171 रनों की पारी के दौरान प्ले स्टेशन के रिमोट की तरह बैट पर हाथ सेट हो गया था: हरमनप्रीत कौर

Enter caption

लंबे-लंबे छक्के मारने की वजह से भारत की महिला क्रिकेट टी-20 टीम कप्तान हरमनप्रीत कौर 'शक्तिमान' नाम से मशहूर हैं। वह पंजाब के मोगा जिले से ताल्लुक रखती हैं और हमेशा बिना किसी दबाव के रहना पसंद करती हैं। उन्होंने हाल ही में अपने क्रिकेट करियर की जर्नी को लोगों के सामने पेश किया। इसमें उन्होंने क्रिकेट शुरू करने से लेकर, अपने फेवरिट खिलाड़ी, विश्वकप में प्रदर्शन और बिग बैश लीग खेलने को लेकर बात की।

हाईस्कूल का एग्जाम देते ही शुरू हो गई क्रिकेट की कोचिंग

हरमनप्रीत ने बताया कि मैं घर के बाहर मैदान में रोज लड़कों के साथ सारे स्पोर्ट्स खेलती थी। एक दिन वहां मेरे कोच कमल सिंह सोढ़ी ने मुझसे पूछ लिया कि तुझे आखिरी खेलना क्या है। मैंने बता दिया कि क्रिकेट। उसके बाद उन्होंने पापा से बात करके मेरी अगले दिन से क्रिकेट की कोचिंग भी शुरू करवा दी। मैं तब हाईस्कूल में थी। मैंने एग्जाम ही दिए थे और रिजल्ट आने से पहले ही गर्मियों की छुट्टी के खेलने वाले दिनों में मेरी क्रिकेट की कोचिंग शुरू हो गई थी।

सहवाग के पोस्टर को रोज करती थी प्रणाम

मैं सहवाग की बहुत बड़ी फैन थी। मैं उनका पोस्टर घर पर लगाना चाहती थी पर पापा के डर की वजह से लगा नहीं पा रही थी। एक दिन मैंने पोस्टर लगा दिया। मम्मी ने बहुत डांटा। हालांकि, पापा जब ऑफिस से आए तो वह पोस्टर को देखकर स्माइल करते हुए चले गए। उस दिन के बाद से मुझे सहवाग को प्रणाम करने के लिए उनके पोस्टर को बार-बार कबर्ड से निकालना नहीं पड़ा। मुझे हर कदम पर पापा ने सपोर्ट किया। उन्होंने कहा था कि मैं तुमसे ज्यादा उम्मीद नहीं करूंगा। बस तुम पढ़ाई के साथ स्पोर्ट्स मन से खेलो और सारे शौक पूरे करो।

मैं उस दिन रनों की भूखी थी

2017 के विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ 171 रनों की पारी खेलने के सवाल पर हरमनप्रीत ने कहा कि मैंने उस दिन कुछ नहीं खाया था। मुझे दो-तीन दिन पहले से लग रहा था कि कुछ अच्छा होने वाला है। मैं विकेट पर गई तो मिताली दीदी थीं। मैंने 35 रन बनाने के बाद पूछना शुरू कर दिया कि बड़े शॉट्स मारूं लेकिन उन्होंने मना कर दिया। मुझे लग रहा था कि हमें तेज खेलना चाहिए। मिताली दीदी जब आउट हुईं तो मैं खुद को रोक नहीं सकी। फिर तो बल्ले पर हाथ प्ले स्टेशन के रिमोट की तरह सेट हो गए थे, बस गेंदें बाउंड्री के पार पहुंचानी थीं।

लड़कियां भी क्रिकेट खेल सकती हैं ये सोच बदली

विश्व कप के फाइनल में हम करीबी मुकाबले में नौ रन से हार गए थे। मैं और पूनम जब बैटिंग कर रहे थे, तब लगा कि मैच जीत जाएंगे पर लगातार गिरते विकटों ने हमें खिताब से वंचित कर दिया। खैर, हमने भारत में अपने प्रदर्शन से लोगों की सोच बदल दी कि लड़कियां भी क्रिकेट खेल सकती हैं। लोगों ने भी इस बात को अब समझा है। पहले लड़का होने पर सब कहते थे कि क्रिकेटर बनेगा पर लड़की होने पर ऐसा कोई नहीं कहता था।

नौ घंटे खेला है प्लेस्टेशन

क्रिकेट के अलावा अपने शौक के बारे में हरमनप्रीत ने बताया कि मुझे वीडियो गेम खेलना बहुत पसंद है। मैंने नेशनल क्रिकेट अकैडमी में लड़कों के साथ बहुत प्लेस्टेशन खेला है। मेरा नौ घंटे प्लेस्टेशन खेलने का रिकॉर्ड है। धुआंधार बल्लेबाजी करने की वजह के बारे में उन्होंने बताया कि मेरे पापा भी इसी तरह खेलते थे। वो जब खेलते थे तो उनके शॉट्स को गर्दन उठाकर ही देखना पड़ता था। उनकी बेटी हूं तो मैं भी वैसा ही खेलती हूं। विदेश में पहली भारतीय महिला क्रिकेटर के रूप में बिग बैश लीग से जुड़ने के सवाल पर हरमनप्रीत कौर ने कहा कि मैं हमेशा सोचती थी कि विदेश में खेलूं। बिग बैश से कई ऑफऱ आए पर बीसीसीआई की तरफ से बाहर खेलने पर तब प्रतिबंध था। चार-पांच महीने बाद मुझे मंजूरी मिल गई और मैं सिडनी की टीम से जुड़ गई।

अंपायर को लगा कि मेरे बैट में तो कुछ नहीं लगा है

एक बार मेरा बैट अंपायर ने खेलने के दौरान चेक कर लिया। मैं दस गेंदों तक सेट होती थी और फिर उसके बाद मारना शुरू कर देती थी। मेरे इस खेल को कुछ लोगों ने समझ लिया था। इसके बाद मैंने सोचा कि अगले मैच में मैं पहली ही गेंद से मारना शुरू कर दूंगी। मैंने पहली गेंद पर चौका और दूसरी पर छक्का लगाया। इस पर अंपायर मेरी तरफ आया और मेरा बैट चेक करने लगा। खैर, ऐसा कुछ था नहीं इसलिए कुछ निकला भी नहीं।

youtube-cover

Hindi Cricket News, सभी मैच के क्रिकेट स्कोर, लाइव अपडेट, हाइलाइट्स और न्यूज स्पोर्टसकीड़ा पर पाएं

Quick Links

Edited by निशांत द्रविड़
Sportskeeda logo
Close menu
WWE
WWE
NBA
NBA
NFL
NFL
MMA
MMA
Tennis
Tennis
NHL
NHL
Golf
Golf
MLB
MLB
Soccer
Soccer
F1
F1
WNBA
WNBA
More
More
bell-icon Manage notifications