फिरोज शाह कोटला मैदान पर मुम्बई इंडियंस के खिलाफ मिली 146 रन की शर्मनाक हार के साथ ही दिल्ली की आईपीएल के इस सीजन की ये सातवीं हार हुई। मुम्बई के खिलाफ मिली इस हार ने जहां दिल्ली के लिए प्लेऑफ में पहुंचने की राह में मुश्किल खड़ी कर दी, वहीं इतने बड़े अंतर से मिली हार का असर दिल्ली के नेट रन रेट पर भी पड़ा है, जिससे आखिरी लीग मुकाबलों में प्लेऑफ में पहुंचने में दिल्ली को काफी दिक्कत हो सकती है। दिलचस्प बात ये है, कि दिल्ली के कप्तान जहीर खान काफी आशावादी दिखाई दे रहे हैं। मैच के बाद प्रेस वार्ता में जहीर ने कहा “ये सिर्फ मुकाबले जीतने की बात है, अभी भी प्लेऑफ मुमकिन है।” हालांकि, अंक तालिका पर नजर डालें, तो दिल्ली के फैंस के लिए भी दिल्ली का प्लेऑफ में पहुंचना किसी करिश्मे से कम नहीं होगा। लेकिन जैसा हमने आईपीएल के इतिहास में देखा है, यहां ऐसे कई कारनामे हुए हैं, जिसके बाद कहा जा सकता है कि दिल्ली के पास मौका है टॉप-4 में पहुंचने का। दिल्ली को प्लेऑफ में क्वॉलिफाई करने के लिए इन पांच बातों की भूमिका अहम है। दिल्ली डेयरडेविल्स को अपने बाकी सारे मुकाबले जीतने होंगे दिल्ली डेयरडेविल्स को आईपीएल में बने रहने के लिए अपने बाकी बचे सारे मुकाबले जीतने होंगे। क्योंकि अब दिल्ली के लिए हर मुकाबला नॉकआउट मैच की तरह ही होगा, एक हार दिल्ली को आईपीएल के इस सीजन से बाहर कर सकती है। 11 मुकाबलों के बाद, दिल्ली को सिर्फ चार मौचों की जीत हासिल हुई है जिससे अंक तालिका में दिल्ली 8 अंकों के साथ 7वें नम्बर पर है। 10 मई को दिल्ली को गुजरात के खिलाफ कानपुर में खेलना है। गुजरात पहले ही प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो चुकी है इसलिए रैना एंड कम्पनी बेखौफ होकर मैदान में उतरेगी क्योंकि अब उनके पास खोने के लिए कुछ नहीं बचा। इस मुकाबले में दिल्ली को गुजरात की ताकत यानि बल्लेबाजी को सीमित रनों पर रोकना होगा और दिल्ली के गेंदबाज ऐसा करिश्मा करने में काबिल हैं। 12 मई को दिल्ली अपने होम ग्राउंड में पुणे सुपरजायंट्स के खिलाफ भिड़ेगी। ये मुकाबला दिल्ली के लिए काफी अहम होगा क्योंकि पुणे इस वक्त अपने शानदार फॉर्म में है। पुणे के कई दिग्गज खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में बेहद बेहतरीन फॉर्म में है और जिस तरह से पुणे ने दमदार प्रदर्शन किया है उसे देखने से लगता है कि वो आखिरी दो में अपनी जगह बनाएगी। वहीं दूसरी ओर दिल्ली के लिए आईपीएल का ये सीजन कोई खास कमाल नहीं कर पाया, हालांकि पुणे के खिलाफ दिल्ली के बल्लेबाज कमाल करने का माद्दा रखते हैं। 14 मई को दिल्ली का आखिरी मुकाबला रॉयल चैलेंजर बैंगलोर से होगा। आरसीबी के लिए ये आईपीएल किसी बुरे सपने से कम नहीं है। दिल्ली की मजबूत गेंदबाजी आरसीबी के बल्लेबाजी आक्रमण को रोकने में अहम भूमिका निभा सकती है क्योंकि इस समय आरसीबी के बल्लेबाज अपनी खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। अगले पांच दिनों में खेले जाने वाले दिल्ली के ये तीन मुकाबले किसी कड़ी परीक्षा से कम नहीं हैं लेकिन दिल्ली के पास ऐसे कई शानदार खिलाड़ी हैं जो ऐसे मुश्किल हालात में दिल्ली की किस्मत बदलने का साहस रखते हैं। दिल्ली अगर ये तीनों मुकाबले जीत जाती है, तो दिल्ली को 6 अंक मिलेंगे और अंक तालिका में दिल्ली के कुल 14 अंक हो जाएंगे। 