21वीं सदी के इस आधुनिक क्रिकेट दौर में बड़ी टीमों के लिए दिल टूटने वाले पल

# 2 2010 में पाकिस्तान का स्पॉट फिक्सिंग स्कैंडल

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पाकिस्तानी क्रिकेट और विवादों का एक पुराना इतिहास रहा है, लेकिन यह प्रकरण पाकिस्तान क्रिकेट को एक नए-निम्न स्तर ले गया, जब 2010 में लॉर्ड्स टेस्ट में उनके कप्तान सलमान बट्ट सहित तीन खिलाड़ियों पर एक बुकी से रिश्वत लेने और गेंदबाजी के दौरान जानबूझ कर नो-बॉल फेकने का आरोप लगाया गया। पाकिस्तान 2010 की गर्मियों में हारा था, मगर उनके कप्तान सलमान बट, तेज गेंदबाज मोहम्मद आसिफ और युवा गेंदबाज़ मोहम्मद आमीर ने प्रभावित किया था। लेकिन बाद में सामने आये स्पॉट फिक्सिंग कांड में तीनो खिलाड़ियों को शामिल पाया गया था। बुकी मज़हार मजीद (सलमान बट्ट के एजेंट) द्वारा किए गए खुलासे के अनुसार उसने दावा किया कि उन्होंने खिलाड़ियों को नियंत्रित किया और लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान तीन नो-बॉल फेकने के लिए एक मोटी रकम का भुगतान किया। अगर मोहम्मद आमिर की ओर से फेकी गयी पहली नो-बॉल ने शक उत्पन्न किया तो, उनकी दूसरी नो बॉल इस बात की पुष्टि करती है कि कुछ न कुछ पक रहा था। स्टुअर्ट ब्रॉड के पहले टेस्ट शतक और ग्रीम स्वान के 5 विकेट के बूते इंग्लैंड हावी था। इस विवाद की तह तक जाने के लिये पुलिस ने सबूतों को पकड़ पाने के उद्देश्य से स्टेडियम में तलाशी ली। सदमे में पाकिस्तान मैदान पर उतरा और पहले सत्र में इंग्लैंड के आगे समपर्ण कर दिया। श्रृंखला के स्टार खिलाड़ियों के रूप में देखे गये आमिर, आसिफ और सलमान बट्ट को पांच साल तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया। आमिर ने भ्रष्टाचार के आरोपों को कबूला और एक युवा अपराधियों के संस्थान में तीन महीने बिताए, जबकि बट और आसिफ को जेल भेज दिया गया। जुलाई 2016 में आमिर के उपर से प्रतिबन्ध हट गया, और 2016 में उसी जगह जहाँ उनपर प्रतिबंध लगा था, एक मैच में पाकिस्तान के जीत लिये हासिल की।

Edited by Staff Editor
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