20 जून 1996 को लॉर्ड्स में हुए टेस्ट मैच को भारतीय क्रिकेट प्रेमी शायद ही कभी भुला पाएं। इस मैच में भारत के दो महान खिलाड़ी सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ ने डैब्यू किया था। इस मैच में इंग्लैंड के गेंदबाज एलेन मुलैली ने स्लैजिंग की, जिसके बाद गांगुली की आक्रामकता की झलक देखने को मिली।
मुलैली जो कि अब इंग्लैंड के रिटायर्ड खिलाड़ी है। मुलैली आज भी उस घटना को याद करते हैं कि कैसे गांगुली ने एंग्री लुक दिया था और कैसे उन्होंने एलेक स्टीवर्ट को चुप करा दिया था।
खेल के दूसरे दिन जब गांगुली बल्लेबाजी करने आए तो टीम इंडिया मुसीबत में थी। 344 रनों का पीछा करते हुए उसने 25 रन पर 1 विकेट गवा दिया था। मौसम भारत के फेवर में नहीं लग रहा था। इंग्लैंड के कप्तान माइकल एथरटन ने फील्डरों को गांगुली के करीब रहने के लिए कहा।
मुलैली ने कहा कि गांगुली को ऐसे खिलाड़ी के रूप में जाना जाता था, जिन्हें 1992 में एक चांस के बाद ड्रॉप कर दिया गया था। उन्होंने सोचा की गांगुली को आउट करना आसाना होगा। मुलैली गेंद करने के लिए जा रहे थे तब डॉमीनिक कॉर्क लॉन्ग ऑन पर खड़े होकर हंस रहे थे, उन्हें लग रहा था कि उन्हें जल्द ही दूसरा विकेट मिलने वाला है।
टीम के सीनियर खिलाड़ी विकेटकीपर एलेक स्टीवर्ट ने कहा, "इस बच्चे का खास स्वागत किया जाए, क्या होगा अगर बॉल इसके सिर पर लगे। मैं जानता हूं एलन तुम ये कर सकते हो"।
उन दिनों डैब्यू कर रहे नौजवान खिलाड़ी के खिलाफ दूसरी टीम ऐसे हथकंडे अपनाती थी। लेकिन सौरव गांगुली के स्वभाव के बारे में कोई भी इंग्लिश खिलाड़ी नहीं जानता था।
सौरव ने स्टांस लेते हुए स्टीवर्ट को कहा, "हैलो मिस्टर स्टीवर्ट, आप एक इज्जतदार खिलाड़ी है। चुप रहिए और मुझे मेरा डैब्यू करने दो"।
सौरव और लारा दो सबसे शानदार खिलाड़ी: मुलैली
मुलैली ने बताया कि कैसे उसके बाद स्टीवर्ट चुप हो गए थे। गांगुली का बॉलरों को घूरना कई बार उनके मन में संदेह पैदा कर देता था।
गांगुली ने उस मैच में 131 और द्रविड ने 95 रन बनाए, इनकी शानदार पारियों की बदौलत भारत ने पहली पारी में लीड़ ली। गांगुली ने इस मैच में 3 विकेट भी लिए।
मुलैली ने कहा, "सौरव गांगुली के साथ मेरा नाम जुडा हुआ है। 131 रन के स्कोर पर मैंने ही उनका विकेट लिया था। ये मेरे करियर की बड़ी उपलब्धि है। सौरव औऱ द्रविड भारत के डेविड गॉवर औऱ जेफ्री बायकॉट थे"।
"मैं उस मैच में सौरव से काफी प्रभावित था। लारा ही ऐसी बल्लेबाज हैं जो गांगुली जैसे आकर्षक लगते हैं। सौरव वसीम अकरम और सचिन की तरह टैलेंटेड नहीं थे। इसके लिए उन्होंने काफी मेहनत की है।
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