इतिहास बताता है कि एक इंग्लिश बल्लेबाज के लिए टेस्ट पदार्पण करने के लिए भारत से अच्छी जगह नहीं हो सकती, एलिस्टेयर कुक से लेकर जो रूट तक, और हाल ही में आए 19 वर्षीय हसीब हमीद को देखें तो वे भी अपने सीनियर खिलाड़ियों के पद चिन्हों पर चलते हुए नजर आ रहे हैं। उंगली में चोट की वजह से सीरीज के बचे हुए टेस्ट मैचों से बाहर हो चुके हमीद अपनी टीम की हौसला अफजाई के लिए वापस भारत आएंगे। मुंबई के कोच विद्याधर परादकर, जिन्होंने मुंबई के कई खिलाड़ियों को कोचिंग दी है ने कहा है कि फिट होते, तो हमीद मुंबई के बाउन्स भरे विकेट पर अपना पहला टेस्ट शतक लगा सकते थे। गौरतलब है कि हमीद पिछले वर्ष मुंबई में परादकर की देखरेख में वानखेड़े स्टेडियम में अभ्यास मैच खेल चुके हैं। परादकर ने कहा “यह दुर्भाग्यशाली रहा कि हमीद चोटिल हो गए। अगर वो फिट होते, तो मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में अपना पहला टेस्ट सैकड़ा लगाते, मैं इसके प्रति पूरी तरह आश्वस्त था। यह हमीद और उनके परिवार के लिए यह अच्छा नहीं रहा, उन्होंने मैच का लुत्फ उठाने के लिए स्टेडियम के पास होटल में कमरे भी बुक करवा लिए थे।“ उल्लेखनीय है कि हसीब हमीद ने राजकोट टेस्ट मैच से अपने टेस्ट जीवन का आगाज किया था और ड्रॉ रहे उस मैच में 32 और 82 रनों की शानदार पारियां खेली। वहीं मोहाली टेस्ट मैच की दूसरी पारी में टूटी हुई उंगली से बल्लेबाजी करते हुए 156 गेंदों में 59 रन बनाकर अंत तक संघर्ष करते रहे। छोटी सी उम्र के इस खिलाड़ी ने उंगली की सर्जरी कराने से मना करते हुए बचे हुए टेस्ट मैचों में टीम के साथ ही रहने का फैसला किया है। इससे पहले इंग्लैंड के कोच ट्रेवर बैलिस ने हमीद की चोट के बारे में कहा था “उनकी उंगली टूटकर दो भागों में बंट गई है।“