अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) द्वारा एंटी-करप्शन कोड को तोड़ने के पांच आरोपों को स्वीकार करने के बाद जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान हीथ स्ट्रीक (Heath Streak) पर 8 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है। हीथ स्ट्रीक को उनके कार्यकाल के दौरान 2016 और 2018 के बीच ज़िम्बाब्वे की राष्ट्रीय टीम के कोच के रूप में और अन्य घरेलू टीमों के कोच के रूप में चार्ज किया गया।
हीथ स्ट्रीक पर लगे कुछ आरोपों में 2018 में एक त्रिकोणीय श्रृंखला के दौरान सूचनाओं का खुलासा करना और उसी वर्ष इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की सीक्रेट बातों का खुलासा करना भी शामिल है। उन पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से खिलाड़ियों को भ्रष्ट व्यवहार में शामिल करने और दूसरों के बीच भ्रष्ट दृष्टिकोण की रिपोर्ट करने में विफलता के लिए भी आरोपित किया गया था। स्ट्रीक ने शुरू में आरोपों का विरोध किया लेकिन बाद में स्वीकार कर लिया।
आईसीसी की एक प्रेस रिलीज में कहा गया कि स्ट्रीक ने आरोपों को स्वीकार किया और भ्रष्टाचार विरोधी न्यायाधिकरण सुनवाई के बदले आईसीसी के साथ अनुमोदन के लिए सहमत हो गए। वह 28 मार्च 2029 को खेल में अपनी भागीदारी को फिर से शुरू करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
हीथ स्ट्रीक सबसे सफल ऑलराउंडरों में से एक थे, जिन्होंने जिम्बाब्वे से क्रिकेट खेला था। दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 1993 से 2005 तक जिम्बाब्वे के लिए 65 टेस्ट, 189 एकदिवसीय मैच खेले। उन्होंने 1990 टेस्ट और 2943 वनडे रन बनाए और 216 टेस्ट और 239 एकदिवसीय विकेट चटकाए। वह जिम्बाब्वे के कप्तान भी रहे और अपने समय में बल्लेबाजी से ज्यादा बेहतर गेंदबाजी के लिए जाने जाते थे। इस तरह भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने की उम्मीद उनसे शायद ही किसी ने की होगी। उन्हें उनके खेल की वजह से काफी सम्मान भी मिलता था लेकिन इस बैन के कारण उनकी प्रतिष्ठा पर भी दाग लगा है।