टेस्ट मैचों में साहा ने हाल में अच्छी बल्लेबाज़ी की है। बंगाल के इस विकेटकीपर बल्लेबाज़ ने न्यूज़ीलैंड के खिलाफ ईडन गार्डन में दोनों पारियों में अर्धशतक बनाया था। जिसके लिए साहा की काफी सराहना हुई थी। इससे पहले वेस्टइंडीज में हुए टेस्ट सीरीज में इस 31 वर्षीय बल्लेबाज़ ने 237 रन और अपने करियर का पहला शतक बनाया था। इससे पहले भारतीय टीम में विकेटकीपर का चयन उसकी विकेटकीपिंग के आधार पर होता था। लेकिन धोनी के बाद अब साहा ने इस मानक को नया आयाम दिया है।
साल 2000 के शुरुआती दौर में भारतीय टीम को एक अदद बेहतरीन विकेटकीपर बल्लेबाज़ की तलाश थी। जो नहीं पूरी हुई तो तत्कालीन कप्तान सौरव गांगुली ने राहुल द्रविड़ को विकेटकीपर की जिम्मेदारी सौंप दी। लेकिन उसके बाद धोनी आये और ये समस्या खत्म हो गयी। टेस्ट में धोनी के संन्यास के बाद साहा ने टीम में जगह बनाई और उन्होंने कमाल का प्रदर्शन अबतक किया है।
ऐसे में आइये एक नजर डालते हैं सभी प्रारूप में भारतीय विकेटकीपरों के बनाये उच्च स्कोर पर:
फारुख इंजिनियर 121 बनाम इंग्लैंड, 1972-73
फारुख इंजीनियर भारत के महान विकेटकीपर बल्लेबाजों में से एक थे। उनकी बल्लेबाज़ी और विकेटकीपिंग कमाल की थी।
बेहतरीन गेंदबाजों की गेंदों पर फारुख जोरदार बल्लेबाज़ी करते थे। 1972-73 में मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में भारत और इंग्लैंड के बीच पांचवां और आखिरी टेस्ट मैच खेला जा रहा था। जिसमें फारुख ने 121 रन बनाये थे। भारत पहला मैच हार गया था, लेकिन कोलकाता में जीत करके टीम ने बराबरी की थी। जिसमें फारुख ने 75 रन बनाये थे। उसके बाद तीसरे मैच में एमएके पटौदी की मौजूदगी में टीम ने इंग्लैंड को आराम से हरा दिया। उसके बाद चौथा टेस्ट ड्रा रहा था।
सीरीज 2-1 से आगे चल रही टीम इंडिया ने फारुख के 121 रन की पारी के बदौलत पहली पारी में 448 रन बनाये थे। हालाँकि इंग्लैंड ने 32 रन की लीड ले ली थी। लेकिन फारुक और गावस्कर ने 102 रन की साझेदारी करके मैच को ड्रा करवा दिया।
राहुल द्रविड़ 145 बनाम श्रीलंका 1999
आईसीसी वर्ल्डकप 1999 में कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने द्रविड़ से श्रीलंका के खिलाफ ग्रुप मैच में नयन मोंगिया की जगह विकेटकीपिंग करने को कहा। इस मैच में गांगुली ने 183 रन की पारी खेली थी।
इस मैच में गांगुली का पूरा साथ द्रविड़ ने दिया था। द्रविड़ ने इस मैच में 145 रन की पारी खेली थी। टेस्ट के विशेषज्ञ बल्लेबाज़ माने जाने वाले द्रविड़ ने 179 गेंदों का समाना करते हुए इस मैच में 17 चौके और एक छक्का लगाया था। भारत ने इस मैच में 374 रन का लक्ष्य खड़ा किया। जिसके बाद 157 रन से जीत हासिल की।
साल 2003 के वर्ल्डकप में गांगुली की कप्तानी में भी द्रविड़ ने विकेटकीपर की जिम्मेदारी संभाली थी।
नयन मोंगिया 152 बनाम ऑस्ट्रेलिया, 1996
सन 1996 बॉर्डर-गावस्कर ट्राफी का पहला टेस्ट दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेला गया था। इस मैच में मोंगिया को बतौर सलामी बल्लेबाज़ भेजा गया और उन्होंने बेहतरीन बल्लेबाज़ी करके सभी को हैरान कर दिया।
मोंगिया ने इस मैच में 152 रन की पारी खेली जिसमें 18 चौके और एक छक्का लगाया। ऑस्ट्रेलिया के 182 रन के जवाब में भारतीय टीम ने 361 रन बनाये। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया 234 रन पर आलआउट हो गयी और भारतीय टीम ने 58 रन के लक्ष्य को हासिल करके मैच जीत लिया।
बुधि कुंदरन 192 बनाम इंग्लैंड, 1964
सन 1964 में इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में कुंदरन ने 31 चौकों की मदद से बेहतरीन 192 रन की पारी खेली थी। इसके अलावा विजय मांजरेकर के 108 रन की पारी के बदौलत भारत ने इस मैच में 457 रन का स्कोर बनाया। जवाब में इंग्लैंड 317 रन पर आलआउट हो गयी। हालाँकि दूसरी पारी में कुंदरन मात्र 38 रन ही बना सके। जबकि मैच ड्रा पर छूटा था।
इस पारी के बारे में इरापल्ली प्रसन्ना ने espncricinfo से कहा था, “1964 में किसी विकेटकीपर बल्लेबाज़ द्वारा 192 रन की पारी खेलना उस समय बड़ी बात थी। उन्होंने ये दिखाया था की कैसे डिफेन्स करते हुए हिट लगाना है। कुंदरन एक अच्छे इन्सान भी थे।”
कुंदरन ने 18 टेस्ट मैचों में 32 के करीब औसत से 981 रन बनाये थे।
एमएस धोनी 224 बनाम ऑस्ट्रेलिया, 2013
एमएस धोनी ने भारतीय क्रिकेट को अपनी बल्लेबाज़ी प्रतिभा से के नई ऊंचाई दी। उन्होंने 2013 में 224 रन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाया था। किसी भारतीय विकेटकीपर द्वारा बनाया ये सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर है।
बॉर्डर-गावस्कर ट्राफी में चेन्नई के चेपक स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धोनी ने ये पारी खेली थी। ऑस्ट्रेलिया के 380 रन के जवाब में एक समय भारतीय टीम 196/4 संघर्ष कर रहा था। धोनी ने यहाँ से भारतीय पारी को सँभालते हुए 24 चौकों और 6 छक्कों की मदद से 224 रन बनाये और भारतीय पारी 572 पर जाकर खत्म हुई।
दूसरी पारी में मेहमान टीम 241 रन पर आलआउट हो गयी। भारत को जीत के लिए 50 रन बनाने थे। जो टीम ने 2 विकेट खोकर हासिल कर लिया। धोनी मैन ऑफ़ द मैच चुने गये।