अफ़ग़ानिस्तान की टीम टेस्ट क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन कैसे कर सकती है?

अफ़ग़ानिस्तान टीम के फ़ैंस की संख्या में काफ़ी इज़ाफ़ा हो रहा है। हाल में ही इस टीम ने अपना पहला टेस्ट मैच टीम इंडिया के ख़िलाफ़ खेला था। इस मैच में अफ़ग़ानिस्तान का प्रदर्शन काफ़ी बुरा रहा था। वेस्टइंडीज़ ने अपना पहला टेस्ट इंग्लैंड के ख़िलाफ़ खेला था और उसे पारी की हार का सामना करना पड़ा था। इसी तरह पाकिस्तान ने अपना पहला टेस्ट मैच टीम इंडिया के ख़िलाफ़ खेला था, उसे भी पारी की हार नसीब हुई थी। अफ़ग़ान टीम ने अपने पहले टेस्ट मैच में कुल 212 रन बनाए थे, जो पाकिस्तान और वेस्टइंडीज़ से भी बुरा प्रदर्शन है। ऑस्ट्रेलिया और ज़िम्बाब्वे को छोड़कर सभी टीम को अपने पहले टेस्ट मैच में हार का सामना करना पड़ा था। कई टीम ऐसी भी हैं जिन्होंने अपने पहले टेस्ट मैच में विपक्षी टीम को कड़ी चुनौती दी है। इंग्लैंड ने अपना पहला टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेला था और उसे 45 रन की हार नसीब हुई थी। ज़िम्बाब्वे ने अपना पहला टेस्ट मैच भारत के ख़िलाफ़ खेला था और पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 456 रन का स्कोर खड़ा किया था। उस मैच को ज़िम्बाब्वे की टीम ड्रॉ करने में सफल रही थी। हाल में आयरलैंड ने अपने पहले टेस्ट मैच में फ़ॉलोऑन के बाद पाकिस्तान को कड़ी टक्कर दी थी। हांलाकि आयरिश टीम ये मैच 5 विकेट से हार गई थी, लेकिन उसने हर किसी का दिल जीत लिया था। अफ़ग़ानिस्तान की टीम के लिए ज़रूरी है कि वो विश्लेषण करे कि ग़लती कहां हो रही है। हम यहां उन 4 उपायों के बारे में चर्चा कर रहे हैं जिनके ज़रिए अफ़ग़ानिस्तान की टीम टेस्ट क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। #1 – ज़्यादा से ज़्यादा टेस्ट मैच खेला जाए अफ़ग़ान टीम के लिए ये बेहद ज़रूरी है कि वो अधिक संख्या में टेस्ट मैच खेले जिससे टीम के खेल में सुधार हो सके। ये टीम अपने देश में टेस्ट मैच नहीं खेल सकती, ऐसे में उसे विदेशी सरज़मीं पर सफ़ेद जर्सी पहननी होगी। इससे उन्हें ज़्यादा से ज़्यादा तजुर्बा हासिल हो सकेगा। भारत के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच हारने के बाद अफ़ग़ानिस्तान टीम के कप्तान असगर स्टानिकज़ई ने कहा था कि उनके साथी क्रिकेटर्स ने इससे पहले कभी भी टेस्ट मैच नहीं खेला था, इसलिए वो दबाव को झेलने मे नाकाम रहे। अगर वो ज़्यादा टेस्ट मैच खेलेंगे तो उन्हें दबाव में खेलने की आदत हो जाएगी और हालात के हिसाब से खेलने में परेशानी नहीं होगी। #2 – ज़्यादा से ज़्यादा प्रथम श्रेणी मैच खेलें ज़्यादा से ज़्यादा टेस्ट मैच खेलना अफ़ग़ान क्रिकेट बोर्ड के हाथों में नहीं है, ऐसे में ये मुमकिन है कि इस टीम के खिलाड़ी अधिक संख़्या में प्रथम श्रेणी मैच खेलें और क्रिकेट के लंबे फ़ॉर्मेट में अनुभव हासिल करें। भारत के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच से पहले अफ़ग़ान टीम के खिलाड़ी मुजीब-उर-रहमान और वफ़ादार मोमानद ने कभी भी प्रथम श्रेणी मैच नहीं खेला था। इसके अलावा मोहम्मद नबी, असगर स्टैनिकजज़ाई, मोहम्मद शहज़ाद, यामिन अहमदज़ाई के अलावा किसी भी अफ़ग़ान खिलाड़ी ने 20 प्रथम श्रेणी मैच नहीं खेला था। राशिद ख़ान जैसे क़ाबिल खिलाड़ी ने भी सिर्फ़ 5 प्रथम श्रेणी मैच खेला है। #3 - ए-टीम के विदेशी दौरे की संख्या बढ़े क्रिकेट खेलने वाले स्थापित देश अपने युवा खिलाड़ियों को काफ़ी कम उम्र में ही टेस्ट में डेब्यू करा देते हैं, क्योंकि छोटी उम्र से ही ये खिलाड़ी अपने देश की ए टीम से क्रिकेट खेलते हैं। हालाँकि अफ़ग़ानिस्तान के खिलाड़ी राशिद ख़ान और मुजीब-उर-रहमान में हुनर की कोई कमी नहीं हैं, लेकिन उनका तजुर्बा काफ़ी कम है। यही वजह है कि ये टीम भारत से बुरी तरह हारी थी। अगर अफ़ग़ानिस्तान की ए टीम विदेशी दौरे पर जाएगी तो युवा खिलाड़ियों को सीखने और अनुभव हासिल करने का काफ़ी मौका मिलेगा। भारत इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण है। बीसीसीआई हमेशा अपनी ए टीम को विदेशी दौरे पर भेजती और खिलाड़ियों के प्रदर्शन के आधार पर उनका चयन करती है। अगर अफ़ग़ानिस्तान भी इस बात से प्रेरणा ले पाए तो ये उसके लिए फ़ायदेमंद होगा। #4 – काउंटी क्रिकेट अफ़ग़ानिस्तान के क्रिकेटरों के पास प्रथम श्रेणी का अनुभव काफ़ी कम है, ऐसे में अगर ये टीम भविष्य में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट क्रिकेट खेलेगी तो उसका क्या हश्र होगा ये बताने की ज़रूरत नहीं हैं। अफ़ग़ान खिलाड़ियों ने कई मौके पर अपनी क़ाबिलियत को साबित किया है, ऐसे में बेहद मुमकिन है कि काउंटी क्रिकेट में उन्हें खेलने का मौका मिले। अगर अफ़ग़ान खिलाड़ी इंग्लिश काउंटी क्रिकेट खेलते हैं तो ये उनके लिए फ़ायदेमंद साबित होगा। विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे चेतेश्वर पुजारा और रविचंद्रन अश्विन ने काउंटी क्रिकेट खेला और अपनी टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया है। इंग्लैंड के मैदान में अच्छी क्रिकेट खेलने का अनुभव हासिल करना अफ़ग़ान टीम के लिए एक बेहतर कदम साबित हो सकता है। लेखक- गौरव सशित्तल अनुवादक – शारिक़ुल होदा

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