# 8 मोहम्मद अशरफुल साल 2007 में ढाका की एक शांत दोपहर में खिलाड़ी, दर्शक, अधिकारी और मीडिया बांग्लादेश की हार की औपचारिकता का इंतजार कर रहे थे। बांग्लादेश की हार सुनिश्चित लग रही थी। भारतीय टीम से 400 से ज्यादा रनों से पीछे होने के बाद 10 रन पर ही बांग्लादेश के 3 विकेट गिर चुके थे। इसके बाद कप्तान मोहम्मद अशरफुल क्रीज़ पर आये। खोने के लिए कुछ नहीं होने के साथ ही उन्होंने आक्रामक बल्लेबाजी करना शुरू कर दिया। उनकी पारी एक घंटे से भी कम समय तक चली। लेकिन उतने समय में ही अशरफुल का टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम समय में अर्धशतक लगाने वाले बल्लेबाज बन गए। वो मोहम्मद अशरफुल की खास पारी थी। उसी साल दक्षिण अफ्रीका में उन्होंने अपनी पारी की बदौलत वेस्टइंडीज की टीम को हार के कगार पर खड़ा कर दिया। उन्होंने उस मैच में 20 गेंदों में टी20 क्रिकेट का सबसे तेज अर्धशतक बनाया। साल 2005 में इंग्लैंड में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ प्रति गेंद रन की हिसाब से शतक लगाया। इसकी वजह से आधुनिक क्रिकेट का सबसे बड़ा उलटफेर हुआ। 2007 विश्व कप में उन्होंने गयाना में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इसी तरह की की पारी खेली थी। 83 गेंदों में 87 रन की पारी की वजह से बांग्लादेश को दक्षिण अफ्रीका को हराया और एक और नाटकीय जीत दर्ज की। एक शानदार शैली और एक आकर्षण के साथ वह वास्तव में बांग्लादेश क्रिकेट के 'वंडर बॉय' थे। अपने निडर तरीके, गज़ब के स्ट्रोक खेलते हुए और गेंदबाजों पर पूरी तरह से हावी रहने के साथ ही , उन्हें अपने विकेट को फेंकने की आदत थी। एक ऐसी कमी जो एक ट्रेडमार्क बन गयी और इस दाएं हाथ के बल्लेबाज़ के करियर को दबाने लगी। अशरफुल ने अपने टेस्ट कैरियर को 24 की औसत के साथ खत्म किया और एकदिवसीय मैचों में 22.23 के औसत के साथ अपना कैरियर खत्म किया। जो निश्चित रूप से उनकी क्षमताओं के साथ गंभीर अन्याय था। उन्होंने अपने एक दशक के लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर में 3468 एकदिवसीय रन और 2737 टेस्ट रन बनाये और साथ ही उनके नाम नौ अंतरराष्ट्रीय शतक भी हैं।