भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) में खिलाड़ियों के लिए जगह बना पाना कितना मुश्किल होता जा रहा है, इसका अंदाजा इस बात से लगया जा सकता है कि अच्छे फॉर्म और पूरी तरह फिट होने के बावजूद कई खिलाड़ी टीम इंडिया का हिस्सा नहीं बन पाते हैं। इस बीच भारतीय टीम के पूर्व गेंदबाजी कोच भरत अरुण (Bharat Arun) ने खुलासा किया है कि कैसे उमेश यादव (Umesh Yadav) अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी बाहर किये जाने पर सवाल किया करते थे।
उमेश यादव उन शीर्ष तेज गेंदबाजों में से एक रहे हैं जिन्होंने भारत की कई जीत में अहम भूमिका निभाई है। विदर्भ के तेज गेंदबाज ने 2011 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था और वह घरेलू धरती पर 100 विकेट लेने वाले कुछ भारतीय गेंदबाजों में से एक हैं। हालांकि, कई बार उन्हें जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और इशांत शर्मा जैसे प्रमुख तेज गेंदबाजों के कारण प्लेइंग XI में मौका नहीं मिला है।
क्रिकबज के 'राइज ऑफ न्यू इंडिया' शो में बात करते हुए, पूर्व गेंदबाजी कोच ने खुलासा किया कि कैसे उन्हें उमेश यादव को बाहर करने के लिए स्पष्टीकरण देना पड़ता था। भरत अरुण ने कहा,
“ऐसे कई उदाहरण हैं जब उमेश यादव टीम का हिस्सा नहीं होने से निराश थे, खासकर बहुत अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी। लेकिन मुझे स्पष्टीकरण देना पड़ता था क्योंकि उमेश अक्सर मेरे पास आकर सवाल करता था कि 'मुझे क्यों बाहर किया गया? मैंने क्या गलत किया?' यह काफी मुश्किल फैसला था क्योंकि तेज गेंदबाजों को उनके पिछले प्रदर्शन और फॉर्म के आधार पर ही खिलाया जाता जाता है। शमी, बुमराह, इशांत और हार्दिक पांड्या चौथे तेज गेंदबाज के रूप में थे, जब वह टेस्ट क्रिकेट खेलते थे। इस वजह से उमेश यादव को अच्छी गेंदबाजी के बावजूद कई बार बाहर कर दिया जाता था।"
35 वर्षीय दाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने हाल ही में इंदौर में भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट में शानदार गेंदबाजी की थी। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में 12 रन देकर 3 विकेट अपने नाम किए थे।
"वह एक आदर्श टीम मैन थे जिसे आप अपने पक्ष में करना चाहेंगे" - भरत अरुण
पूर्व गेंदबाजी कोच ने आगे बताया कि कैसे उमेश उनसे बात किए बिना कई दिन गुजारते थे, लेकिन अंततः निर्णय के साथ समझौता कर लेते थे। भरत अरुण ने कहा,
"कभी-कभी वह इतना क्रोधित हो जाते थे और पूरे दिन मुझसे बात नहीं करते थे, लेकिन फिर वह फैसले से समझौता कर लेते थे। यहां तक कि जब मैं उनसे बात करता हूं तो मैं कहता हूं, 'यदि आप नाराज नहीं हैं, तो इसमें कुछ गड़बड़ है।' अगर ऐसा नहीं होता है, तो आप चीजों को नम्रता से स्वीकार कर रहे हैं।' उमेश शानदार थे। वह एक आदर्श टीम मैन थे जिसे आप अपने पक्ष में करना चाहेंगे।"