21वीं सदी के इस आधुनिक क्रिकेट दौर में बड़ी टीमों के लिए दिल टूटने वाले पल

# 1 2011-12 में भारत की इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के हाथों 8 विदेशी टेस्ट हार

Ad

एक भारतीय क्रिकेट प्रशंसक के लिए जिन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ के तहत भारतीय टीम को खेलते देखा है, विशेषकर विदेशों में उन्होंने टीम को उच्च स्तर का खेल खेलते देखा है। भारत का 90 के दशक में विदेशी जमीन पर रिकॉर्ड हमेशा ख़राब रहा और टीम हर दौरे से बिना जीत के निराश ही हो लौटी। लेकिन सदी की शुरुआत में सौरव गांगुली के हाथों में कमान आने के बाद चीजें बदल गईं। भारत का विदेशों में प्रदर्शन सुधरता रहा लेकिन उन्हें तब एक दर्दनाक अनुभव का सामना करना पड़ा जब वह इंग्लैंड (0-4) और उसके बाद ऑस्ट्रेलिया (0-4) में कोई भी मैच नही जीत सके थे। इसकी शुरुआत तब हुई जब बिना तैयारी के भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में खेलने उतरी थी, और एक ऐसी श्रृंखला जिसे दुनिया की दो बेहतरीन टेस्ट टीमों के बीच एक प्रतियोगिता के रूप में देखा गया था। जब ज़हीर खान पहले टेस्ट मैच की सुबह ही चोट के चलते ड्रेसिंग रूम में वापस आ गये तो नतीजे एक टीम की ओर झुक से गये। जहीर चार मैचों की श्रृंखला में और किसी मैच में नही खेल पाए और उनके उपर भारत की निर्भरता उजागर हो गई क्योंकि इंग्लिश बल्लेबाजों ने आराम से रनों के पहाड़ खड़े कर दिये। भारत के बल्लेबाज़ दौरे पर एंडरसन और ब्रॉड की जोड़ी के आगे संघर्ष करते रहे, सिवाय राहुल द्रविड़ के जिन्होंने दौरे पर तीन शतक लगाये। भारत का श्रृंखला में 4-0 से सफाया हो गया और इसके चलते वह नंबर 1 की रैंकिंग से भी हट गये। अगर इंग्लैंड में मिली हार बहुत ही चौंकाने वाली थी, तो कुछ महीने बाद 2011 की सर्दियों में जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था तो परिणाम और भी बुरे आये। यहाँ पर 8 पारियों में 7 बार भारत की दीवार राहुल द्रविड़ के स्टंप पर गेंद जाकरलगी थी, जो कि इंग्लैंड में भारत के सबसे सफल बल्लेबाज थे। 100 वें शतक के दबाव में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का फॉर्म भी प्रभावित होता दिखा, जब मेलबर्न में एक उत्साहजनक शुरुआत के बाद उनका फॉर्म खत्म हो गया और भारत का ऑस्ट्रेलिया ने 4-0 का सफाया कर दिया। उत्साही भारतीय प्रशंसकों को जीत की उम्मीद थी, और तेंदुलकर के 100वें शतक की उम्मीद भी, पर यह दोनों न हो सका। फिर भी जो भी हुआ वह भारत के बल्लेबाजी के भविष्य की एक झलक थी, जिसमें विराट कोहली ने पर्थ में एक 75 रन की पारी और एडिलेड में चौथे टेस्ट में शतक के साथ टेस्ट खिलाड़ी के रूप में अपने आगमन का आग़ाज़ कर दिया था। लेखक: यश मित्तल अनुवादक: राहुल पांडे

Edited by Staff Editor
Sportskeeda logo
Close menu
Cricket
Cricket
WWE
WWE
Free Fire
Free Fire
Kabaddi
Kabaddi
Other Sports
Other Sports
bell-icon Manage notifications