ऑस्ट्रेलियाई सरज़मीं पर भारतीय खिलाड़ियों द्वारा की गई सर्वोच्च टेस्ट साझेदारियाँ

लंबे समय से, यह एक स्थापित तथ्य था कि भारतीय क्रिकेट टीम दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक है लेकिन अभी भी कई ऐसे रिकार्ड हैं जो भारतीय टीम की पहुँच से दूर हैं। मिसाल के तौर पर, भारत ने अभी तक ऑस्ट्रेलिया में एक भी टेस्ट सीरीज़ नहीं जीती है। हालाँकि पिछले दशक से भारतीय टीम ने अपने प्रदर्शन में लगातार सुधार किया है। ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर गति और उछाल ने भारतीय बल्लेबाजों को हमेशा से परेशान किया है। इसके बावजूद इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि भारतीय बल्लेबाजों ने समय-समय पर ऑस्ट्रेलिया में उत्कृष्ट प्रदर्शन भी किया है। तो आइये ऑस्ट्रेलिया में भारतीय बल्लेबाजों द्वारा की गईं 5 सबसे बड़ी सांझेदारियों पर एक नज़र डालें:

1992 में सिडनी टेस्ट में रवि शास्त्री और सचिन तेंदुलकर के बीच 196 रनों की सांझेदारी

पहले दो टेस्ट मैच हारने के बाद, भारत ने 1 991-92 के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान सिडनी में तीसरे टेस्ट में अच्छी शुरुआत की थी। ऑस्ट्रेलिया को 313 रनों पर आल-आउट करने के बाद, भारत ने सिर्फ 2 विकेट गँवाकर 197 रन बना लिए थे लेकिन उसके बाद कंगारू गेंदबाज़ों ने अच्छी गेंदबाज़ी करते हुए भारत के 4 खिलाड़ियों को पवेलियन वापिस भेज दिया। यही वह वक्त था जब युवा सचिन तेंदुलकर ने रवि शास्त्री के साथ मिलकर भारत को इस संकट से उबारा। ये दोनों खिलाड़ी क्रेग मैकडर्मॉट, ब्रूस रीड, मर्व ह्यूजेस और पदार्पण कर रहे शेन वॉर्न के ज़बरदस्त गेंदबाज़ी आक्रमण के सामने डट कर खेले। सचिन और रवि शास्त्री की जोड़ी ने 5 वें विकेट के लिए 196 रन जोड़े और टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। इस मैच में शास्त्री ने अपनी यादगार पारी खेलते हुए शानदार 206 रन बनाए। यह साझेदारी 397 रनों पर टूटी जब रवि शास्त्री आउट होकर पवेलियन वापिस लौटे। पर सचिन ने अपनी शानदार पारी जारी रखी और 148 रन बनाकर टीम का स्कोर 483 तक पहुंचाया। इस तरह से पहली पारी में भारत को 170 रनों की बढ़त मिली। दूसरी पारी में बल्लेबाज़ी करने उतरी मेज़बान टीम के 8 खिलाड़ियों को भारतीय गेंदबाज़ों ने 173 रनों पर पवेलियन वापिस भेज दिया था।

1986 में सिडनी टेस्ट में सुनील गावस्कर और मोहिंदर अमरनाथ के बीच दूसरे विकेट के लिए 224 रनों की सांझेदारी

भारत के ऑस्ट्रेलिया के 1985-86 दौरे के दौरान, भारत श्रृंखला जीतने के करीब आ गया था क्योंकि मेजबान टीम ने दो टेस्ट बड़ी मुश्किल से ड्रा करवाए थे, जिनमें से सिडनी टेस्ट एक था। इस टेस्ट में भारत ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए शानदार शुरुआत की और सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर और क्रिस श्रीकांत ने पहले विकेट के लिए शानदार 191 रनों के सांझेदारी की। क्रिस श्रीकांत ने आउट होने से पहले अपनी पारी में 117 गेंदों पर 116 रन बनाए। हालांकि, इसके बाद भी भारत ने रनों का सिलसिला रुकने नहीं दिया और क्रिस श्रीकांत के आउट होने के बाद बल्लेबाज़ी करने आये मोहिंदर अमरनाथ ने गावस्कर के साथ मिलकर स्कोर को आगे बढ़ाया। दोनों के बीच दूसरे विकेट के लिए 224 रनों की सांझेदारी हुई। इस टेस्ट में गावस्कर ने आउट होने से पहले 172 रनों की बेहतरीन पारी खेली और अमरनाथ ने 138 रन बनाए, भारत ने आखिरकार 600 के स्कोर पर पारी घोषित कर दी।ऑस्ट्रेलिया ने इस विशाल स्कोर का पीछा करते हुए अपनी पहली पारी में 396 रन बनाए और फॉलो-ऑन मिलने पर दूसरी पारी खेलते हुए मैच ड्रॉ करा दिया।

