क्रिकेट को आख़िर क्यों अनिश्चित्ताओं का खेल कहा जाता है, चैंपियंस ट्रॉफ़ी 2017 में ये फिर साबित हो गया। वह भी एक बार नहीं बल्कि दो दिनों में दो बार। बुधवार को पाकिस्तान ने मज़बूत दक्षिण अफ़्रीका को हराकर सभी चौंकाया ही था कि अगले दिन ट्रांज़िशन (परिवर्तन काल) से गुज़र रही श्रीलंका ने भारत को चैंपियंस ट्रॉफ़ी के इतिहास में सबसे बड़े चेज़ को अंजाम देते हुए करिश्माई रूप से मात दे दी। पाकिस्तान और श्रीलंका की इस जीत ने ग्रुप बी को बेहद रोमांचक बना दिया है। पाकिस्तान, भारत, श्रीलंका और दक्षिण अफ़्रीका अब सभी के दो मैचों में 2-2 अंक हो गए हैं। यानी पाकिस्तान बनाम श्रीलंका और भारत बनाम दक्षिण अफ़्रीका का मुक़ाबला वर्चुअल क्वार्टर फ़ाइनल हो चुका है। इन मुक़ाबलों में जो जीतेगा उन्हें मिलेगा सेमीफ़ाइनल का टिकट और हारने वाली टीम का हो जाएगा बैग पैक। दक्षिण अफ़्रीका की श्रीलंका पर शानदार जीत और भारत की पाकिस्तान को करारी शिकस्त के बाद ऐसा लग रहा था कि इस ग्रुप से भारत और प्रोटियाज का दूसरे दौर में जाना महज़ औपचारिकता है। क्रिकेट एक्सपर्ट तो ये भी कहने लगे थे कि आईसीसी रैंकिंग में टॉप-5 टीमों (दक्षिण अफ़्रीका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड) को छोड़कर कोई और कड़ी टक्कर ही नहीं दे रहा, प्रतियोगिता एकतरफ़ा हो गई है। लेकिन तभी नंबर-8 पर काबिज़ पाकिस्तान ने वर्ल्ड नंबर-1 दक्षिण अफ़्रीका को हराकर टूर्नामेंट में नई जान फूंक दी। किसी ने सोचा भी नहीं था कि भारत के हाथों हर विभाग में चारो खाने चित होने वाली पाकिस्तान अपने से कहीं मज़बूत और नंबर-1 टीम प्रोटियाज को इतने आसानी से मात दे देगी। ये पाकिस्तान की जीत का ही कमाल था, जिसने श्रीलंका के हौसले को मज़बूत किया और उनमें आत्मविश्वास जगा दिया। आईसीसी रैंकिंग में नंबर-6 पर काबिज़ श्रीलंका के सामने करो या मरो के मुक़ाबले में वर्ल्ड नंबर-2 भारतीय क्रिकेट टीम थी। मुक़ाबला कड़ा था, लेकिन जब टूर्नामेंट बड़ा हो तो इरादे भी बुलंद रखने होते हैं। श्रीलंका ने पाकिस्तान से प्रेरणा ली और लंदन के ओवल मैदान पर जीत का लक्ष्य लेकर उतरी, हालांकि टॉस जीतने के बाद उन्हें रोहित शर्मा (78) और शिखर धवन (125) ने काफ़ी सताया और अंत में महेंद्र सिंह धोनी (63) ने टीम इंडिया का स्कोर 321 रनों तक पहुंचा दिया। एक समय श्रीलंका की आंखों से मंज़िल ओझल होने लगी थी और उनके सामने अब अपना बोरिया बिस्तर बांधने की नौबत आन पड़ी थी। शुरुआत में ही विकेट खोने के बाद तो लगा कि भारत एक बार फिर बड़ी जीत की ओर बढ़ रहा है। लेकिन श्रीलंकाई टीम ने हौसला नहीं छोड़ा और लड़ने का जज़्बा बरक़रार रखा और फिर जो हुआ वह इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। श्रीलंका ने 322 रन बनाते हुए न सिर्फ़ भारत को शिकस्त देते हुए चैंपियंस ट्रॉफ़ी में अपने अभियान को ज़िंदा रखा बल्कि वनडे क्रिकेट इतिहास में अपने दूसरे सबसे बड़े चेज़ को भी अंजाम दे दिया। श्रीलंका की इस जीत ने जहां चैंपियंस ट्रॉफ़ी में नई जान फूंक दी है, वहीं भारतीय क्रिकेट टीम के लगातार चले आ रहे विजय रथ पर भी विराम लगा दिया है। नंबर-6 पर काबिज़ श्रीलंका की इस जीत का श्रेय नंबर-8 टीम पाकिस्तान को भी जाता है, क्योंकि प्रोटियाज पर पाकिस्तान की जीत ने ही श्रीलंका में भी नई ऊर्जा और हौसला भर दिया।