे से बाहर हुआ था। वो बस एक अंदर का गुस्सा था। मुझे जल्दी गुस्सा आ जाता है पर मैं तुरंत शांत भी हो गया और हंसने भी लगता। मुझे ऐसा देख पर ड्रेसिंग रूम में सब मेरे ऊपर हंस रहे थे।" हाल ही में समाप्त हुए चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ 339 रनों का पीछा करने उतरी भारतीय टीम का शीर्ष क्रम मोहम्मद आमिर के सामने ठीक नहीं पाया था। पहले ही ओवर में आमिर ने रोहित शर्मा का शिकार किया और फिर पहले स्पेल में ही विराट कोहली और शिखर धवन का विकेट झटक भारतीय टीम की कमर तोड़ दी थी। इसके बाद युवराज, धोनी और जाधव भी कुछ खास नहीं कर पाए थे लेकिन उसके बाद पांड्या ने 43 गेंदों पर 76 रनों की विस्फोटक पारी खेली थी। जिससे सभी को लग रहा था कि पांड्या टीम को जीत दिला सकते हैं, तभी रविन्द्र जडेजा के साथ तालमेल सही ना होने की वजह से वो रनआउट हो गये। उसके तुरंत बात जडेजा ने भी अपना विकेट गंवा दिया और भारतीय टीम 180 रनों से मैच और चैंपियंस ट्रॉफी दोनों हार गयी। पांड्या की इस पारी की वजह से भले ही भारत को जीत नहीं मिल पाई लेकिन उन्होंने साबित कर दिया कि उनमें मैच खत्म करने की पूरी क्षमता है। अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के बाद से पांड्या ने कई मौकों पर अपने खेल का लोहा मनवाया है। पांड्या खुद भी मानते हैं कि वो सिर्फ ऐसा बल्लेबाज नहीं होना चाहते जो सभी गेंदों पर बल्ला चलाये बल्कि वो मैच की परिस्थिति के अनुरूप अपने आप को ढालना चाहते हैं।

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