14 अंकों के साथ, दिल्ली टॉप-4 में पहुंचने की प्रबल दावेदार हो जाएगी, बशर्ते बाकी टीमों के परिणाम भी उस अनुरूप आएं। अगर सनराइजर्स बाकी दो मुकाबले हार जाते हैं तो सनराइजर्स हैदराबाद 12 मुकाबलों में से 6 में जीत दर्ज कर चुकी है, और एक और जीत के बाद हैदराबाद दिल्ली को बाहर कर देगी। इसलिए दिल्ली को दुआ करनी होगी कि हैदराबाद अपने दोनों मुकाबले हार जाए। डिफैंडिंग चैम्पियन का आगाज शानदार रहा लेकिन उसके बाद वो लय से भटक गए और बल्लेबाजी में मध्यक्रम भी हैदराबाद के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। हैदराबाद की ये परेशानी उनकी बाकि दो मुकाबलों में भी असर डाल सकती हैं। 8 मई को हैदराबाद का सामना आईपीएल की सबसे ताकतवर टीम मुमबई इंडियंस से होगा जबकि 13 मई को वो गुजरात से भिड़ेंगे। इन दोनों टीमों के खिलाफ हैदराबाद सनराइजर्स को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। अगर हैदराबाद बचे हुए दो मुकाबले हार जाती है और दिल्ली सारे मुकाबले जीत जाती है, तो हैदराबाद की टीम दिल्ली से पिछड़ जाएगी। अगर पंजाब बाकी बचे 3 मैचों में एक से ज्यादा जीत हासिल नहीं करती तो जो बातें दिल्ली को प्लेऑफ में पहुंचाने के लिए सबसे जरुरी हैं, उनमें ये सबसे मुश्किल है। पंजाब ने 11 मैचों में से पांच में जीत हासिल की है, और बाकी बचे 3 मैचों में से अगर वो दो भी जीतने में कामयाब होते हैं, तो वो प्लेऑफ में पहुंच जाएंगे। पंजाब को 9 मई को केकेआर व 11 मई को मुम्बई और 14 मई को पुणे के खिलाफ मैदान पर उतरना है। अगर पंजाब 6 जीत ही हासिल कर पाती है, तो दिल्ली के पास मौका होगा प्लेऑफ में क्वॉलिफाई करने का। हालांकि दिल्ली के लिए अच्छी बात यह है कि पंजाब की टीम चार में से अपने तीन मुकाबले अंक तालिका की शीर्ष 3 टीमों के खिलाफ खेलेगी। अगर टॉप 3 में कोई बदलाव नहीं हुआ तो दिल्ली के लिए प्लेऑफ में क्वॉलिफाई करने के लिए टॉप-3 टीमों का प्रदर्शन भी काफी महत्वपूर्ण है। इस वक्त मुम्बई इंडियंस टॉप पर है, जबकि राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स नम्बर दो और केकेआर नम्बर तीन पर है। इन टॉप 3 टीमों ने 7 या उससे ज्यादा जीत हासिल की है, और दिल्ली इनसे आगे नहीं निकल सकती। इसलिए अच्छा होगा अगर ये तीनों टीम टॉप-3 में बरकरार रहें। अगर इस टॉप-3 में कोई बदलाव नहीं होता है, तो दिल्ली के लिए नम्बर चार पर पहुंचना मुश्किल नहीं होगा। अगर कोई और टीम टॉप-3 में प्रवेश करती है, तो केकेआर या पुणे एक स्थान नीचे नम्बर चार पर पहुंच जाएंगी और दिल्ली बाहर हो जाएगी। नेट रन रेट अगर ये चारों बातों दिल्ली के पक्ष में होती हैं, तो दिल्ली को नेट रन रेट के बारे में सोचने की ज्यादा जरुरत नहीं होगी। लेकिन खुद को सुरक्षित रखने के लिए दिल्ली नेट रन रेट को बेहतर करने के लिए भी मेहनत करनी होगी। मुम्बई के खिलाफ मिली शर्मनाक हार से दिल्ली का नेट रन रेट बुरी तरीके से बिगड़ चुका है और इस वक्त दिल्ली का नेट रन रेट -0.660 है। अगर दिल्ली अपने बाकी बचे तीनों मैच जीत जाती है तो दिल्ली का नेट रन रेट भी बेहतर हो जाएगा। दिल्ली को कोशिश करनी चाहिए कि वो अपना नेट रन रेट पॉजिटिव करे जिससे उसे अपनी जगह पक्की करने में मदद मिले। अगर पंजाब 7 मुकाबले जीतने में कामयाब होती है तो फिर दिल्ली और पंजाब की बीच टक्कर हो सकती है। जिसका बेहतर नेट रन रेट होगा वो टीम टॉप-4 में एंट्री करेगी। इस वक्त पंजाब का नेट रन रेट +0.292 है। इसलिए दिल्ली को नेट रन रेट ध्यान में रखकर मैदान पर उतरना होगा। हालांकि दिल्ली बड़े अंतर से जीत की जरुरत नहीं है लेकिन मुकाबले को आखिरी ओवर तक ले जाने से दिल्ली को परेशानी में डाल सकता है।