मेलबर्न, 2014 में विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे के बीच चौथे विकेट के लिए 262 रनों की सांझेदारी

इस टेस्ट मैच में ढेरों रन बने थे और ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 530 रन बनाये थे। वहीं उसके बाद मैदान पर उतरी भारतीय टीम ने अपने 3 विकेट सिर्फ 147 रनों पर गँवा दिए थे। यही वह समय था जब बेहतरीन फॉर्म में चल रहे विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। दोनों ने साथ मिलकर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड के चारों और शॉट्स लगाए और सिर्फ 57 ओवरों में 262 रन जोड़े। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ मिशेल जॉनसन, रयान हैरिस और जोश हैज़लवुड जैसे बेहतरीन गेंदबाज़ों के सामने दोनों बल्लेबाज़ों ने शानदार प्रदर्शन किया। नंबर 5 पर बल्लेबाज़ी करने वाले रहाणे ने विशेष रूप से शानदार प्रदर्शन किया और उन्होंने अपनी पारी में 21 चौके लगाकर केवल 171 गेंदों पर 147 रन बनाए। दूसरी और कोहली ने बेहतरीन 169 रन बनाकर भारत को 465 रनों के स्कोर तक पहुंचाया। हालाँकि ये मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ।

2003 में एडीलेड में राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण के बीच 303 रनों की सांझेदारी

ईडन गार्डन्स में 2001 में एक यादगार सांझेदारी कर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाने के बाद 2003 में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण ने एडीलेड में यह ऐतिहासिक कारनामा दोहराया। ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 556 रन बनाए और मैच में अपनी पकड़ मजबूत कर ली थी। उसके बाद, बल्लेबाज़ी करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत बेहद ख़राब रही और दूसरे दिन की समाप्ति पर भारत ने सिर्फ 85 रनों पर 4 विकेट गंवा दिए थे। हालांकि, मध्य-क्रम में वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ ने साथ मिल कर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी आक्रमण के सामने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। लक्ष्मण ने शानदार 148 रन बनाए और इस जोड़ी ने 94 ओवरों में 303 रनों की सांझेदारी की और भारत को मैच में वापसी दिलाई। द्रविड़ ने अपने करियर के यादगार 233 रन बनाए और भारतीय टीम का स्कोर 523 तक पहुंचाया। ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में, अजित आगरकर की शानदार गेंदबाज़ी की बदौलत भारत ने मेहमान टीम को 196 रनों पर ढेर कर दिया। आगरकर ने इस मैच में 6 विकेट लिए और दूसरी पारी में मिले छोटे लक्ष्य को भारत ने द्रविड़ के शानदार 72 रनों की बदौलत आसानी से हासिल कर लिया।

2004 में सिडनी टेस्ट में सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण के बीच चौथे विकेट के लिए 353 रनों की सांझेदारी

2003-04 में हुई इस टेस्ट सीरीज़ में भारतीय टीम ने कई कीर्तिमान स्थापित किये थे और इस सीरीज़ में सबसे ऐतिहासिक मैच था- सिडनी टेस्ट। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए शानदार शुरुआत की और वीवीएस लक्ष्मण और सचिन तेंदुलकर की जोड़ी ने कई रिकार्ड बनाए। शानदार फॉर्म में चल रहे तेंदुलकर ने भारत के तीन विकेट 194 रनों पर गिर जाने के बाद लक्ष्मण के साथ मिलकर ना केवल टीम को शुरुआती झटकों से उबारा बल्कि पहली पारी में टीम इंडिया को 700 रनों के पार पहुंचाया। दोनों बल्लेबाजों ने मिलकर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को मैदान के चारों ओर मनचाहे शॉट्स लगाए। लक्ष्मण ने 298 गेंदों में शानदार 178 रन बनाए, जिस में 30 चौके शामिल हैं। दोनों ने चौथे विकेट के लिए 353 रनों की रिकार्ड सांझेदारी की। वहीं तेंदुलकर ने नाबाद 241 रन बनाये और भारत को 705 रनों के स्कोर तक पहुंचाया। यह मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ था। लेखक: एस. समद्दर अनुवादक: आशीष कुमार