क्रिकेट के खेल में डिसीजन रिव्यू सिस्टम यानी DRS के आने से चीजें काफी बदली है। अम्पायरों को भी DRS के कारण निर्णय बदलने में आसानी रहती है और बल्लेबाजों को भी गलत निर्णय का शिकार नहीं होना पड़ता। आईपीएल (IPL 2020) में भी DRS का खासा महत्व दिखाई दे रहा है। कई बार टीमों ने इसका उपयोग कर ऑरिजनल डिसीजन बदलने में सफलता हासिल की है।
आईपीएल में DRS से कई बार आउट दिए गए बल्लेबाजों को मदद मिली है और रिव्यू से सही चीजें सामने आई है। इसके अलावा गेंदबाजों को भी इससे फायदा मिला है। अम्पायर के निर्णय को बदलने के लिए बल्लेबाज और गेंदबाज दोनों को आईपीएल में DRS का प्रयोग करते हुए देखा जाता है। कई बार मन में यह सवाल भी फैन्स के आता होगा कि आईपीएल मैच में कितने DRS रिव्यू लेने की अनुमति है। इस आर्टिकल में इसके बारे में ही बताया गया है।
आईपीएल (IPL) 2020 के मैचों में कितने DRS रिव्यू ले सकते हैं?
आईपीएल में DRS हर टीम के पास सिर्फ एक ही होता है। एक बार DRS रिव्यू में अगर अम्पायर का फैसला बदल जाता है, तो DRS फिर से ले सकते हैं। सीधा अर्थ यही है कि अम्पायर के फैसले के बाद DRS में आपके हक में निर्णय आता है, तो DRS बना रहता है अन्यथा यह चला जाता है और फिर वह टीम उसका इस्तेमाल दूसरी बार नहीं कर सकती। इसमें एक चीज यह भी है कि अम्पायर्स कॉल होती है, तो टीम का DRS नहीं जाता लेकिन निर्णय आपके खिलाफ ही रहता है।
आईपीएल के एक मैच में दोनों टीमों के एक-एक DRS रिव्यू को मिलाते हैं, तो ये दो हो जाते हैं। दोनों टीमों के पास 1-1 DRS होता है लेकिन समझदारी से इसका इस्तेमाल कर टीमों को कई बार लाभ मिल सकता है।
मुख्य मैच के अलावा सुपर ओवर में भी दोनों टीमों के पास 1-1 DRS रहता है। वहां भी अम्पायर्स कॉल वाला नियम लागू होता है। सीधे शब्दों में कहें तो एक DRS खाली जाने के बाद टीमों को वापस इसका उपयोग करने की इजाजत नहीं होती है।