21वीं सदी के इस आधुनिक क्रिकेट दौर में बड़ी टीमों के लिए दिल टूटने वाले पल

# 3 2010 की एशेज में ऑस्ट्रेलिया का घर में ही हार जाना

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ऑस्ट्रेलिया के दिग्गजों के लिए यह एक दर्दनाक क्षण था, क्योंकि ग्लेन मैकग्रथ, शेन वॉर्न, जस्टिन लैंगर, एडम गिलक्रिस्ट जैसे महान खिलाड़ियों के संन्यास के बाद कुछ समय के लिये ऑस्ट्रेलिया का प्रदर्शन औसत दर्जे का था। लगभग दो दशकों तक ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज की एक ही पठकथा रही थी, जहाँ इंग्लैंड के उपर ऑस्ट्रेलिया ने लगातार अपना वर्चस्व बनाये रखा था, और पहली गेंद के फेके जाने से पहले ही इंग्लैंड की हार तय मानी जाती थी। लेकिन 2010 में यह कहानी बदल गयी, जब एक मजबूत बल्लेबाजी क्रम और अच्छे गेंदबाजी आक्रमण वाली इंग्लैंड की टीम एशेज में अलग इरादों से उतरी लगी थी। पीटर सिडल की हैट-ट्रिक ने ऑस्ट्रेलिया की उम्मीदों को बनाये रखा। लेकिन एलेस्टेयर कुक और केविन पीटरसन की दूसरी पारी में साझेदारी हुई, जो इस बात की एक झलक थी कि आने वाले टेस्ट मैचों में क्या होने वाला है। हालांकि ऑस्ट्रेलिया ने पर्थ की तेज पिच पर तेज गेंदबाज मिचेल जॉनसन के बेहतरीन स्पेल की बदौलत, इंग्लैंड से 1-1 की सीरीज में बराबरी की। लेकिन बॉक्सिंग डे टेस्ट के पहले सत्र में ही मेज़बान टीम एशेज हार गई थी जब पूरी टीम केवल 98 रन पर आउट हो गयी। चौथा टेस्ट ऑस्ट्रेलिया पारी और 157 रनों से हारा, जो कि ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी हार में से एक थी और बाद में इंग्लैंड द्वारा एससीजी में एक और अच्छे ​​प्रदर्शन के बाद श्रृंखला भी 1-3 से हार गई। हालाँकि इसके बाद 2010-11 के बाद से 10 टेस्ट मैचों में नौ टेस्ट मैच इंग्लैंड हार चुका है।

Edited by Staff Editor
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