मैं अपने बाकी बचे करियर का लुत्फ उठाना चाहता हूं: रोहित शर्मा

भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा ने अपने टेस्ट करियर को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि टेस्ट मैचो में अपने चयन को लेकर वो ज्यादा नहीं सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके उतार-चढ़ाव वाले टेस्ट करियर के बारे में सोचने का कोई मतलब नहीं बनता क्योंकि उनका आधा करियर बीत चुका है। रोहित अब केवल अपने बाकी बचे करियर का पूरा लुत्फ उठाना चाहते हैं। रोहित शर्मा ने टेस्ट मैचो में अपने रिकॉर्ड को लेकर कहा कि एक खिलाड़ी के रूप में आपके पास सीमित समय होता है और मैंने इसमें से लगभग आधा समय बिता दिया है। बाकी बचे आधे समय को यह सोचकर बिताने का कोई मतलब नहीं है कि मुझे चुना जाएगा या नहीं, इसलिए मैं बाकी बचे करियर का पूरा लुत्फ उठाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि मेरा हमेशा से यही मानना रहा है कि जो भी मौका मिले उसका पूरा फायदा उठाओ। उन्होंने आगे कहा कि 20 साल की उम्र में मेरा चयन भारतीय टीम में हो गया था और 26 साल की उम्र में मैंने अपना टेस्ट डेब्यू किया। हालांकि 2010 में मेरे पास डेब्यू करने का मौका था लेकिन चोट की वजह से ऐसा नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि इसके बाद मुझे एहसास हुआ कि जितना आप चाहते हैं उतना ही आपका रवैया भी बदल जाता है। रोहित ने कहा कि उस समय टीम में सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली जैसे दिग्गज खिलाड़ी थे इसलिए हमें अपनी बारी का इंतजार करना ही था। फिर मुझे एहसास हुआ कि इस बारे में सोचने का कोई मतलब ही नहीं बनता है। गौरतलब है सीमित ओवरों में जबरदस्त रिकॉर्ड रखने के बावजूद रोहित शर्मा का टेस्ट मैचो में रिकॉर्ड उतना अच्छा नहीं है। 25 टेस्ट मैचों में 39.97 की औसत से वो 1479 रन ही बना पाए हैं। दक्षिण अफ्रीका में खराब प्रदर्शन के कारण उन्हें अफगानिस्तान के खिलाफ 14 जून से शुरू होने वाले इकलौते टेस्ट के लिए टीम में नहीं चुना गया।