मैं अपने डेब्यू मैच से अब तक, हमेशा दबाव में ही खेला हूँ: एंजेलो मैथ्यूज

भारत और श्रीलंका के बीच चल रहे दिल्ली टेस्ट के तीसरे दिन श्रीलंकाई बल्लेबाजों ने जुझारूपन से भारतीय गेंदबाजी का सामना किया। भारत के 536 रनों के जवाब में श्रीलंकाई टीम तीसरे दिन 3 विकेट पर 131 रनों से आगे खेलते हुए कप्तान दिनेश चंडीमल और दिग्गज बल्लेबाज एंजेलो मैथ्यूज की शतकीय पारी की बदलौत टीम का स्कोर 350 के ऊपर पंहुचा दिया। इस दौरान श्रीलंका के पूर्व कप्तान रहे मैथ्यूज ने 19 टेस्ट मैचों के बाद टेस्ट क्रिकेट में शतक लगाया। अपनी शतकीय पारी को लेकर मैथ्यूज ने ख़ुशी जताई और साथ ही टीम का दिग्गज ख़िलाड़ी होने के नाते खुद पर ज्यादा दबाव भी बताया है। एंजेलो मैथ्यूज ने टेस्ट क्रिकेट में तक़रीबन 2 साल बाद शतक जमाया लेकिन श्रीलंका के दिग्गज ख़िलाड़ी कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने के सन्यास के बाद उनके ऊपर दिग्गज ख़िलाड़ी होने के नाते जिम्मेदारियों के दबाव को लेकर सवाल किया गया तो मैथ्यूज ने कहा कि मैं अपने डेब्यू मैच से ही बहुत दबाव में रहता हूँ और हर मैच में मुझ पर दबाव रहता है। जैसे ही आप टीम के सीनियर ख़िलाड़ी के रूप में होते हैं, तो दबाव और भी ज्यादा हो जाता है। मैथ्यूज ने आगे कहा कि अगर आप पिछले कुछ सालों को देखे, तो मैं चोट के कारण टीम से अंदर बाहर रहा हूँ। टीम के लिए लगातार न खेलना आपके प्रदर्शन पर भी दबाव बनाता है लेकिन मैं कोई बहाना नहीं लगाना चाहता। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश के लिए अच्छा खेले और मैंने अपने करियर के हर मैच को दबाव में ही खेला है। मैथ्यूज ने अपने शतक का श्रेय बल्लेबाजी कोच थिलन समरवीरा को देते हुए कहा कि समरवीरा ने मुझसे मेरी बल्लेबाजी तकनीक को लेकर लम्बी बातचीत की, जिसके कारण मैंने ध्यान देते हुए उनकी बातों पर अमल किया। एंजेलो मैथ्यूज ने दिल्ली टेस्ट के तीसरे दिन कप्तान दिनेश चंडीमल के साथ मिलकर टीम को शुरूआती झटकों से ऊबारा और टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुँचाया। अंजिलो मैथ्यूस ने चंडीमल के साथ 181 रनों की साझेदारी की, जिसमें उन्होंने 111 रनों की शतकीय पारी खेली। इस पारी के दौरान मैथ्यूस ने 268 गेंदों का सामना करते हुए 2 छक्के और 14 चौके लगाए।

Edited by Staff Editor
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