मैंने कभी रिकॉर्ड्स के लिए नहीं बल्कि खेल के प्रति प्यार के लिए खेला : झूलन गोस्वामी

महिला वन-डे इंटरनेशनल क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने वाली भारतीय तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने कहा है कि वो कभी रिकॉर्ड के लिए नहीं खेली और उनका मानना है कि दक्षिण अफ्रीका में चार देशों के क्रिकेट टूर्नामेंट में टीम की खिताबी जीत अगले महीने से शुरू होने वाले विश्व कप के लिए अच्छी तैयारी है। 34 वर्षीया गेंदबाज ने चार देशों के बीच हुई सीरीज के दौरान आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज कैथरीन फिट्जपैट्रिक का 180 विकेट का लगभग 10 साल पुराना रिकार्ड तोड़ा था। झूलन के नाम पर अब वन-डे में 185 विकेट दर्ज हैं। उन्होंने चार देशों के टूर्नामेंट के 21 मई को संपन्न फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 22 रन देकर तीन विकेट लिये थे। मध्यम गति की गेंदबाज ने दक्षिण अफ्रीका से यहां पहुंचने के बाद पत्रकारों से कहा, 'टीम खेल में व्यक्तिगत रिकॉर्ड ज्यादा मायने नहीं रखते। मैं कभी रिकॉर्ड के लिए नहीं खेली। मैं इस खेल को चाहती हूं और इसलिए खेलती हूं। जब आप खेल रहे होते हैं तो उपलब्धियां भी हासिल करते हैं।' झूलन के रिकॉर्ड को फिलहाल कोई खतरा नहीं है, क्योंकि सर्वाधिक विकेट लेने वाली गेंदबाजों की सूची में उनके बाद जो तीन नाम आते हैं वे सभी संन्यास ले चुकी हैं। इस सूची में झूलन के अलावा शीर्ष दस में एक अन्य भारतीय गेंदबाज नीतू डेविड भी शामिल हैं, जो चौथे स्थान पर हैं। नीतू ने 141 विकेट लिये हैं। झूलन ने कहा, 'मुझे खुशी है कि मैंने अपने करियर में कुछ उपलब्धियां हासिल की। मैंने हमेशा इस खेल को चाहा और जुनून के साथ इसे खेला और शायद इसलिए मैं यह उपलब्धियां हासिल कर पाई।' यह भी पढ़ें : महिला वन-डे क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज बनी झूलन गोस्वामी बता दें कि टूर्नामेंट के दौरान कई अन्य रिकॉर्ड भी बने। कप्तान मिताली राज 100 वन-डे में टीम की अगुवाई करने वाली पहली भारतीय और विश्व में तीसरी खिलाड़ी बनी। उनसे पहले इंग्लैंड की चार्लोट एडवर्ड्स ( 117 ) और ऑस्ट्रेलिया की बेलिंडा क्लार्क ( 101 ) 100 या इससे अधिक वनडे मैचों में कप्तानी कर चुकी थी। मिताली ने फाइनल में नाबाद 62 रन बनाये और पूनम राउत ( नाबाद 70 ) के साथ शतकीय साझेदारी निभाकर टीम को जीत दिलाई। टूर्नामेंट की दो अन्य टीमें जिम्बाब्वे और आयरलैंड थी। झूलन ने कहा, 'यह टूर्नामेंट काफी कड़ा था। विकेट काफी सख्त था और उसमें उछाल थी। हमने पूरे टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया। हम खिताब जीतने में सफल रहे जिससे अच्छा लग रहा है।' भारतीय टीम की असली परीक्षा हालांकि इंग्लैंड में विश्व कप में होगी जो उसका पहला मैच 24 जून को मेजबान से होगा। उन्होंने कहा, 'यह लंबी अवधि का टूर्नामेंट है और वह इंग्लैंड में होगा। यह काफी कड़ा होगा। आपको मानसिक तौर पर मजबूत होने की जरूरत है। विश्व कप काफी महत्वपूर्ण और वास्तविक लक्ष्य होता है। महिला क्रिकेटर आईसीसी टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करना चाहती हैं ताकि मंच तैयार हो सके।' भारत को मौजूदा चैंपियन ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और मेजबान इंग्लैंड के साथ ग्रुप ए में रखा गया है।

Edited by Staff Editor
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