आजकल वनडे क्रिकेट को बल्लेबाज़ों का खेल कहा जाता है। यदि आपकी टीम पहले बल्लेबाजी करती है और 300 रन नहीं बनाती तो मैच जीतना बहुत मुश्किल माना जाता है। प्रत्येक बल्लेबाज़ी करने वाली टीम वनडे मैच के पहले 10 ओवर में पावरप्ले का भरपूर फायदा उठाने की कोशिश करती है, ऐसे में तेज़ गेंदबाज़ों का महत्व बहुत बढ़ जाता है। बल्लेबाज़ी करने वाली टीम पहले 10 ओवरों में 2-3 विकेट गंवा देती है, तो फिर उनका वापसी करना मुश्किल हो जाता है। इस लेख में हम अगले साल होने वाले क्रिकेट विश्व कप में तीन सबसे घातक गेंदबाजी संयोजनों का विश्लेषण करेंगे:
डेल स्टेन-कगिसो रबाड़ा
अपने करियर में स्टेन ने 114 वनडे मैचों में 26.33 की औसत से 180 विकेट लिए हैं, तो दूसरी तरफ रबाड़ा ने स्टेन से कम मैच खेले हैं लेकिन उनके गेंदबाज़ी आंकड़े भी काफी प्रभावशाली हैं। रबाड़ा ने 48 वनडे मैचों में 75 विकेट लिए हैं। इस बीच उनका औसत 27.57 का रहा है, जोकि काफी शानदार है। विश्व कप में विकेट स्विंग और सीम के लिए अनुकूल होती है, तो ये दोनों गेंदबाज़ पावरप्ले के पहले 10 ओवरों में किसी भी विपक्षी बल्लेबाज़ी लाइन-अप को परेशान करने का माद्दा रखते हैं।
टिम साउदी और ट्रेंट बोल्ट
दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वनडे गेंदबाजों में से एक होने के बावजूद, बोल्ट को अपने करियर की शुरुआत में टेस्ट विशेषज्ञ माना जाता था। उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच खेलने के तीन साल बाद 2014 में अपने वनडे करियर की शुरुआत की। तब से उन्होंने 66 मैचों में 122 विकेट लिए हैं। इस बीच उनका औसत 24.64 का रहा है। वहीं टिम साउदी का प्रभावशाली रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन कुल 133 वनडे मैचों में साउथी ने 34.34 की औसत से 175 विकेट लिए हैं। अगले साल होने वाले विश्व कप में ये दोनों गेंदबाज़ न्यूज़ीलैंड की सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगे।
जोश हेज़लवुड और मिचेल स्टार्क
ऑस्ट्रेलिया के स्टार गेंदबाज़ मिचेल स्टार्क और जोश हेज़लवुड लगातार चोटिल होने की वजह से अपनी टीम के लिए पिछले 12 महीनों में बहुत कम वनडे खेल पाए हैं। इसके बावजूद इस बात में कोई शक नहीं हैं कि यह जोड़ी अगले साल इंग्लैंड में होने वाले विश्वकप में बहुत घातक सिद्ध हो सकती बै। ये दोनों गेंदबाज़ इस समय ऑस्ट्रेलिया के बेहतरीन गेंदबाज़ों में से एक हैं। हेजलवुड अपनी लाइन और लेंथ पर नियंत्रण रखते हुए आमतौर पर 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से सटीक गेंदबाज़ी करते हैं और लगातार गुड लेंथ पर गेंदबाज़ी करने की क्षमता उन्हें विश्व के सबसे खतरनाक गेंदबाज़ों में शुमार कराती है, खासकर वनडे प्रारूप में उनकी महत्वता और बढ़ जाती है। आंकड़ों की बात करें तो हेजलवुड ने 41 एकदिवसीय मैचों में 24.28 की औसत से 69 विकेट लिए हैं। वहीं मिचेल स्टार्क पूरी तरह से अलग गेंदबाज है। स्टार्क अपनी गति और स्विंग के साथ ही यॉर्कर्स करने की क्षमता रखते हैं। 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करने में सक्षम, स्टार्क ने अभी तक खेले अपने 72 वनडे मैचों में 141 विकेट लिए हैं। यदि ऑस्ट्रेलिया अपने बुरे दौर से निकलना चाहता है तो इन दोनों गेंदबाज़ का फिट होना बहुत ज़रूरी होगा। इसके अलावा इंग्लैंड में अगले साल होने वाले विश्व कप को देखते हुए स्टार्क और हेजलवुड का टीम में वापसी करना बहुत महत्वपूर्ण होगा। लेखक: निक क्वाण्ट अनुवादक: आशीष कुमार