गाड़ी की किश्त नहीं भरी गई, तो हमने उसे छुपा दिया था: हार्दिक पांड्या

भारतीय टीम के युवा ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने हाल ही में दिए 'ब्रेकफ़ास्ट विद चैंपियंस' के एक इंटरव्यू में अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से पहले के संघर्ष वाले दिनों के बारे में बड़ी ही दिलचस्प कहानी बताई। दरअसल हार्दिक 2015 में होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग के सीजन से पहले आर्थिक स्थिति से गुजर रहे थे। उन्होंने कहा कि उस समय उनके बिलकुल भी पैसे नहीं थे और ऐसे में उनके पास जो किस्तों पर ली हुई गाडी थी, उसकी क़िस्त चुकाने के लिए भी उनके कुछ नहीं था, तो उन्होंने गाड़ी की ईएमआई न भरे जाने पर, गाड़ी को छुपा दिया था। 24 वर्षीय पांड्या ने कहा कि मैं और मेरे भाई कुर्णाल ने 3 साल तक गाड़ी को अपने पास बनाए रखने के लिए संघर्ष किया। हम रोज के 5 से 10 रुपए बचाते थे। मुझे याद है आईपीएल के आसपास हमें 70 हज़ार रुपए मिले और हमें लगा कि कुछ दिनों के लिए हम इन पैसे से अपना काम चला लेंगे, क्योंकि हम पिछले 3 साल से लगातार पैसों के लिए संघर्ष कर रहे थे। हमने गाड़ी की किश्त पिछले 2 साल से नहीं भरी थी। हम बहुत चालाक थे, तो हमने उन दिनों गाड़ी को छुपा दिया था। हम नहीं चाहते थे कि हम गाड़ी को अपने से दूर जाने दे। हमने इन तीन वर्षों में जितना भी कमाया था, सब गाड़ी की देखभाल में लगा दिया था और अपने लिए कुछ नया भी नहीं लिया था। उस समय केवल गाड़ी की किश्त और खाना ही हमारे लिए सबसे जरुरी रहता था। हार्दिक पांड्या ने साल 2015 में मुंबई इंडियंस के लिए आईपीएल में अपना पहला मैच खेला था। आईपीएल के उस सत्र में खिताबी जीत मिलने के बाद पांड्या को टीम से 50 लाख रुपए का चेक मिला, जो उनके जीवन का सबसे बड़ा अमाउंट था। उन पैसों से उन्होंने गाड़ी की किश्त भरते हुए एक और नई गाड़ी भी खरीदी। 2015 के बाद आईपीएल के अगले दो सत्रों में पांड्या ने अपने खेल से सभी को प्रभावित किया और 2016 में भारतीय टीम के लिए पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला। हार्दिक अब भारत के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर हैं। गेंदबाजी के साथ वह टीम के लिए ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर अपना योगदान देते हुए नजर आते हैं।

Edited by Staff Editor
Sportskeeda logo
Close menu
Cricket
Cricket
WWE
WWE
Free Fire
Free Fire
Kabaddi
Kabaddi
Other Sports
Other Sports
bell-icon Manage notifications