श्रीलंका के पूर्व कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने श्रीलंकाई टीम को लेकर बड़ा बयान दिया है, उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में उन्होंने नेशनल क्रिकेट देखना बंद कर दिया है। वह श्रीलंकाई टीम के प्रदर्शन और एडमिनिस्ट्रेटिव बोर्ड के काम को लेकर नाराज हैं, इसलिए वह अब नेशनल क्रिकेट नहीं देखते हैं। वर्ल्ड कप विजेता कप्तान रणतुंगा ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि श्रीलंका क्रिकेट को जिस ख़राब रवैये द्वारा एडमिनिस्ट्रेटिव बोर्ड चला रहा है, वह बेहद खराब है। मैं इसलिए नेशनल क्रिकेट नहीं देखता हूं, उन्होंने आगे कहा कि वह भारत और श्रीलंका के मुकाबले दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच चल रही टेस्ट सीरीज को ज्यादा पसंद करते हुए देख रहे हैं। रणतुंगा ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए श्रीलंकाई क्रिकेट की दुर्दशा को लेकर श्रीलंका के राष्ट्रपति मैथ्रिपाला सिरिसेना और प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे को ख़त लिखा है, जिसमें उन्होंने एडमिनिस्ट्रेटिव बोर्ड को अपना निशाना बनाते हुए कहा है कि टीम के प्रदर्शन के साथ बोर्ड की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह सही तरीके से अपने काम को करे, जिससे खेल में सुधार देखने को मिले लेकिन बोर्ड ऐसा करता नजर नहीं आ रहा है। श्रीलंका के लिए 93 टेस्ट, 269 वनडे मैच खेलने के अलावा 1996 में अपनी कप्तानी में श्रीलंकाई टीम को वर्ल्ड कप विजेता बनवा चुके रणतुंगा का यह बयान काफी मायने रखता है। वह श्रीलंकाई क्रिकेट के दिग्गज ख़िलाड़ी हैं लेकिन उनका यह कहना श्रीलंकाई क्रिकेट और खिलाड़ियों के लिए सही नहीं माना जा सकता। श्रीलंकाई टीम फ़िलहाल परिवर्तन के दौर से गुजर रही है, जहां उसे पराजय का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय टीम के खिलाफ चल रही टेस्ट सीरीज में भी वह अपना पहला मुकाबला 304 रनों से गवां चुकी है। ऐसे मैं दिग्गज खिलाड़ियों के इस तरह से बयान आने पर टीम का मनोबल गिरता है।