हांगकांग के क्रिकेटर क्रिस कार्टर ने 21 साल की उम्र में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। उन्होंने पायलट बनने के लिए क्रिकेट छोड़ दी है। हाल ही में उन्होंने एशिया कप में हिस्सा लिया था। पायलट बनने का सपना पूरा करने के लिए अब वो ऑस्ट्रेलिया चले गए हैं जहां पर वो पले-बढ़े थे।
कार्टर का कहना है कि हांगकांग में क्रिकेट करियर में काफी सीमित अवसर हैं और आगे बढ़ने के चांस बहुत कम हैं, इसीलिए उन्होंने ये फैसला किया है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट से बातचीत में कार्टर ने कहा कि क्रिकेट के लिए पहले मैंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी लेकिन अब मुझे लगता है कि मेरे सपने को पूरा करने का यही समय है। मैं हमेशा से ही पायलट बनना चाहता था और अब मुझे इस सपने को साकार करना है। उन्होंने कहा कि हांगकांग में क्रिकेटर बनना आसान नहीं है क्योंकि यहां पर फंड की काफी कमी है। लोग यहां पर क्रिकेटर बनने के लिए काफी मेहनत करते हैं लेकिन उन्हें आईसीसी और सरकार की तरफ से सपोर्ट नहीं मिलता है। इसी वजह से एक क्रिकेटर के तौर पर हांगकांग में करियर बनाना काफी मुश्किल काम है। हांगकांग के कोच सिमन कुक ने भी माना की पैसों की वजह से क्रिकेटर ऐसे फैसले ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि हांगकांग में रहना काफी महंगा है और हमारे खिलाड़ियों को उतना पैसा नहीं मिलता है जितना मिलना चाहिए।
गौरतलब है कार्टर ने अपना अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू 18 साल की उम्र में साल 2015 में किया था। तब से लेकर अब तक उन्होंने हांगकांग के लिए 11 वनडे और 10 टी20 मैच खेले हैं। हालांकि वो एडिलेड पहुंच चुके हैं जहां पर वो पायलट बनने की ट्रेनिंग लेंगे लेकिन भविष्य में हो सकता है कि वो दोबारा हांगकांग के लिए क्रिकेट खेलते नजर आएं। ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट टीम के बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा भी पायलट की ट्रेनिंग ले चुके हैं और अपने देश के लिए अब क्रिकेट खेल रहे हैं।