भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े विवाद में से एक गांगुली-चैपल विवाद के करीब 10 साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद एक बार फिर पूर्व भारतीय कप्तान ने विवाद कोच पर एक बार फिर आरोप लगाया है। बोरिया मजुमदार द्वारा लिखी गयी अपनी किताब में गांगुली ने विवाद के बारे में विस्तार से बताया है। यह किताब इसी साल जारी की जाएगी। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक गांगुली ने कहा “शुरुआती दौरे से ही सब कुछ सही नहीं था। मुझे नहीं पता था क्या हुआ पर कुछ गड़बड़ जरुर था। मुझे लगता है कि कुछ लोग ग्रेग के करीब थे लेकिन मुझसे बोला करते थे कि वह मेरे साथ हैं।” गांगुली ने 2005-2007 तक भारतीय टीम के कोच रहे ऑस्ट्रेलियाई ग्रेग चैपल को कोच पद दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। चैपल ने 2003 के भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान बाएं हाथ के बल्लेबाज सौरव गांगुली की गलतियाँ सुधारने में मदद की थी। गांगुली का मानना है कि दोनों के बीच विवाद की शुरुआत उस समय हुआ जब उस अभ्यास मैच के दौरान उन्हें कोहनी पर चोट लगी थी और रिटायर्ड हर्ट होना पड़ा था। 45 वर्षीय पूर्व कप्तान ने बताया कि ज़िम्बाब्वे के खिलाफ 2005 में बुलावायो में होने वाले पहले टेस्ट मैच से पहले चैपल टीम शीट के साथ आये जिसमें कई बेहतर खिलाड़ियों का नाम शामिल नहीं था। उन्होंने आगे कहा “मैंने उनके सुझाव को मानने से इंकार कर दिया और कहा कि जिन खिलाड़ियों को वह बाहर रखना चाहते हैं उन्होंने टीम के लिए काफी कुछ किया है।” गांगुली के अनुसार उन्होंने चैपल से कहा कि आपको अभी टीम के साथ जुड़े तीन महीनों का समय ही हुआ है और आपको अभी टीम को पूरी तरह समझने के लिए उनके साथ थोड़ा और समय रहना पड़ेगा। गांगुली के अनुसार चैपल टीम को ग्रेग चैपल टीम बनाना चाहते थे और उनका यह भी कहना है कि कोहनी की चोट का हवाला देकर चैपल ने उन्हें टीम से बाहर कर दिया और फिटनेस साबित करने को कहा। गांगुली ने यह भी बताया कि चैपल ने एक बार उनपर चिल्लाते हुए उन्हें ‘आलसी’ कहा था। ‘इलेवन गॉडस एंड ए बिलियन इंडियंस’ नाम की यह किताब आईपीएल के दौरान जारी की जाएगी, जिसमें गांगुली ने विस्तार से इस विवाद के बारे में बताया है।