पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी इन दिनों एक विज्ञापन फ़िल्म की शूटिंग के सिलसिले में हिमाचल प्रदेश पहुंचे हैं। ऐसे में हिमाचल सरकार ने मेहमान नवाजी दिखाते हुए उन्हें स्टेट गेस्ट घोषित किया था। मगर विपक्ष के नेताओं को ये बात नागवार गुजरी है। अब हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपना रुख साफ करते हुए सफाई पेश की है। दरअसल धोनी 27 से 31 अगस्त तक हिमाचल प्रदेश में ठहरे हुए हैं। हिमाचल सरकार ने उन्हें पुलिस सुरक्षा मुहैया कराते हुए तुरंत स्टेट गेस्ट का दर्जा दे दिया था। मगर विपक्षियों को ये बात हज़म नहीं हुई। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र में बुधवार को भी क्रिकेटर एम.एस. धोनी को स्टेट गेस्ट का मामला छाया रहा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सदन में मामले को इस तरह से उठाए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और इस तरह के गैर-जरूरी विषयों को राजनीतिक मंशा से उठाने पर विपक्ष को लताड़ भी लगाई। उन्होंने सदन में कहा ' धोनी पर सरकार ने किसी तरह का खर्चा नहीं किया और न ही धोनी ने ऐसी कोई मांग सरकार के पास रखी है, ऐसे में केवल राजनीति करने के लिए देश के महान खिलाड़ी की छवि को खराब करना उचित नहीं है। सरकार ने केवल धोनी को सुरक्षा कारणों से राज्य अतिथि बनाया है।' उन्होंने साफ किया कि इस तरह के सेलिब्रिटी का शिमला या हिमाचल पर्यटन स्थलों में आना प्रदेश के पर्यटन स्थलों को दुनिया के मानचित्र पर आने के लिए मददगार साबित होगा लेकिन विपक्ष द्वारा ऐसे बेवजह मामलो को तूल देने से हिमाचल की छवि खराब होती है। उधर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सरकार पर मामले को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष को धोनी या किसी भी सैलिब्रिटी के शिमला आने या उनको स्टेट गैस्ट बनाए जाने से ऐतराज नहीं है। विपक्ष ने तो केवल इस तरह के मामलों में स्पष्ट नीति बनाए जाने की बात उठाई थी।