बांग्लादेश की एकदिवसीय टीम के कप्तान मशरफे मुर्तज़ा ने 33.45 की शानदार औसत से अब तक 251 से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय विकेट लिए हैं। हालांकि उन्होंने इससे कहीं ज्यादा टीम के लिए योगदान दिया है।
मुर्तजा बांग्लादेश के संघर्ष और पिछले कुछ सालों में टीम के खेल में सनसनीखेज तरीके से बदलाव के प्रतीक हैं। चोटों और अन्य मसलो से ग्रस्त होने के बावजूद यह तेज गेंदबाज तेजी से और सही तरीके से गेंदबाजी करने में कामयाब रहा।
2004 में बांग्लादेश ने वनडे में पहली बार भारत को हराया और मुर्तजा ने दो विकेट लिये। तीन साल बाद उन्होंने 2007 के विश्व कप में उसी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ च4 विकेट लिए और बांग्लादेश को नाटकीय जीत दर्ज करा दुनिया को हैरान कर दिया। 2006 में उन्होंने नैरोबी में केन्या के खिलाफ 26 रन देकर 6 विकेट लिए।
वर्तमान में वह युवा प्रतिभाओं को तैयार करने और विकसित करने की ज़िम्मेदारी भी अदा करते है। बांग्लादेश के युवा क्रिकेटरों ने भी अपनी सफलता का श्रेय मुर्तजा को दिया है।